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Darsh Amavasya 2024: दर्श अमावस्या के दिन करें ये 5 आसान उपाय, दूर होंगे पितृ दोष और आएगी सुख-शांति!

हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का विशेष महत्व है. इसे पितरों को समर्पित दिन माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन पितृ लोक से पितर धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देकर उनकी हर समस्या का समाधान करते हैं

Darsh Amavasya 2024: दर्श अमावस्या के दिन करें ये 5 आसान उपाय, दूर होंगे पितृ दोष और आएगी सुख-शांति!
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 30 Nov 2024 9:53 PM

Darsh Amavasya 2024: हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का विशेष महत्व है. इसे पितरों को समर्पित दिन माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन पितृ लोक से पितर धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देकर उनकी हर समस्या का समाधान करते हैं. इस दिन पितरों की शांति के लिए पूजा, तर्पण और दान करना बहुत शुभ होता है.

दर्श अमावस्या 2024 का शुभ मुहूर्त

मार्गशीर्ष महीने की दर्श अमावस्या तिथि 30 नवंबर को सुबह 10:29 बजे से शुरू होकर 1 दिसंबर को सुबह 11:50 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार, दर्श अमावस्या का पर्व 30 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा.

दर्श अमावस्या पर करें ये खास उपाय

1. पीपल की पूजा

पीपल के पेड़ को पितरों का वास माना जाता है. इस दिन पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें और तिल के तेल का दीपक जलाएं. इससे पितरों को शांति मिलती है और पितृ दोष का निवारण होता है.

2. श्राद्ध और पिंडदान

पितरों के लिए श्राद्ध और पिंडदान करना इस दिन अत्यंत शुभ माना जाता है. विधिपूर्वक किए गए श्राद्ध कर्म से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनका आशीर्वाद मिलता है.

3. दान का महत्व

काले तिल, अन्न, और वस्त्र का दान करें. गरीबों को भोजन कराएं और गाय को चारा खिलाएं. यह पितरों को तृप्ति देता है और जीवन में सुख-शांति लाता है.

4. शिव पूजा

इस दिन शिव मंदिर जाकर भगवान शिव की पूजा करें. भगवान शिव से प्रार्थना करें कि आपके पितरों को शांति मिले और उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहे.

5. मंत्र जाप

दर्श अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए मंत्रों का जाप करें. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में समृद्धि आती है.

दर्श अमावस्या का महत्व

दर्श अमावस्या न केवल पितरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है, बल्कि यह पितृ दोष को दूर करने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने का अवसर भी है. इस दिन किए गए दान और पूजा से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि आती है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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