'Unwanted Pregnancy' पर कंट्रोल! अब महिलाओं को नहीं खानी होगी गर्भ निरोधक गोलियां! पुरुषों के लिए बनी पहली गोली
Birth Control Pills: वैज्ञानिकों ने यूटिसी‑529 (YCT‑529) नाम की एक ऐसी दवा विकसित की है. यह हॉर्मोन की मदद के बिना पुरुषों के लिए एक गर्भ निरोधक गोली के रूप में काम करती है. बाजार में जब यह दवा आएगी, तो इसकी डोज लगभग 180 mg के आसपास होगी.

Nonhormonal Birth Control Pills: माता-पिता बनना किसी भी कपल के लिए जिंदगी का बहुत खूबसूरत एहसास होता है. एक बच्चे के आने के बाद सब कुछ बदल जाता है. लेकिन कई बार कुछ कपल बच्चा लेट करना चाहते हैं. अनवांटेड प्रेगनेंसी को रोकने के लिए महिलाएं गर्भ निरोधक गोलियां खा लेती हैं. अब पहली बार पुरुषों के लिए भी गर्भ निरोधक दवाई बनाई हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने यूटिसी‑529 (YCT‑529) नाम की एक ऐसी दवा विकसित की है. यह हॉर्मोन की मदद के बिना पुरुषों के लिए एक गर्भ निरोधक गोली के रूप में काम करती है. इसका इंसानों पर टेस्ट किया गया और रिजल्ट पॉजिटिव आया.
क्या है यूटिसी‑529 (YCT‑529)?
YCT‑529 गोली में एक विशेष यौगिक होता है जो विटामिन-A के एक रूप को इसके रिसेप्टर से नहीं जुड़ने देता, जिससे शुक्राणु का निर्माण रुक जाता है लेकिन हॉर्मोन का स्तर प्रभावित नहीं होता. हाल ही में यह जांच रिपोर्ट 'Communications Medicine' जर्नल में प्रकाशित हुई. फेज-1 क्लिनिकल टेस्ट में 32 से 59 वर्ष तक के 16 पुरुषों ने हिस्सा लिया, जिनमें से सभी की पहले से ही वेसक्टॉमी हो चुकी थी.
स्टडी में क्या निकला?
पुरुषों को एक निर्धारित अवधि में या तो 10 mg व 30 mg या फिर 90 mg व 180 mg की खुराक दी गई. साथ ही कुछ को प्लेसबो भी दिया गया. दवा को खाने के साथ और व्रत की स्थिति दोनों में जांचा गया. डॉक्टर्स को कोई साइड इफेक्ट्स नहीं दिखे. इस विशेष यौगिक का शरीर में प्रभाव आधे समय में कम होकर सामान्य हो जाता है, जिससे इसे केवल रोज एक बार लेने की संभावना मजबूत है.
शोधकर्ता उम्मीद कर रहे हैं कि बाजार में जब यह दवा आएगी, तो इसकी डोज लगभग 180 mg के आसपास होगी. अभी दवाई को लेकर और जांच की जा रही है. चूंकि यह दवा गैर‑हॉर्मोनल है. इसलिए यौन क्षमता, लिबिडो (कामुक इच्छा) या मूड में किसी भी बदलाव की संभावना बहुत कम है.
दवा का फेज-2 क्लीनिकल टेस्ट
YCT‑529 फेज‑1 ट्रायल छोटे पैमाने पर हुआ है, इसलिए अन्य दुष्प्रभावों का पता बाद की जांचों में चलेगा. यह दवा फिलहाल फेज-2 परीक्षणों में है, जहां इसे 28 और 90 दिनों तक टेस्ट किया जा रहा है. दवा को बाजार में आने में कई साल लग सकते हैं.