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महाराष्ट्र में फडणवीस नहीं तो कौन? CM की रेस में इन दो नेताओं का नाम भी शामिल

महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? अभी भी इस पर सस्पेंस बना हुआ है. वहीं कयास की अगर बात की जाए तो देवेंद्र फडणवीस का नाम सुर्खियों में सबसे ऊपर है. लेकिन इस रेस में दो नाम और भी हैं जिन्हें पार्टी द्वारा सीएम बनाने की चर्चा है.

महाराष्ट्र में फडणवीस नहीं तो कौन? CM की रेस में इन दो नेताओं का नाम भी शामिल
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( Image Source:  ANI )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 29 Nov 2024 9:02 PM IST

महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर अभी भी सस्पेंस बरकरार हैं. वहीं कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दोनों उपमुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस व अजित पवार की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस संबंध में मुलाकात कर चुके हैं. वहीं इस मुलाकात के दौरान भी ये स्पष्ट नहीं हो सका कि आखिर पार्टी किसे राज्य का अगला मुख्यमंत्री चुनेगी.

कयास और बैठकों से सिर्फ ये कहा जा रहा है कि अगला सीएम देवेंद्र फडणवीस को बनाया जा सकता है. लेकिन इस रेस में सिर्फ फडणवीस का नहीं और भी दो नाम शामिल हैं.

अमित शाह के साथ हुई बैठक

केंद्रीय मंत्री के साथ हुई बैठक में ये तय किया गया था कि राकांपा और शिवसेना के नेता मुंबई लौटकर सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे. लेकिन शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे दिल्ली से लौटने के बाद सीधे अपने गांव चले गए. वहीं अन्य नेताओं के नाम पर बात की जाए तो इनमें पिछड़े वर्ग के नेता और अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और मराठा समुदाय से आने वाले पुणे के सांसद एवं केंद्र सरकार में मंत्री मुरलीधर मोहोल का नाम भी सामने आ रहा है.

महाराष्ट्र के बीजेपी अध्यक्ष हैं ये नेता

चंद्रशेखर बावनकुले की अगर बात की जाए तो वह महाराष्ट्र के भाजपा के अध्यक्ष हैं. इस विधानसभा चुनाव में वह चौथी बार कामाठी सीट से जीते हैं. इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश भोयर को 40946 मतों से शिकस्त दी थी. साल 2014 से लेकर साल 2019 तक में उन्होंने देवेंद्र फडणवीस सरकार में उर्जा और एक्साइस मंत्री का पद भी संभाला है. हालांकि साल 2019 में विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था. बावनकुले को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का करीबी माना जाता है.

कौन हैं मुरलीधर मोहोल?

वहीं महाराष्ट्र के पुणे लोकसभा सीट से मुरलीधर मोहोल ने कांग्रेस प्रत्याशी रवींद्र धांगेकर को सवा लाख वोटों से चुनाव हराया था. मोहोल पुणे के मेयर भी रह चुके हैं. वहीं मुरलीधर मोहाल ने 30 साल पहले बीजेपी से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी.

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