सिगरेट न पीने वालों में सबसे ज्यादा Lung Cancer का खतरा! लैंसेट की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
World Cancer Day 2025: सिगरेट पीने से कैंसर जैसी बीमारी हो जाती है. कई बार मरीजों को अपनी जान से हाथ तक धोना पड़ता है. अब एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है. स्टडी में पता चला कि कभी धूम्रपान न करने वाले लोगों में फेफड़े के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं और वायु प्रदूषण यह समस्या और बढ़ रही है.

Lung Cancer: धूम्रपान करना सेहत के लिए हानिकारक है. इससे सांस लेने में तकलीफ और कैंसर जैसी बीमारियां हो जाती हैं. वर्तमान समय में युवाओं में सिगरेट पीने की लत बढ़ती जा रही है. स्कूल-कॉलेज से लेकर नौकरीपेशा लोग भी सिगरेट पीते हैं. अब एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. जिसमें बताया गया कि जो लोग सिगरेट नहीं पीते उनमें फेफड़े के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार 4 फरवरी को 'विश्व कैंसर डे' है. कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है और सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है. इस बीच द लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल में स्मोकिंग को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की गई. हाल ही में हुई एक स्टडी में पता चला कि कभी धूम्रपान न करने वाले लोगों में फेफड़े के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं और वायु प्रदूषण से यह समस्या और बढ़ रही है.
क्या कहता है रिपोर्ट?
रिपोर्ट में बताया गया कि कैंसर के मामलों का पता लगाने के लिए इंटरनेशनल एजेंसी IARC ने एक स्डटी की. जिसमें ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी 2022 डेटासेट सहित डेटा का विश्लेषण किया. इसमें एडेनोकार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, छोटे और बड़े सेल कार्सिनोमा के लिए राष्ट्रीय स्तर के फेफड़ों के कैंसर के मामलों का अनुमान लगाया गया. अध्ययन में पता चला कि एडेनोकार्सिनोमा- एक ऐसा कैंसर जो बलगम और पाचन जैसे तरल पदार्थ उत्पन्न करने वाली ग्रंथियों में शुरू होता है, पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाया गया है.
स्मोक न करने वाले की बढ़ी चिंता
रिपोर्ट में बताया गया कि दुनिया भर में धूम्रपान की दरों में गिरावट आई है और धूम्रपान न करने वालों में फेफड़ों के कैंसर के मामले बढ़े हैं. एडेनोकार्सिनोमा भी पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाया जाने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर बन गया है. 2022 में महिलाओं में फेफड़े के कैंसर के 9.08 लाख नए मामले सामने आए, जिनमें से 59.7 प्रतिशत एडेनोकार्सिनोमा थे. साल 2022 में दुनिया भर में कभी धूम्रपान न करने वालों में फेफड़े के कैंसर के 53-70 फीसदी मामले में यही पाया गया.
क्या है कारण?
IARC में कैंसर निगरानी शाखा के प्रमुख फ्रेडी ने कहा, धूम्रपान की आदतों में बदलाव और वायु प्रदूषण के संपर्क में आना फेफड़े के कैंसर के जोखिम के मुख्य निर्धारकों में से हैं. फेफड़े का कैंसर आज कैंसर से संबंधित मौतों के मुख्य कारणों में से एक है. "कभी धूम्रपान न करने वाले लोगों में फेफड़ों का कैंसर दुनिया भर में कैंसर से संबंधित मृत्यु का पांचवां प्रमुख कारण माना जाता है, जो लगभग विशेष रूप से एडेनोकार्सिनोमा के रूप में होता है और सबसे अधिक महिलाओं और एशियाई आबादी में होता है."