Hanuman Jayanti 2025: बजरंग बली को क्यों प्रिय है नारंगी सिंदूर? श्री राम से जुड़ा रहस्य
हनुमान जी की पूजा का महत्व विशेष रूप से भक्तिपूर्ण समर्पण, शक्ति, और साहस से जुड़ा हुआ है. वे अपने भक्तों की हर समस्या का समाधान करने के लिए तत्पर रहते हैं. उनकी पूजा से न केवल शारीरिक और मानसिक बल मिलता है, बल्कि भक्तों की इच्छाएं भी पूरी होती हैं.

भगवान हनुमान को बजरंग बली, महावीर,और पवनपुत्र भी कहा जाता है. वे भगवान श्री राम के परम भक्त और उनके साथ रामायण के महानायक के रूप में प्रसिद्ध हैं. भगवान हनुमान का रूप अत्यंत शक्तिशाली है, जो उनके अद्वितीय बल, साहस, भक्ति और समर्पण को दर्शाता है.
हिंदू धर्म में हर साल दो बार हनुमान जयंती मनाई जाती है. इस बार 12 अप्रैल को यह त्यौहार मनाया जाएगा. पवनपुत्र शरीर नारंगी रंग से रंगा होता है. वहीं उनके हाथ में गदा और सिर पर मुकुट सजा होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर भगवान हनुमान को नारंगी सिंदूर क्यों प्रिय है?
मां सीता लगाती थीं सिंदूर
पौराणिक कथा के मुताबिक एक बार जब हनुमान जी ने माता सिता को सिंदूर लगाते हुए देखा, तो उन्हें इस बात की उत्सुकता हुई कि आखिर वह इसे क्यों लगा रही हैं. इस पर बजरंग बली ने सीता से इसका कारण पूछा, जिस पर जनक नंदनी ने बताया कि प्रभु श्रीराम की लंबी आयु के लिए वह मांग में सिंदूर लगाती हैं.
लंबी उम्र है कारण
वहीं, हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त थे. ऐसे में उन्होंने सोचा कि अगर वह यह सिंदूर अपने पूरे शरीर पर लगा लेंगे, तो प्रभु श्रीराम अमर हो जाएंगे. इस कारण से उन्हें अपना शरीर सिंदूर से रंग लिया.
श्री राम के प्रति अटूट भक्ति
हनुमान जी भगवान राम के सबसे बड़े भक्त थे. प्रभु राम के लिए उनकी भक्ति और समर्पण अटूट है. उन्होंने मां सीता को लंका से वापस लाने से मदद की. साथ ही, अपना जीवन प्रभु राम की सेवा में लगा दिया था. हनुमान जी की भक्ति और सेवा ने उन्हें भगवान राम के सबसे महान भक्तों में से एक बना दिया.