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Sawan 2025: सावन में कब मनाया जाएगा प्रदोष व्रत? जानिए तिथि, पूजा मुहूर्त और धार्मिक महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने से वे बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर एक मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. सावन के एक महीने के दौरान कई तिथियां आती हैं जिसमें शिव की पूजा और आराधना करने से भगवान प्रसन्न होते हैं. इस महीने प्रदोष व्रत भी है, जो बेहद खास माना जाता है.

Sawan 2025: सावन में कब मनाया जाएगा प्रदोष व्रत? जानिए तिथि, पूजा मुहूर्त और धार्मिक महत्व
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( Image Source:  Meta AI: Representative Image )
State Mirror Astro
By: State Mirror Astro

Updated on: 12 Aug 2025 7:59 PM IST

हिंदू धर्म में हर वर्ष आने वाले सावन के महीने का विशेष महत्व होता है. सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है क्योंकि भगवान भोलेनाथ को यह महीना बहुत ही प्रिय होता है. सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष आराधना की जाती है.

इस वर्ष सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 9 अगस्त तक चलेगा. सावन के महीने में सोमवार व्रत, सावन मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत का काफी महत्व होता है. इस बार सावन के महीने में आने वाला प्रदोष व्रत 22 जुलाई को है. मंगलवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण यह भौम प्रदोष होगा. आइए जानते हैं सावन के महीने में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का महत्व और पूजा विधि.

सावन 2025 प्रदोष व्रत तिथि

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है. इसमें दिनभर उपवास रखते हुए शिवजी की पूजा और मंत्रोचार किया जाता है. वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार सावन माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है. इस बार सावन प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 जुलाई 2025 को पड़ रही है. यह तिथि सुबह 07 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 23 जुलाई को सुबह 04 बजकर 38 मिनट पर होगा.

पूजा का शुभ मुहूर्त

प्रदोष व्रत में भगवान शिवजी के साथ.साथ माता पार्वती की भी पूजा विधि.विधान के साथ की जाती है. इस दिन भगवान शिव की पूजा के लिए समय शाम 07 बजकर 19 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. भगवान शिव की पूजा के लिए प्रदोष काल का समय बहुत ही शुभ होता है.

व्रत का महत्व

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है. भगवान शिव की पूजा और उनका आशीर्वाद पाने के लिए त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस व्रत को रखने से जीवन में सुख.शांति की प्राप्ति होती है. वार के आधार पर पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष, भौम प्रदोष, गुरु प्रदोष और शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है. इस बार सावन के महीने में पड़ने वाला प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन पड़ रहा है जिसके कारण यह भौम प्रदोष कहलाया जाएगा. कुंडली में मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों से मुक्ति पाने के लिए प्रदोष व्रत बहुत शुभ माना जाता है. इससे शिव जी के साथ.साथ हनुमानजी का भी आशीर्वाद मिलता है.

व्रत की पूजन सामग्री

सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करना बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसे में सावन के महीने में पड़ने वाले प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने के लिए गंगाजल, जल, दूध, दही, शहद , बेलपत्र, भांग, धतूरा और भस्म आदि की जरूरत होती है.

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