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Holi 2025: ब्रज के अलावा पुष्कर की होली क्यों होती है खास? देश-विदेश से लोगों का लगता है जमावड़ा

होली की शुरुआत होलिका दहन से होती है. होलिका जलाने के अगले दिन रंगों से होली खेली जाती है. वहीं, ब्रज में बसंत पंचंमी से होली शुरू हो जाती है. बज्र, मथुरा, वृंदावन और बरसाना के अलावा, राजस्थान के पुष्कर की होली दुनिया भर में फेमस है.

Holi 2025: ब्रज के अलावा पुष्कर की होली क्यों होती है खास? देश-विदेश से लोगों का लगता है जमावड़ा
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( Image Source:  ANI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 8 March 2025 5:30 PM IST

होली के त्यौहार की रौनक देखने लायक होती है, जहां इस दिन पूरा देश रंगों में रंगा होता है. ब्रज में होली बसंत पंचमी से ही शुरू हो जाती है, क्योंकि यह त्यौहार विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण और राधा के प्रेम और रंग-बिरंगे खेलों का प्रतीक माना जाता है.

बसंत पंचमी को बसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है, जो रंगों, खुशबू और हरियाली का समय होता है. इसी समय राधा और कृष्ण के बीच के प्रेम और होली के खेल की यादें ताजगी से भर जाती हैं. ब्रज के अलावा, राजस्थान के पुष्कर की होली भी बेहद फेमस है. चलिए क्यों खास होती है पुष्कर में होली?

भगवान ब्रह्मा से है संबंध

पुष्कर में होली का त्योहार की रौनक देखने लायक होती है. यह जगह भगवान ब्रह्मा से जुड़ी हुई है. ब्रह्मा जी का मुख्य मंदिर यहीं स्थित है. यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं. वहीं, होली के दिन पुष्कर झील में नहाने की भी परंपरा है. यहां के लोगों का मानना है कि इससे पुण्य मिलता है.

लोक कला

पुष्कर की होली के दौरान न केवल रंगों से खेला जाता है, बल्कि लोकल म्यूजिक, डांस और लोक कला का अलग संगम देखने को मिलता है. यहां पर राजस्थान के पारंपरिक लोकगीत और भजन गाए जाते हैं, जो त्योहार की मस्ती को दोगुना कर देते हैं. होली के मौके पर स्थानीय लोग विशेष रूप से होली के गाने गाते हैं, जो कृष्ण के रंग-रंगीन लीलाओं से जुड़े होते हैं.

पुष्कर मेला और ऊंट की सवारी

होली के समय पुष्कर मेला भी लगता है, जो यहां की होली को और भी खास बनाता है. इस मेले में ऊंट, घोड़े, बग्गियां और लोकल सवारी देखने लायक होती है. लोग इन पर सवार होकर होली के रंगों में रंग जाते हैं.

पुष्कर झील में स्नान

होली के दिन पुष्कर झील में स्नान करने की परंपरा बहुत पुरानी है. यह स्नान पुण्यकारी माना जाता है और यहां के लोग इस दिन के लिए विशेष रूप से तैयार होते हैं. स्नान करने के बाद लोग होली के रंगों में रंगते हैं और पूरे दिन उल्लास और खुशी में लिप्त रहते हैं.

होली 2025
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