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Pithori Amavasya 2025: शनिदोष से छुटकारा चाहिए? पिठोरी अमावस्या के दिन करें ये 5 चमत्कारी उपाय

शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव की पूजा करने का विशेष महत्व होता है. सभी नवग्रहों में शनिदेव को न्याय और कर्मों के आधार पर शुभ और अशुभ फल देने वाले देवता माने जाते है.

Pithori Amavasya 2025: शनिदोष से छुटकारा चाहिए? पिठोरी अमावस्या के दिन करें ये 5 चमत्कारी उपाय
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( Image Source:  Meta AI: Representative Image )
State Mirror Astro
By: State Mirror Astro

Updated on: 20 Aug 2025 6:19 PM IST

23 अगस्त को भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि है. हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है. भादो माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को कुशग्रहणी और पिठोरी अमावस्या के नाम से जाना जाना है. इस बार की भादो माह की अमावस्या तिथि शनिवार के दिन पड़ रही है जिसके कारण इसे शनिश्चरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म शनिश्चरी अमावस्या का खास महत्व होता है. शनिवार और अमावस्या के योग में शनिदेव की पूजा करना और उनको सरसों के तेल से अभिषेक करना बहुत ही शुभ फलदायी होता है.

अमावस्या पर शनिदेव की पूजा करने से पितृदोषों से मुक्ति मिलती है और इस दिन कुछ उपाय करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. पिठोरी अमावस्या पर पितरों को शांति, जीवन में सुख-समृद्धि और संतान की मंगलकामना के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं.

पिठोरी अमावस्या का धार्मिक महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि पर पितरों का ध्यान और तर्पण करने से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि पितरों की कृपा से संतान दीर्घायु, अच्छी सेहत और तेजस्वी होती है. पिठोरी अमावस्या का संबंध माता दुर्गा और मातृशक्ति से भी माना गया है.

सरसों के तेल का दीपक जलाएं

पिठोरी अमावस्या के दिन शनिदेव की पूजा करने और इस दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे और शनि मंदिर पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें. इस उपाय से शनि दोषों से मुक्ति मिलती है और कार्यों में आ रही परेशानियां भी दूर होती हैं.

काले तिल और उड़द दें

शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनिदेव को काले तिल, काली उड़द की दाल, लोहा और काला छाता का दान करना बहुत ही शुभ साबित होगा. पिठोरी अमावस्या पर दान करने से शनि दोष कम होता है और पापों का नाश होता है.

शनि चालीसा और शनि स्तोत्र का पाठ करें

अमावस्या तिथि पर शनिदेव की कृपा पाने के लिए और मानसिक शांति के लिए शनि चालीसा, दशरथकृत शनि स्तोत्र या हनुमान चालीसा का पाठ करना विशेष फलदायी होता है.

सरसों का तेल शनिदेव को चढ़ाएं

पितरों का आशीर्वाद पाने और शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पिठोरी अमावस्या पर शनि की प्रतिमा पर सरसों के तेल से अभिषेक करें और काले तिल अर्पित करें. यह उपाय जीवन में चल रही रुकावटों को समाप्त करता है और सफलता दिलाता है.

इन जानवरों को भोजन कराएं

शनिदोषों से मुक्ति पाने के लिए और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कौवे, काले कुत्ते या गाय को रोटी और तिल मिश्रित भोजन खिलाएं.

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