तीन पगों में ब्रह्मांड नाप गए थे वामन देवता, जानें कैसे लिया था अवतार
सनातन धर्म में भगवान विष्णु को पालनकर्ता माना जाता है, जो सृष्टि की रक्षा करते हैं. अच्छाई को बचाते हैं और अधर्म का अंत करते हैं. जब भी पृथ्वी पर पाप, अन्याय और अंधकार बढ़ता है, तब-तब भगवान विष्णु अवतार लेते हैं यानी अलग-अलग रूप में धरती पर आते हैं.

क्या आप जानते हैं कि भगवान विष्णु ने एक बार इतना छोटा रूप लिया कि वो एक साधारण ब्राह्मण बालक लगे, लेकिन फिर उन्होंने ऐसे चमत्कार दिखाए कि तीनों लोक धरती, आकाश और पाताल उनके कदमों में समा गए. प्राचीन काल में बलि नाम का एक शक्तिशाली और पराक्रमी दानव राजा था.
वह बहुत बड़ा भक्त था और अपने यज्ञों और दान के लिए प्रसिद्ध था. उसकी शक्ति और लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि वह देवताओं के स्वामी इंद्र का भी स्थान लेने लगा.
विष्णु जी ने लिया वामन का अवतार
देवताओं ने इस संकट को देखकर भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि वे कोई उपाय करें. तब भगवान विष्णु ने एक बौने ब्राह्मण बालक के रूप में जन्म लिया, जिसे वामन अवतार कहा जाता है.
मांगी तीन पग भूमि
राजा बलि जब एक विशाल यज्ञ कर रहा था और ब्राह्मणों को दान दे रहा था, तब वामन रूपी विष्णु वहां पहुंचे. उन्होंने राजा बलि से कहा कि 'मुझे बस तीन पग भूमि चाहिए, जिससे मैं अपना स्थान बना सकूं.'
तीन पग में नाप लिया ब्रह्मांड
राजा बलि ने मुस्कराते हुए कहा बस इतनी-सी मांग? मैं तो आपको पूरे गांव दे सकता हूं. लेकिन जैसे ही बलि ने वचन दिया, वामन का आकार बढ़ने लगा. वह इतना विशाल हो गया कि एक पग में उसने धरती को नाप लिया. दूसरे पग में उसने आकाश को माप लिया. अब तीसरे पग के लिए कुछ बचा ही नहीं था.
जब बलि बना पाताल लोक का राजा
भगवान वामन ने पूछा कि अब मैं अपना तीसरा पग कहां रखूं? इस पर राजा बलि ने विनम्र होकर कहा कि भगवान तीसरा पग आप मेरे सिर पर रख दीजिए. भगवान विष्णु ने जैसे ही अपना तीसरा पग राजा बलि के सिर पर रखा, बलि पाताल लोक चला गया, लेकिन भगवान उसकी भक्ति से इतने प्रसन्न हुए कि उसे पाताल का राजा बना दिया.