देवउठनी एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक, इन 5 दिनों में तुलसी पर दीप जलाने से होगा धनलक्ष्मी का वास
कार्तिक मास हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की भक्ति के लिए सबसे पवित्र माना गया है. मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति पूरे कार्तिक माह में भगवान विष्णु की पूजा नहीं कर पाया हो, तो उसे अंतिम 5 दिनों में विशेष नियमों का पालन कर तुलसी पर दीप जलाने से संपूर्ण मास का पुण्य प्राप्त हो सकता है.

Kartik Maas 2024: कार्तिक मास हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की भक्ति के लिए सबसे पवित्र माना गया है. मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति पूरे कार्तिक माह में भगवान विष्णु की पूजा नहीं कर पाया हो, तो उसे अंतिम 5 दिनों में विशेष नियमों का पालन कर तुलसी पर दीप जलाने से संपूर्ण मास का पुण्य प्राप्त हो सकता है. महाभारत में भीष्म पितामह ने धर्मराज युधिष्ठिर को इन नियमों का महत्व बताया है. आइए जानें इन नियमों और तुलसी पूजा के लाभ.
तुलसी पर 5 दिन तक जलाएं दीपक
कार्तिक मास के आखिरी 5 दिनों में प्रतिदिन सुबह और शाम तुलसी के पेड़ के नीचे शुद्ध घी का दीपक जलाने का नियम है. शुद्ध देसी घी का दीपक जलाने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. साथ ही, घर के मंदिर में भी घी का दीप जलाना चाहिए. जो लोग नदी किनारे रहते हैं, उन्हें गंगा या यमुना में दीप प्रवाहित करना चाहिए. अगर रोजाना यह संभव न हो, तो पूर्णिमा के दिन अवश्य करें. ऐसा करने से कार्तिक मास के पूरे माह की पूजा का फल मिलता है.
कार्तिक मास के अंतिम 5 दिनों के नियम
- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान: सुबह 4 से 5 बजे के बीच स्नान करें.
- व्रत और सात्विक भोजन: इन दिनों में अन्न और नमक का त्याग कर व्रत करें. अगर पूर्ण व्रत संभव न हो, तो सात्विक भोजन ग्रहण करें और प्याज-लहसुन का प्रयोग न करें,
- ब्राह्मण भोजन: अगर संभव हो, तो रोज एक ब्राह्मण को भोजन कराएं. अन्यथा, अंतिम दिन यानी पूर्णिमा पर यह नियम निभाएं.
- गाय और अन्य जीवों का भोजन: इन दिनों में गायों और अन्य जीवों को भोजन देना चाहिए.
- ब्रह्मचर्य का पालन करें: इन 5 दिनों में जमीन पर सोएं, सत्य बोलें और ब्रह्मचर्य का पालन करें.
शिवजी के समक्ष दीपक जलाएं
कहते हैं कि कार्तिक मास के आखिरी 5 दिनों में भगवान शिव के सामने घी का दीपक जलाने से व्यक्ति स्वर्गलोक में प्रतिष्ठित होता है और उसे ब्रह्मलोक तक का मार्ग मिल सकता है.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.