Begin typing your search...

पोस्टपार्टम डिप्रेशन से गुजरी 'Shark Tank India' की फॉर्मर जज Ghazal Alagh, हो गया था 90 किलो वजन

रियलिटी शो 'शार्क टैंक इंडिया' की फॉर्मर जज और 'मामा अर्थ' की फाउंडर गजल अलघ अपनी पोस्टपार्टम जर्नी के दौरान हुए इमोशनली स्ट्रगल के बारे में भी खुलकर बात की, और उन दिनों का जिक्र किया जब वह अपने कमरे से बाहर निकलने के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाती थीं.

पोस्टपार्टम डिप्रेशन से गुजरी Shark Tank India की फॉर्मर जज Ghazal Alagh, हो गया था 90 किलो वजन
X
( Image Source:  Instagram : ghazalalagh )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 24 Jan 2025 3:42 PM

रियलिटी शो 'शार्क टैंक इंडिया' (Shark Tank India) की फॉर्मर जज और 'मामा अर्थ' की फाउंडर गजल अलघ (Ghazal Alagh) ने हाल ही में भारत के आधिकारिक लोगों के साथ एक इंटरव्यू में अपनी प्रेगनेंसी यात्रा के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने पोस्टपार्टम चैलेंजेज, प्रेगनेंसी के दौरान वजन बढ़ने और अपने सामने आने वाली इमोशनल और फिजिकल चैलेंज के साथ अपने संघर्षों को खुलकर शेयर किया, जिससे कई महिलाओं के लिए एक ईमानदार और भरोसेमंद बैकग्राउंड सामने आया. आइए उसकी कहानी पर गौर करें और कुछ वैल्युएबल जानकारियां लें.

दो बच्चों की मां गजल अलघ ने प्रेगनेंसी के साथ अपने अनुभवों के बारे में खुलते हुए कहा, 'हर प्रेगनेंसी अलग होती है और उनके लिए, उनकी दोनों प्रेगनेंसी कठिन थीं, खासकर दूसरी. उनके दोनों बच्चे प्रीमच्योर हुए थे, उनकी डिलीवरी नौवें महीने से पहले हो गई थी. ग़ज़ल ने बताया कि उनकी दूसरी प्रेगनेंसी कई तरह के फिजिकल और इमोशनल चैलेंजिंग के साथ आई. यह कठिन था क्योंकि बहुत सारे सप्लीमेंट्स हैं जिन्हें आपको लेने की ज़रूरत है, और उनमें से ज्यादातर सप्लीमेंट्स मेरे लिए सूटेबल नहीं थे.

बढ़ गया था 90 किलो वजन

उन्होंने शेयर किया कि कैसे उनके डाइट एक्सपर्ट्स ने उन्हें आयरन के लेवल से निपटने और बच्चे को सही ब्लड फ्लो सुनिश्चित करने के लिए रेड मीट डाइट पर रखा. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि कैसे उनकी पहली प्रेगनेंसी के दौरान उनका वजन काफी बढ़ गया था. पिछले तीन महीनों में उनका वजन लगभग 20 किलो बढ़ गया है. अगस्त में जब उसकी डिलीवरी हुई, तब तक उसका वजन 90 किलो था. डिलीवरी के बाद, उन्होंने सोचा कि यह सिर्फ बच्चे का वजन है, लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि यह 30 किलो का बच्चा नहीं था. जब वह स्केल पर वापस आईं, तब भी उनका वज़न 87 किलो था. सभी ने उससे कहा कि उन्हें नार्मल होने में समय लगेगा.

आइना नहीं देखना चाहती थी

उन्होंने अपनी पोस्टपार्टम जर्नी के खुद लो कॉंफिडेंट भी महसूस किया. उन्होंने शेयर किया कि वह डिलीवरी के बाद बहुत हद तक थकान महसूस करती है. वह खुद को एक परफेक्ट बॉडी में देखने की इतनी आदी हो गई थी कि वह अपनी बॉडी चेंज को देखकर असहज हो जाती थी. वह खुद को आईने में नहीं देखना चाहती थी और थोड़ा कम कॉंफिडेंट, अनहेल्दी महसूस कर रही थी.

पोस्टपार्टम डिप्रेशन से गुज़र रही थी

स्ट्रेस के कारण उसकी ब्रेस्टफीडिंग कराने की क्षमता पर भी असर पड़ा. गजल ने बताया कि चूंकि उसके मन में अपने बारे में बहुत कुछ चल रहा था, इसलिए उन्हें प्रॉपर मिल्क सप्लाई नहीं हो रही थी. ब्रेस्टफीडिंग कराना एक स्ट्रगल बन गया और उस समय, उन्हें यह भी एहसास नहीं हुआ कि वह पोस्टपार्टम डिप्रेशन से गुज़र रही थी. यह मेंटली और फिजिकली रूप से बहुत कुछ था, और उन्होंने स्वीकार किया कि उस समय उन्हें इसके बारे में पता भी नहीं था.

रोने का करता था मन

उन्होंने अपनी पोस्टपार्टम जर्नी के दौरान हुए इमोशनली स्ट्रगल के बारे में भी खुलकर बात की, और उन दिनों का जिक्र किया जब वह अपने कमरे से बाहर निकलने के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाती थीं. भले ही उसके घर मेहमान खुशी-खुशी उसे बधाई देने आते हों, लेकिन इससे उसे चिढ़ होती थी. वह खुद को फंसा हुआ, इमोशनली रूप से थका हुआ महसूस कर रही थी, और उन्होंने कहा कि इतना जकड़ गई थी कि जिससे वह उदास महसूस कर रही है और रोने की कगार पर है. अगर कोई घर आता, तो उसके जाते ही उसे फिर से रोने का मन करता.'हालांकि गजल ने पोस्टपार्टम डिप्रेशन से निकलने के लिए अपने परिवार को क्रेडिट दिया. उन्होंने कहा कि उनकी मां, सास और उनके पति वरुण ने पोस्टपार्टम डिप्रेशन से उबरने से बखूबी साथ दिया.

अगला लेख