19 वर्षों तक चलती है शनि की महादशा, नौकरी, पद-प्रतिष्ठा और अकूत धन में होती है वृद्धि
शनि की महादशा 19 वर्षों तक चलती है और यह व्यक्ति के जीवन में गहरा प्रभाव डालती है. यदि कुंडली में शनि शुभ हो तो व्यक्ति को नौकरी, प्रतिष्ठा, धन-संपत्ति और भाग्य का साथ मिलता है. वहीं अशुभ शनि मानसिक तनाव, अपयश, आर्थिक हानि और व्यापार में नुकसान ला सकते हैं. शनि का प्रभाव उसकी स्थिति, युति और भावों पर निर्भर करता है. इसे न्यायप्रिय और कर्मफलदाता ग्रह माना जाता है, जो मकर और कुंभ राशि का स्वामी होता है.

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की महादशाओं का विशेष महत्व होता है. ज्योतिष में सभी नवग्रहों की 120 वर्षों तक महादशा चलती है. हर एक व्यक्ति के ऊपर अलग-अलग समय पर किसी न किसी ग्रह की महादशा जरूर चल रही होती है. ज्योतिष में महादशा चलने पर संबंधित जातकों की कुंडली में ग्रहों का शुभ या फिर अशुभ प्रभाव देखने को मिलता है. अगर किसी जातक की कुंडली में ग्रह योगकारक है तो उस ग्रह की महादशा चलने पर अच्छा लाभ मिलता है, वहीं अगर कुंडली में ग्रह अशुभ है तो महादशा चलने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है.
सभी 9 ग्रहों की महादशा इस प्रकार चलती है- सूर्य की 6 वर्ष, चंद्रमा की 10 वर्ष, मंगल की 7 वर्ष, बुध की 17 वर्ष, गुरु की 16 वर्ष, शुक्र की 20 वर्ष, शनि की 19 वर्ष, राहु की 18 वर्ष और केतु की 7 वर्ष की चलती है. आज हम आपको इन ग्रहों में शनि की महादशा के बारे में बात करने वाले हैं. ज्योतिष में शनि को कर्मफलदाता और न्याय का कारक ग्रह माना जाता है. इनको दो राशियों का स्वामित्व प्राप्त है मकर और कुंभ का. ये तुला राशि में उच्च के जबकि मेष में नीच के होते हैं. शनिदेव की महादशा 19 साल तक चलती है. आइए जानते हैं शनि की महादशा का जीवन पर पड़ने वाले शुभ-अशुभ प्रभाव.
शनि की महादशा पर व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव
कुंडली में जब शनि अशुभ हो तब महादशा का प्रभाव
शनि की महादशा 19 वर्षों तक चलती है. यानी कहने का मतलब यह कि जब किसी जातक की कुंडली में शनि की महादशा चलती है तो यह शनि 19 वर्षों तक एक्टिव रहता है. शनि की महादशा चलने पर कैसा प्रभाव पड़ता है यह जातक की कुंडली में इस बात पर निर्भर करता है शनि कुंडली में कैसे विराजमान हैं. अगर कुंडली में शनि नीच के हैं और अशुभ स्थान पर बैठे हैं तो शनि की महादशा चलने पर व्यक्ति के जीवन में कई तरह की मानसिक और धन संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा व्यक्ति के मान-सम्मान में गिरावट देखने को मिलती है. व्यक्ति के ऊपर झूठे आरोप लगते हैं. जो व्यक्ति व्यापार करता है उसको व्यापार में नुकसान उठाना पड़ता है. इसके अलावा अगर कुंडली में शनि के साथ राहु या फिर शनि के साथ चंद्रमा की युति किसी घर में बनती है तो व्यक्ति को अचानक से बड़ा नुकसान होने के साथ-साथ मानसिक रोगों का सामना करना पड़ता है.
कुंडली में जब शनि शुभ हो तब महादशा का प्रभाव
जब किसी जातक की कुंडली में शनि उच्च स्थान पर हो, शुभ ग्रहों से युति संबंध बनाते हो और शुभ घर में विराजमान हो तो शनि की महादशा चलने पर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है. व्यक्ति को मान-सम्मान और धन -संपत्ति की प्राप्ति होती है. ऐसा व्यक्ति बहुत बड़ा कारोबारी होता है और उसे हमेशा किस्मत का साथ मिलता है. ऐसे लोग राजनीति में सफलता प्राप्त करता है और उच्च स्थान को प्राप्त करता है.