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औरगंजेब का मकबरा औरंगाबाद में ही क्यों बनाया गया? जान लीजिए ये बड़ी वजहें

मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के औरंगाबाद ( अब संभाजीनगर) जिले के खुल्दाबाद में स्थित है. यहां औरंगजेब को अन्य मुगल बादशाहों की तुलना में साधारण तरीके से दफन किया गया है. पिछले कुछ दिनों से उसकी कब्र को हटाने की मांग जोर पकड़ रही है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर औरंगजेब को औरंगाबाद में ही क्यों दफन किया गया...

औरगंजेब का मकबरा औरंगाबाद में ही क्यों बनाया गया? जान लीजिए ये बड़ी वजहें
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( Image Source:  X )

Aurangzeb Tomb: मुगल बादशाह औरंगजेब इस समय सुर्खियों में छाया हुआ है. उसकी कब्र को हटाने की मांग जोर पकड़ रही है. औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के औरंगाबाद (अब संभाजीनगर) के खुल्दाबाद में स्थित है. ऐसे में सवाल उठता है कि उसकी कब्र औरंगाबाद में ही क्यों बनाई गई है. आइए, इसका जवाब जानते हैं...

खुल्दाबाद को 'सूफियों की बस्ती' कहा जाता है, क्योंकि यहां कई सूफी संतों की मजारें हैं. औरंगजेब सूफी संतों से प्रभावित था. उसने अपनी वसीयत में लिखा था कि उसे किसी भव्य मकबरे में नहीं, बल्कि सादगी से दफन किया जाए. इसलिए, उसकी कब्र अन्य मुगल शासकों की तरह आलीशान नहीं, बल्कि बेहद साधारण बनाई गई.

दक्कन में हुई मौत

औरंगजेब की मृत्यु 3 मार्च 1707 को अहमदनगर में हुई थी. चूंकि वह अपने अंतिम वर्षों में दक्षिण भारत में युद्ध कर रहा था, इसलिए उसे वहीं दफनाया गया. मौत के समय औरंगजेब की उम्र 88 साल थी. बताया जाता है कि बुढ़ापे में उसका कमजोर हो गया था और वह कई बीमारियों से ग्रसित था.

सूफी संतों के पास दफनाने की परंपरा

औरंगजेब बुर्क़ा शाह नामक सूफी संत का अनुयायी था, जिनकी मजार खुल्दाबाद में है. इसी वजह से उसकी कब्र भी उसी स्थान पर बनाई गई.

औरंगजेब की कब्र कैसी बनी हुई है?

औरंगजेब की कब्र संगमरमर या किसी महलनुमा मकबरे की तरह नहीं, बल्कि एक साधारण ईंट और चूने से बनी हुई है. इसे ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड कर्जन ने 20वीं सदी में एक पत्थर की जाली से घेरवाया था.

औरंगजेब की कब्र उसकी इच्छा, सूफी मान्यताओं और ऐतिहासिक परिस्थितियों की वजह से औरंगाबाद (संभाजीनगर) के खुल्दाबाद में बनाई गई. यह मुगलकालीन सादगी और धार्मिक विश्वासों का प्रतीक मानी जाती है.

कौन था औरंगजेब?

औरंगजेब का पूरा नाम अबुल मुज़फ्फर मुहिउद्दीन मोहम्मद औरंगजेब आलमगीर था. उसका जन्म 3 नवंबर 1618 को गुजरात के दाहोद में हुआ था. उसके पिता का नाम शाहजहां और माता का नाम मुमताज महल था. औरंगजेब मुगल वंश का छठा शासक था, जिसने 1658 से 1707 तक शासन किया. उसने अपने पिता शाहजहां को बंदी बनाकर और अपने भाइयों (दारा शिकोह, शुजा, और मुराद) को हराकर सत्ता हासिल की.

औरंगजेब मुगलों के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले शासकों में से एक था. उसने करीब 49 साल तक शासन किया. इस दौरान उसने मुगलों का साम्राज्य दक्षिण भारत तक फैला दिया. उसके शासनकाल में मुगल साम्राज्य अपने चरम पर था, लेकिन धार्मिक कट्टरता और लगातार युद्धों के कारण यह कमजोर हो गया. उसकी मृत्यु के बाद मुगल साम्राज्य तेजी से बिखरने लगा और 1857 तक यह केवल नाम मात्र का रह गया.

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