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क्या है Vertigo अटैक? जिसका शिकार हो चुके हैं आश्रम के निराला बाबा, पैरों तले खिसक जाती है जमीन

वेब सीरीज आश्रम के एक्टर निराला बाबा वर्टिगो का शिकार हैं. बॉबी देओल ने खुद एक इंटरव्यू में अपनी बीमारी का खुलासा किया था. उन्होंने बताया कि फिल्म एनीमल की रिलीज और आश्रम के रीलिज पर चक्कर आए थे. ये सब वर्टिगो के कारण हुआ था. उन्होंने कहा कि उस समय वो काफी ज्यादा नर्वस थे.

क्या है Vertigo अटैक? जिसका शिकार हो चुके हैं आश्रम के निराला बाबा, पैरों तले खिसक जाती है जमीन
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( Image Source:  Social Media: Instagram (Bobby Deol) )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 4 March 2025 8:17 PM IST

बॉलीवुड एक्टर बॉबी देओल इन दिनों अपनी लेटेस्ट वेब सीरीज 'आश्रम 3' को लेकर सुर्खियों में शुमार हैं. इस सीरीज का डायरेक्शन प्रकाश झा ने किया है. भले ही इस सीरीज में बाबा निराला का नेगेटिव रोल निभाया हो. इसके बावजूद भी उन्होंने लोगों के दिलों में अलग छाप छोड़ी है. वहीं सीरीज के प्रमोशन के दौरान 'बाबा निराला' उर्फ बॉबी देओल ने अपनी हेल्थ को लेकर एक अपडेट दिया.

उन्होंने बताया कि जिस समय ये सीरीज रिलीज होने वाली थी. उस दौरान वो काफी नर्वस थे. उनकी ये नर्वसनेस इस कदर बढ़ जाती थी कि वर्टिगो अटैक आने लगता था. वर्टिगो अटैक को लेकर उन्होंने बड़ा अपडेट दिया जिसने उनके फैंस को हैरान कर दिया. अब ऐसे में आखिर ये वर्टिगो अटैक होता क्या है? आइए जानते हैं.

क्या होता है वर्टिगो अटैक?

एक्टर ने बताया कि उनके लिए ये नया नहीं है. क्योंकि इससे पहले भी इस समस्या से वो जूझ चुके हैं. लेकिन आश्रम सीरीज के रिलीज के टाइम ये समस्या और भी बढ़ गई क्योंकि वो ज्यादा नर्वस थे कि आखिर लोग उनकी परफॉर्मेंस पर कैसे रिएक्ट करेंगे. एक्टर जिस बीमारी का शिकार हुए उसमें किसी भी व्यक्ति को अचानक चक्कर आने लगता है. यहां तक की बॉडी पर अपना कंट्रोल नहीं रहता और बैलेंस खो देती है. कई मिनटों तक व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि उसका सिर तेजी से घूम रहा है. क्योंकि चक्कर इतनी तेज आ रहे होते हैं तो व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह भी हिलने का सोच नहीं सकता. हालांकि ये चक्कर आने से बहुत अलग होता है. कैसे? आइए जानते हैं.

यहां जानें वर्टिगो के लक्षण

अगर आप जानना चाहते हैं कि आखिर वर्टिगो अटैक आने पर कैसा महसूस होता है, तो बता दें कि जब व्यक्ति को अटैक आता है तो उसका जी मचलाना शुरू होता है. ऐसा लगता है कि आपको उल्टी आने वाली है. बैलेंस की समस्या, सिरदर्द, मोशन सिकनेस, यहां तक की कान भरा-भरा सा महसूस होता है. यह बीमारी भी इतनी गंभीर है कि कोई भी पीड़ित व्यक्ति को एक या फिर कई बार अटैक आ सकते हैं. जानकारी के अनुसार वर्टिगो अटैक का प्रभाव कुछ सेकेंड्स तक भी रह सकता है, तो कुछ घंटों के लिए भी. ऐसा महसूस हो सकता है कि आप अपनी बॉडी से बैलेंस खो रहे हैं. वहीं इसका इलाज भी सिर्फ दवा और एक्सरसाइज से ही किया जा सकता है.

दो प्रकार के होते हैं वर्टिगो

आपको बता दें कि वर्टिगो के दो प्रकार होते हैं. पहला पेरिफेरल वर्टिगो, दूसरा सेंट्रल वर्टिगो. दरअसल हमारे शरीर में बैलेंस बनाए रखने में वेस्टिबुलर नर्वस हमारी खूब मदद करता है. लेकिन जब इधर प्रॉबल हो तो पेरिफेरल वर्टिगो की समस्या हो सकती है. आप इसे एक तरह से इनर ईयर डिसऑर्डर के रूप में भी देख सकते हैं. सेंट्रल वर्टिगो की अगर बात करें तो दीमाग में किसी तरह की समस्या अगर पैदा हो तो सेंट्रल वर्टिगो का शिकार हो सकते हैं. सेंट्रल वर्टिगो में व्यक्ति को चलने में समस्या होती है.

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