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डेंगू में अपने मन से बिल्कुल न खाएं पेरासिटामोल, जानें खतरा

कई बार लोग बिना डॉक्टर की सलाह के डेंगू बुखार में पेरासिटामोल खा लेते हैं। यह जानलेवा साबित हो सकता है।

डेंगू में अपने मन से बिल्कुल न खाएं पेरासिटामोल, जानें खतरा
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Updated on: 11 Oct 2024 11:09 AM IST

देश के कई हिस्सों में हर साल डेंगू फैलता है। मच्छरों से फैलने वाली यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। डेंगू बुखार के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मसल्स और जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते और थकान शामिल हैं। डेंगू के इलाज में खास दवाओं का इस्तेमाल नहीं होता, लेकिन इसके लक्षणों को कम करने के लिए कई बार पेरासिटामोल जैसी दवाइयां दी जाती हैं। कई बार लोग बिना डॉक्टर की सलाह के डेंगू बुखार में पेरासिटामोल खा लेते हैं। यह जानलेवा साबित हो सकता है।

पेरासिटामोल एक सामान्य दवा है जो आमतौर पर बुखार और दर्द कम करने के लिए ली जाती है। लेकिन जब बात डेंगू बुखार की होती है, तो इसका इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए। डेंगू बुखार में शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है, और अगर इस दौरान पेरासिटामोल का ज्यादा सेवन किया जाता है, तो यह लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है।

पेरासिटामोल के साइडइफेक्ट्स

प्लेटलेट्स की कमी: डेंगू बुखार के दौरान शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है। पेरासिटामोल का ज्यादा सेवन प्लेटलेट्स की संख्या को और घटा सकता है, जिससे रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है। अगर प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाती है, तो यह जानलेवा स्थिति पैदा कर सकती है।

लिवर डैमेज: पेरासिटामोल का ज्यादा और अनियंत्रित सेवन लिवर पर बुरा असर डाल सकता है। डेंगू में लिवर पहले से ही प्रभावित हो सकता है, ऐसे में पेरासिटामोल लेने से लिवर की स्थिति और बिगड़ सकती है। लिवर डैमेज की स्थिति में भूख में कमी, पेट दर्द, कमजोरी और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

एलर्जिक रिएक्शन: कुछ लोगों में पेरासिटामोल से एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है, जिसके चलते त्वचा पर चकत्ते, खुजली, सांस लेने में कठिनाई और चेहरे या होंठों की सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यदि डेंगू के दौरान ऐसे लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

किडनी पर प्रभाव: पेरासिटामोल का लगातार सेवन किडनी पर भी बुरा प्रभाव डाल सकता है। लंबे समय तक इसके सेवन से किडनी फेलियर की संभावना बढ़ जाती है। डेंगू के मरीजों को किडनी से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में पेरासिटामोल का ज्यादा उपयोग किडनी को और नुकसान पहुंचा सकता है।

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