Margashirsha Amavasya 2024: कब है मार्गशीर्ष अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त, स्नान-दान का महत्व
हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष का महीना भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है. इस माह की अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या कहा जाता है. इस दिन स्नान, दान, तर्पण और पिंडदान का विशेष महत्व होता है.

Margashirsha Amavasya 2024: हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष का महीना भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है. इस माह की अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या कहा जाता है. इस दिन स्नान, दान, तर्पण और पिंडदान का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इस दिन किए गए शुभ कार्यों से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
मार्गशीर्ष अमावस्या 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त
- अमावस्या तिथि: 1 दिसंबर २०२४
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:08 से 6:02 तक
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:49 से दोपहर 12:31 तक
- राहुकाल: शाम 4:05 से 5:24 तक
स्नान-दान का शुभ समय
मार्गशीर्ष अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है. यदि नदी में स्नान संभव न हो, तो घर पर स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. स्नान के बाद जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करें.
पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान का समय
- तर्पण का समय: सुबह स्नान के बाद से दिनभर किया जा सकता है.
- पिंडदान: दोपहर 11:00 बजे से 3:00 बजे तक.
तर्पण और पिंडदान के लिए कुशा और तिल का उपयोग करना बेहद शुभ माना जाता है.
महत्व और लाभ
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा, गीता के श्लोकों का पाठ और उनके मंत्रों का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. साथ ही, पितरों के लिए श्राद्ध और पिंडदान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
मार्गशीर्ष अमावस्या पर किए गए दान और पूजा से न केवल पितरों की कृपा मिलती है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का प्रवाह भी होता है. इस दिन विधिपूर्वक पूजा करके भगवान श्रीकृष्ण और पितरों का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करें.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.