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भूलकर भी देवउठनी एकादशी के दिन न करें ये 5 काम, वरना भगवान विष्णु हो जाएंगे नाराज

हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व है. यह वह पावन दिन है जब भगवान विष्णु चार महीने की योग निंद्रा से जागते हैं और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। इस साल देवउठनी एकादशी 12 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी. आइए जानते हैं कि इस दिन कौन-कौन से काम करने से बचना चाहिए.

भूलकर भी देवउठनी एकादशी के दिन न करें ये 5 काम, वरना भगवान विष्णु हो जाएंगे नाराज
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 8 Nov 2024 8:48 PM

Dev Uthani Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व है. यह वह पावन दिन है जब भगवान विष्णु चार महीने की योग निंद्रा से जागते हैं और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। इस साल देवउठनी एकादशी 12 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी. आइए जानते हैं कि इस दिन कौन-कौन से काम करने से बचना चाहिए.

तुलसी के पत्ते तोड़ना है वर्जित

देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और तुलसी माता की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन शालिग्राम के साथ तुलसी का विवाह कराया जाता है. ऐसे में तुलसी के पत्ते तोड़ना अशुभ माना जाता है. यह धार्मिक आस्था के विरुद्ध है और इसे भगवान का अनादर माना जाता है.

तामसिक भोजन से करें परहेज

इस एकादशी के दिन तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन, अंडा, मांस और शराब का सेवन वर्जित होता है. इस दिन सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए. अगर आप व्रत नहीं रख रहे हैं, तो भी सादे भोजन का पालन करें ताकि पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके.

चावल का सेवन न करें

शास्त्रों के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन चावल का सेवन निषेध होता है. मान्यता है कि इस दिन चावल का सेवन करने से शरीर में आलस्य बढ़ता है, जो कि एकादशी के व्रत के नियमों के विरुद्ध है. इसलिए गलती से भी चावल या उससे बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.

विवाद और झगड़ों से रहें दूर

देवउठनी एकादशी के दिन किसी भी प्रकार के झगड़े और वाद-विवाद से बचना चाहिए. बुजुर्गों का अनादर न करें और परिवार में शांति बनाए रखें. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन झगड़ा करने से लक्ष्मी जी नाराज हो सकती हैं.

दिन में न करें सोने की गलती

एकादशी के दिन दिन में सोना वर्जित है. इस दिन पूजा-पाठ, धार्मिक ग्रंथों का पाठ और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना उत्तम माना जाता है. दिन में सोने से व्रत का फल प्रभावित होता है और इसे अशुभ माना गया है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.


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