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Year Ender 2025: 75 हार्ड चैलेंज से लेकर AI फिटनेस कोच तक, 2025 के फिटनेस ट्रेंड्स जिन्होंने सबको चौंका दिया

साल 2025 फिटनेस की दुनिया के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हुआ. यह साल सिर्फ वजन घटाने, जिम में घंटों पसीना बहाने या परफेक्ट बॉडी बनाने का नहीं रहा, बल्कि खुद को अंदर से मजबूत करने का साल बन गया. 75 हार्ड चैलेंज जैसे मेंटल टफनेस टेस्ट से लेकर AI फिटनेस कोच जैसी हाई-टेक सुविधाओं तक, 2025 में फिटनेस ने इंसान की लाइफस्टाइल में नई जगह बना ली.

Year Ender 2025: 75 हार्ड चैलेंज से लेकर AI फिटनेस कोच तक, 2025 के फिटनेस ट्रेंड्स जिन्होंने सबको चौंका दिया
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( Image Source:  AI SORA )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 25 Dec 2025 6:29 PM IST

साल 2025 अब धीरे-धीरे विदा लेने को है. जब हम इस साल की तस्वीर को पीछे मुड़कर देखते हैं, तो साफ नजर आता है कि फिटनेस का मतलब अब सिर्फ वजन घटाना या सिक्स पैक एब्स बनाना नहीं रह गया है. यह साल शरीर के साथ-साथ दिमाग को समझने, सुनने और संभालने का रहा. लोगों ने खुद से सवाल किया, क्या मैं सच में फिट हूं या सिर्फ थका हुआ दिखने वाला एक्टिव इंसान?

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इसी सवाल ने 2025 में फिटनेस की दुनिया को एक नई दिशा दी. जिम की चार दीवारों से निकलकर फिटनेस गलियों, पार्कों, मोबाइल ऐप्स और यहां तक कि वर्चुअल दुनिया तक पहुंच गई. आइए जानते हैं उन फिटनेस ट्रेंड्स के बारे में, जिन्होंने 2025 में सभी को चौंका दिया.

10K स्टेप्स रीबूट ट्रेंड

सुबह की हल्की ठंड, हाथ में कॉफी का मग और साथ में कुछ जाने-पहचाने चेहरे-2025 की सुबहें कुछ ऐसी ही होने लगीं. अकेले ईयरफोन लगाकर दौड़ने के बजाय लोगों ने ग्रुप में पैदल चलना चुना. शहरों में ‘वॉकिंग क्लब’ बने, जहां 10,000 कदम पूरे करना सिर्फ फिटनेस टारगेट नहीं, बल्कि एक सोशल रिचुअल बन गया. बातचीत, हंसी और हल्की एक्सरसाइज ने इसे सबसे आसान और टिकाऊ फिटनेस आदत बना दिया.

75 हार्ड चैलेंज

2025 में इंटरनेट पर अगर किसी फिटनेस ट्रेंड ने सबसे ज्यादा चर्चा बटोरी, तो वह था ‘75 हार्ड चैलेंज’. यह कोई आसान फिटनेस प्लान नहीं था, बल्कि खुद से किया गया वादा. लगातार 75 दिन, बिना बहाने- वर्कआउट, साफ डाइट, भरपूर पानी. कई लोग बीच में टूटे, कई संभले, लेकिन जिन्होंने इसे पूरा किया, उन्होंने एक बात मानीअसल ताकत मसल्स में नहीं, माइंडसेट में होती है.

AI फिटनेस कोच ट्रेंड

2025 में टेक्नोलॉजी ने फिटनेस को लोकतांत्रिक बना दिया. अब महंगे जिम ट्रेनर की जरूरत नहीं रही. मोबाइल ऐप्स में मौजूद AI कोच लोगों की नींद, स्ट्रेस और बॉडी डेटा देखकर रोज का वर्कआउट तय करने लगे. यह ऐसा था जैसे हर इंसान के पास उसका खुद का पर्सनल ट्रेनर हो- जो न डांटता है, न जज करता है, बस गाइड करता है.

कोर्टिसोल-कॉन्शियस वर्कआउट

इस साल एक शब्द बार-बार सुनाई दिया- कोर्टिसोल. लोगों ने समझा कि बहुत ज्यादा हार्ड वर्कआउट शरीर को और ज्यादा तनाव में डाल सकता है. इसलिए लो-इंटेंसिटी एक्सरसाइज जैसे पिलाटेस, स्ट्रेचिंग और लंबी वॉक का चलन बढ़ा. मकसद शरीर को तोड़ना नहीं, बल्कि उसे संतुलित रखना था. फिटनेस अब सॉफ्ट, लेकिन असरदार हो गई.

स्मार्ट रिंग्स का ट्रेंड

भारी स्मार्टवॉच से ऊब चुके लोगों ने 2025 में स्मार्ट रिंग्स को अपनाया. यह छोटी सी अंगूठी कदम गिनने से लेकर नींद, हार्ट रेट और स्ट्रेस लेवल तक सब कुछ ट्रैक करने लगी. स्टाइलिश होने के साथ-साथ यह बेहद आरामदायक भी थी. फिटनेस अब दिखावे से ज्यादा सुविधा की तरफ बढ़ गई.

हाइब्रिड ट्रेनिंग

2025 में लोगों ने एक ही तरह की एक्सरसाइज से बोर होना छोड़ दिया. सुबह जिम में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और शाम को योग या साइकलिंग- हाइब्रिड ट्रेनिंग ने शरीर को ताकत और लचीलापन दोनों दिया. इसने यह साबित कर दिया कि फिटनेस में संतुलन ही असली कुंजी है.

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