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खत्‍म हुआ Windows 10 का सफर, Microsoft ने खत्म किया सपोर्ट, अब क्या करें, क्या न करें?

14 अक्‍टूबर से माइक्रोसॉफ्ट ने अपने सबसे लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम Windows 10 का आधिकारिक सपोर्ट बंद कर दिया है. इसका मतलब है कि अब Windows 10 चलाने वाले पीसी को सुरक्षा अपडेट, बग फिक्स या तकनीकी सहायता नहीं मिलेगी. दुनियाभर में लाखों लोग अब इस फैसले से प्रभावित होंगे. यदि आप भी Windows 10 इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि इसका आप पर क्या असर होगा, कैसे पता करें कि आप प्रभावित हैं, और आगे क्या कदम उठाने चाहिए.

खत्‍म हुआ Windows 10 का सफर, Microsoft ने खत्म किया सपोर्ट, अब क्या करें, क्या न करें?
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( Image Source:  X/@WindowsLatest )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 14 Oct 2025 8:00 PM IST

14 अक्टूबर 2025 यानी आज से Microsoft ने Windows 10 के लिए आधिकारिक सपोर्ट बंद कर दिया है. इसका असर दुनियाभर के करोड़ों पीसी यूज़र्स पर पड़ेगा जो अभी भी पुराने वर्जन का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब ऐसे यूज़र्स के सामने दो ही विकल्प हैं, या तो वे पेड अपडेट्स खरीदें या फिर नया Windows 11 पीसी ले लें. कंपनी ने यह डेडलाइन कई साल पहले तय की थी, लेकिन लाखों एक्टिव डिवाइस होने के बावजूद Microsoft ने इसे आगे नहीं बढ़ाया.

हालांकि, यूज़र्स चाहें तो Extended Security Update (ESU) प्रोग्राम के तहत सालाना $30 (करीब ₹2,550) देकर एक साल का अतिरिक्त सपोर्ट पा सकते हैं. भारत में इसकी कीमत अभी तय नहीं है. इसके अलावा, Microsoft ने Windows Backup क्लाउड ऐप के जरिए मुफ्त एक्सटेंशन ऑफर भी दिया है.

Windows 10 सपोर्ट खत्म होने का मतलब क्या है?

सपोर्ट खत्म होने के बाद आपका कंप्यूटर काम करता रहेगा, लेकिन अब यह नई सुरक्षा चुनौतियों के लिए अधिक असुरक्षित हो जाएगा. माइक्रोसॉफ्ट अब कोई सिक्योरिटी अपडेट, बग फिक्स या नए फीचर अपडेट जारी नहीं करेगा. इसका असर Windows 10 Home, Pro, Enterprise और Education सभी एडिशंस पर पड़ेगा. अब अगर किसी साइबर हैकर या वायरस ने Windows 10 की किसी कमजोरी का फायदा उठाया, तो उसे रोकने के लिए कोई आधिकारिक पैच नहीं आएगा. नतीजा - डेटा चोरी, सिस्टम हैक या अस्थिरता की संभावना बढ़ जाएगी. हालांकि, कंपनी ने कुछ चुने हुए यूज़र्स के लिए Extended Security Updates (ESU) प्रोग्राम शुरू किया है, जिसमें आप पेड सिक्योरिटी पैच प्राप्त कर सकते हैं.

कैसे पता करें कि आपका सिस्टम प्रभावित है या नहीं

  • Windows Version देखें:
  • Settings → System → About पर जाएं
  • अगर वहां “Windows 10” लिखा है, तो आपका सिस्टम प्रभावित है

Final Supported Version जांचें:

माइक्रोसॉफ्ट ने Windows 10 के लिए अंतिम सपोर्ट वर्जन 22H2 घोषित किया है. अगर आप 21H2 या उससे पहले के वर्जन पर हैं, तो सपोर्ट पहले ही खत्म हो चुका है.

अपग्रेड की योग्यता जांचें

Settings → Windows Update → “Upgrade to Windows 11” पर जाएं. अगर आपका कंप्यूटर TPM 2.0, Secure Boot और समर्थित CPU के साथ आता है, तो यह अपग्रेड के लिए योग्य है.

अब क्या करें: आपके तीन मुख्य विकल्प

  • Windows 11 पर अपग्रेड करें (अगर सिस्टम सपोर्ट करता है)
  • यह सबसे आसान और सुरक्षित रास्ता है
  • अधिकतर आधुनिक लैपटॉप और डेस्कटॉप में Windows 11 चलाने के लिए जरूरी हार्डवेयर मौजूद होता है
  • TPM 2.0 और Secure Boot का होना जरूरी है
  • अपग्रेड फ्री है, लेकिन अपग्रेड से पहले अपने डेटा का बैकअप लेना न भूलें

नया Windows 11 न केवल बेहतर सिक्योरिटी देता है, बल्कि एआई फीचर्स, नए इंटरफेस और बेहतर गेमिंग अनुभव भी.

एक्‍सटेंडेड सिक्‍योरिटी अपडेट्स (ESU) लें

अगर आपका सिस्टम Windows 11 के लिए योग्य नहीं है, तो यह प्रोग्राम आपके लिए है. ESU के तहत आपको अक्टूबर 2026 तक जरूरी सिक्योरिटी अपडेट मिलते रहेंगे. हालांकि, इसके लिए आपको Microsoft अकाउंट और कुछ शुल्क देना पड़ सकता है (अनुमानतः $30 यानी लगभग ₹2,550 प्रति वर्ष). ध्यान दें, इसमें तकनीकी सहायता या फीचर अपडेट शामिल नहीं हैं.

ऑपरेटिंग सिस्टम या हार्डवेयर बदलें

अगर आपका पुराना पीसी Windows 11 नहीं चला सकता और आप ESU नहीं लेना चाहते, तो आप Linux डिस्ट्रो (जैसे Ubuntu या Mint) या ChromeOS Flex जैसे हल्के और सुरक्षित ऑपरेटिंग सिस्टम पर जा सकते हैं. दूसरा विकल्प है - नया Windows 11 - सक्षम पीसी खरीदना, जो भविष्य में लंबे समय तक सपोर्ट प्राप्त करेगा.

किसी भी कदम से पहले अपने सभी जरूरी डेटा का बैकअप क्लाउड या एक्सटर्नल ड्राइव में लेना न भूलें.

क्या करें और क्या न करें

क्या करें

  • तुरंत जांचें कि आपका सिस्टम Windows 11 के लिए योग्य है या नहीं.
  • अगर नहीं, तो ESU या वैकल्पिक OS का विकल्प चुनें.
  • अपने सभी जरूरी दस्तावेज, फोटो और फाइल्स का क्लाउड या हार्ड ड्राइव में बैकअप लें.
  • एंटीवायरस और फायरवॉल अपडेट रखें ताकि सुरक्षा जोखिम कुछ हद तक कम हो.
  • अगर नया पीसी खरीद रहे हैं, तो Windows 11 वाला मॉडल ही चुनें.

क्या न करें

पुराने Windows 10 सिस्टम पर बिना सिक्योरिटी अपडेट के इंटरनेट बैंकिंग या संवेदनशील काम न करें. किसी अनजान वेबसाइट या ईमेल से डाउनलोड किए गए अपडेट इंस्टॉल न करें. Windows 11 को "अनऑफिशियल" तरीके से इंस्टॉल करने की कोशिश न करें, इससे सिस्टम अस्थिर या हैक हो सकता है. बिना बैकअप लिए सिस्टम अपग्रेड न करें, डेटा खोने का खतरा रहता है.

आखिर अब क्या होगा

माइक्रोसॉफ्ट का यह कदम टेक्नोलॉजी की उस सच्चाई को दोहराता है - पुराना सॉफ्टवेयर हमेशा एक दिन “आउटडेटेड” हो जाता है. Windows 10 को 2015 में लॉन्च किया गया था, और दस साल बाद आज उसका सफर खत्म हो गया है. कंपनी अब पूरी तरह Windows 11 और आने वाले AI-सक्षम Windows 12 पर ध्यान केंद्रित कर रही है.

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