1991 का समझौता 2025 में लानत मलानत! क्यों भिड़ गए निशिकांत और सुप्रिया श्रीनेत?
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 1991 के समझौते का हवाला देते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया कि विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी, जो कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ था. वहीं कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत्र ने इसे शांतिकाल के लिए समझौता बताते हुए कहा कि वर्तमान कार्रवाई आतंकवाद के जवाब में हुई है और इस समझौते का कोई संबंध नहीं है. दोनों के बीच विवाद बढ़ गया है.
भारत और पाकिस्तान के बीच 1991 में हुआ एक सैन्य समझौता 2025 में राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत्र के बीच तीखी जुबानी जंग छिड़ गई है. दुबे ने कांग्रेस पर देशद्रोह का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे समझौते वोटबैंक की राजनीति के लिए किए गए थे. वहीं सुप्रिया ने पलटवार करते हुए कहा कि यह समझौता शांति काल के लिए था, और अब की कार्रवाई तो आतंकी हमले के जवाब में थी.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर ने 1991 के कांग्रेस सरकार के समझौते के तहत पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर की सूचना दी. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने पलटवार करते हुए कहा कि वह समझौता केवल शांतिकाल के लिए था, न कि आतंकी हमले के जवाब में कार्रवाई के लिए.या ने इस आधार पर भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि उस वक्त की परिस्थिति पूरी तरह अलग थी. इससे पहले राहुल गांधी ने यह आरोप लगाया था कि विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को हमले की जानकारी पहले ही दे दी थी. इसके जवाब में निशिकांत दुबे ने कहा कि यह जानकारी 1991 में कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए समझौते के तहत दी गई थी.
कांग्रेस ने निशिकांत दुबे पर किया पलटवार
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर निशाना साधते हुए कहा, 'सबसे पहले तो निशिकांत दुबे बार-बार अपनी मूर्खता का प्रदर्शन करते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने चंद्रशेखर सरकार से 6 मार्च 1991 को समर्थन वापस लिया था. अब ये जो समझौता है, ये संभवतः अप्रैल 1991 में साइन हुआ था. यह एक शांति कालीन समझौता है. इसका उद्देश्य यह है कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच शांति काल में कोई गलतफहमी न हो.
हमने जो कार्रवाई की, वह एक आतंकवादी हमले के बाद की गई है, और हमने आक्रामक रूप से जवाब दिया है. ऐसे में सबसे पहले तो निशिकांत दुबे और बीजेपी खुद स्वीकार कर रहे हैं कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को सूचना दी, और यही बात राहुल गांधी कह रहे थे, जो अब सच साबित हो रही है. बीजेपी खुद यह मान रही है कि जयशंकर ने पाकिस्तान को जानकारी दी.
यह समझौता, जिसकी वह (दुबे) बात कर रहे हैं, वह 'पीस-टाइम' एग्रीमेंट है. जयशंकर ने खुद कहा था कि एक युद्ध जैसी स्थिति बन गई थी, और उन्होंने पाकिस्तान को जानकारी दी..." यह बयान उस विवाद के सिलसिले में आया है जिसमें राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारत सरकार ने पाकिस्तान को पहले ही सैन्य कार्रवाई की सूचना दी थी, जिसे बीजेपी ने झूठा बताया था. अब सुप्रिया श्रीनेत ने सरकार की बातों में ही विरोधाभास पकड़ते हुए बीजेपी को घेरा है.
निशिकांत दुबे ने क्या कहा
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पार्टी पर पाकिस्तान के साथ किए गए पुराने समझौतों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए वोटबैंक की राजनीति के लिए बार-बार पाकिस्तान के सामने झुकाव दिखाया और इससे देश की सुरक्षा को खतरे में डाला.
दुबे ने कहा, '1947 से ही भारत पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र मानता रहा है. कश्मीर को लेकर हमारा उससे 78 सालों से संघर्ष चल रहा है, और अब भी हमारे हिस्से का कश्मीर पाकिस्तान के कब्जे में है. इसके बावजूद कांग्रेस सरकारों ने बार-बार पाकिस्तान को रियायतें दीं. उन्होंने 1950 के नेहरू-लियाकत समझौते, 1960 की सिंधु जल संधि और 1975 के शिमला समझौते को ऐसे उदाहरण के तौर पर गिनाया जिनके जरिए कांग्रेस ने पाकिस्तान को फायदा पहुंचाया.
उन्होंने आगे कहा कि, ने खास तौर पर 1991 में चंद्रशेखर सरकार के दौरान हुए एक कथित रक्षा समझौते और 1994 में नरसिम्हा राव सरकार द्वारा उसे लागू किए जाने का जिक्र किया. उनके मुताबिक, इस समझौते में भारत की सेना, नौसेना और वायुसेना की तैनाती से जुड़ी रणनीतिक जानकारी साझा की गई थी - जिसे वे सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा मानते हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि 'क्या यह देशद्रोह नहीं है? सिर्फ वोटबैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस ने देश की सुरक्षा से समझौता किया. निशिकांत दुबे ने मांग की कि इस समझौते को लागू करने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाए और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए.





