कौन थे पूर्व DGP ओमप्रकाश? मौत बनी मिस्ट्री, पत्नी की वीडियो कॉल के पीछे छिपा खूनी सच
कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओमप्रकाश का खून से लथपथ शव उनके घर पर मिला. पुलिस ने उनकी पत्नी को हिरासत में लिया है. ओमप्रकाश और उनकी पत्नी के बीच लंबे समय से पारिवारिक विवाद चल रहा था. यह घटना मानसिक तनाव और रिश्तों में असंतुलन के गंभीर परिणामों को उजागर करती है. ओमप्रकाश की हत्या एक व्यक्तिगत त्रासदी के साथ-साथ समाज के लिए चेतावनी है.

कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) ओमप्रकाश की हत्या ने देश को झकझोर दिया है. एक प्रतिष्ठित अधिकारी, जिनकी पहचान अनुशासन और ईमानदारी से जुड़ी थी, उनका खून से लथपथ शव उनके ही घर में मिला. शुरुआती जांच में उनकी पत्नी पल्लवी को मुख्य संदिग्ध माना जा रहा है, जो फिलहाल हिरासत में है. यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि एक टूटते रिश्ते और अनदेखे मानसिक तनाव की भी कहानी है.
घटना के बाद की जानकारी और पुलिस की शुरुआती जांच बताती है कि ओमप्रकाश और उनकी पत्नी के बीच लंबे समय से पारिवारिक तनाव था. पुलिस सूत्रों के अनुसार, पत्नी मानसिक रूप से अस्थिर स्थिति में थी और कई बार विवाद इस हद तक बढ़ जाते थे कि आस-पड़ोस को भी इसकी भनक लगती थी. पल्लवी ने एक अन्य पूर्व DGP की पत्नी को वीडियो कॉल कर बताया कि "शैतान को मार डाला", जिससे यह हत्या एक पूर्व-नियोजित क्रिया प्रतीत होती है.
खुद की हत्या का था अंदेशा
सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि ओमप्रकाश को खुद इस अनहोनी का अंदेशा था. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने छह महीने पहले ही अपने कुछ नज़दीकी साथियों को आशंका जताई थी कि कोई करीबी व्यक्ति उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है. उन्होंने थाने में एक पूर्व शिकायत भी दर्ज कराई थी, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या इस संकट को पहले रोका जा सकता था?
कौन थे ओमप्रकाश?
ओमप्रकाश 1981 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी थे और मूल रूप से बिहार के चंपारण जिले से ताल्लुक रखते थे. उन्होंने जियोलॉजी में MSc किया था और UPSC परीक्षा पास कर कर्नाटक कैडर चुना. एक बेहद अनुशासित अफसर के तौर पर वे पुलिस महकमे में आदर के पात्र थे. लेकिन रिटायरमेंट के बाद उनका निजी जीवन, जो कभी चर्चा में नहीं आया, एक गहरे तनाव और अंततः एक हत्या का कारण बन गया.
CID सहित कई विभागों का किया था नेतृत्व
उनकी सेवा पृष्ठभूमि बेहद प्रभावशाली रही. ASP के रूप में करियर की शुरुआत से लेकर DGP बनने तक, उन्होंने CID, होमगार्ड्स और सिविल राइट्स इंफोर्समेंट जैसे अहम विभागों में नेतृत्व किया. रिटायरमेंट के बाद वे कुछ समय तक कर्नाटक के लोकायुक्त कार्यालय में भी कार्यरत रहे. उन्होंने उत्तर कन्नड़ में एक चंदन का बागान भी विकसित किया था, जहां वह अक्सर शांति की तलाश में जाते थे.
पत्नी और बेटी से हो रही पूछताछ
हत्या के बाद जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, तो ओमप्रकाश मरणासन्न अवस्था में मिले. उनकी पत्नी पल्लवी और बेटी वहीं मौजूद थीं. डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने तत्काल पत्नी और बेटी को हिरासत में ले लिया और पूछताछ शुरू की. हालांकि अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन केस में पत्नी की भूमिका पर लगभग मुहर लग चुकी है.
घर में असुरक्षित थे पूर्व DGP
इस घटना ने समाज में मानसिक स्वास्थ्य, वैवाहिक रिश्तों और सेवानिवृत्त अधिकारियों के निजी जीवन की चुनौतियों को उजागर किया है. ओमप्रकाश जैसे वरिष्ठ अधिकारी, जिन्होंने देश के कानून-व्यवस्था को संभाला, वे खुद अपने घर में असुरक्षित महसूस कर रहे थे. यह त्रासदी बताती है कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना अब केवल व्यक्तिगत नहीं, सामाजिक जिम्मेदारी बन चुकी है.