प्रेमानंद महाराज ने बताया नाबालिग बच्चे कैसे छुड़ाएं Masturbation की लत? देखें VIDEO
आज नाबालिग बच्चों को मास्टरबेशन की आदत लग गई है. इसके कारण कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं. इस पर प्रेमानंद महाराज ने बताया कि इस लत को कैसे छुड़ाया जा सकता है. साथ ही, माता-पिता को क्या करना चाहिए.

बचपन एक जिज्ञासु मन का समय होता है. जब बच्चा अपने शरीर और मन को समझने की प्रक्रिया में होता है. ऐसे में कभी-कभी बच्चे अकेले में अपने शरीर को छूने या संभोग अंगों से खेलने लगते हैं, जिसे सामान्य भाषा में मास्टरबेशन कहा जाता है. यह आदत अक्सर शारीरिक सुख की तलाश में नहीं, बल्कि जिज्ञासा, अकेलापन, या नकल के कारण विकसित होती है.
हालांकि शुरुआत में यह एक स्वाभाविक खोज हो सकती है, लेकिन अगर यह लगातार, बार-बार और अत्यधिक रूप में होती है, तो यह बच्चे के मानसिक, सामाजिक और शारीरिक विकास पर असर डाल सकती है. आजकल छोटे-छोटे बच्चों की इसकी आदत लग गई है. इस पर प्रेमानंद महाराज ने बताया कि इस लत को कैसे दूर किया जा सकता है.
बच्चे क्यों करते हैं मास्टरबेशन?
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि छोटे बच्चों को दूसरी चीज सुख का जरिया नहीं लगती है. इसलिए वह दिन में कई बार करना सीख जाते हैं. गेंहू की फसल है, जो गलेत पर हो यानी बाली निकलना. उसे काट लो, तो दाना तो निकलेगा ही नहीं. ऐसे ही ये बच्चे हैं न इनका स्पर्म मैच्योर हुआ है न ये और फिर यह काम करने लगते है, जिसके कारण डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं.
हस्तमैथुन की आदत कैसे छोड़ें?
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि माता पिता को सहयोग करना चाहिए. बच्चों के दोस्त बनकर उनसे पूछे उन्हें इस बारे में बताएं और समझाएं कि इसे नहीं करना चाहिए. बच्चों को प्यार देकर समझाना चाहिए कि ये सब चीजें न करें. नाम जपना चाहिए. कम से कम 1 किलो मीटर दौड़ और दंड बैठकर करने से शरीर बढ़िया हो जाएगा. साथ ही, गलत बच्चों की संगति में नहीं पड़ना चाहिए.
बॉडी पर क्या असर पड़ता है?
हस्तमैथुन करने से पूरी बॉडी पर नेगेटिव असर पड़ता है. यह हड्डियों को निचोड़ लेता है. इसके कारण आगे चलकर मानसिकता कमजोर हो जाती है, जिसके कारण बच्चे छोटी-छोटी बात को लेकर सुसाइड करने लगते हैं, क्योंकि उनकी क्षमता खत्म हो जाती है. पैर दर्द होना, भूख न लगना और पढ़ाई में मन न लगने जैसी समस्याएं मास्टरबेशन से होनी लगती हैं.