वीना रेड्डी कौन हैं, जिनका नाम USAID फंडिंग विवाद के बीच आया सामने?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के USAID की फंडिंग पर किए गए दावे के बाद से बीजेपी और कांग्रेस में जुबानी जंग छिड़ गई है. बीजेपी ने जहां कांग्रेस पर देश के लोकतंत्र का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस ने सरकार से श्वेत पत्र लाने की मांग की है. इस बीच वीना रेड्डी चर्चा में आ गई हैं. आखिर वीना रेड्डी कौन हैं और उनका जिक्र क्यों किया गया? आइए, जानते हैं...

Who Is Veena Reddy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) की तरफ से भारत को दिए गए 21 मिलियन डॉलर यानी 182 करोड़ रुपये का इस्तेमाल नरेंद्र मोदी की जगह किसी और नेता को जिताने के लिए किया गया. उनके इस दावे के बाद बीजेपी और कांग्रेस में जुबानी जंग छिड़ गई है. बीजेपी ने जहां ट्रंप और राहुल गांधी के 2023 में दिए गए बयान को जोड़ने की कोशिश की, वहीं कांग्रेस ने मांग की कि केंद्र सरकार को दशकों से भारत में सरकारी और गैर-सरकारी दोनों संस्थानों को अमेरिकी एजेंसी के समर्थन पर एक श्वेत पत्र लाना चाहिए.
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने डोनाल्ड ट्रम्प और राहुल गांधी की 2013 में यूनाइटेड किंगडम यानी ब्रिटेन में दिए गए बयान की ऑडियो क्लिप चलाते हुए कहा कि कांग्रेस ने जो किया है, वह शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि राहुल ने विदेश में हमारे देश के लोकतंत्र का मज़ाक उड़ाया है और विदेश के लोकतंत्रों से मदद मांगी है. इसका मतलब है कि उन्होंने अपनी जीत के लिए समर्थन मांगा, क्योंकि कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही थी.
वीना रेड्डी क्यों चर्चा में आईं?
यूएसएड फंडिंग रद्द करने के अपने सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा कि भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करने की क्या जरूरत है? मुझे लगता है कि वे मोदी की जगह किसी और को चुनाव जिताने की कोशिश कर रहे थे. वहीं, कांग्रेस ने ट्रम्प के दावों को 'निरर्थक' करार दिया. यूएसएड फंडिंग विवाद के बीच USAID की पूर्व भारतीय निदेशक वीना रेड्डी चर्चा में आ गई हैं. बीजेपी सांसद महेश जेठमलानी ने फंडिंग में उनकी भूमिका पर सवाल उठाए हैं.
जेठमलानी ने क्या कहा?
जेठमलानी ने X पर किए गए एक पोस्ट में लिखा कि DOGE ने पाया है कि USAID ने भारत में 'वोटर टर्नआउट' के लिए $21 मिलियन आवंटित किए हैं. वीना रेड्डी को 2021 में USAID के भारतीय मिशन के प्रमुख के रूप में भारत भेजा गया था. 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद वह अमेरिका लौट गईं. अफ़सोस की बात है क्योंकि यहां की जांच एजेंसियां उनसे कुछ सवाल पूछ सकती थीं कि मतदाता मतदान संचालन में इसे लगाने के लिए यह पैसा किसे दिया गया था.
कौन हैं वीना रेड्डी?
वीना रेड्डी आंध्र प्रदेश में जन्मी अमेरिकी राजनयिक हैं. वह यूएस सीनियर फॉरेन सर्विस की करियर सदस्य हैं. उन्होंने भारत और भूटान में USAID के लिए मिशन निदेशक के रूप में काम किया है. उन्हें 2021 में नियुक्त किया गया था. वह इन देशों में USAID के संचालन का नेतृत्व करने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी थीं.
वीना रेड्डी लोकसभा चुनाव के एलान के एक महीने से अधिक समय बाद 17 जुलाई 2024 को अमेरिका लौट गईं. भारत में अपने कार्यकाल से पहले उन्होंने USAID में विभिन्न पदों पर कार्य किया. इसमें कंबोडिया में मिशन निदेशक का पद भी शामिल था, जहां उन्होंने खाद्य सुरक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल संरक्षण और लोकतंत्र एवं शासन से संबंधित कार्यक्रमों की देखरेख की. इसके अलावा, रेड्डी ने हैती में उप मिशन निदेशक के रूप में भी कार्य किया, जहां उन्होंने भूकंप के बाद पुनर्निर्माण प्रयासों और आर्थिक विकास पहलों का प्रबंधन किया.
कोलंबिया और शिकागो यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई
रेड्डी ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से ज्यूरिस डॉक्टर की डिग्री और शिकागो यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ आर्ट्स और बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की हैं. यूएसएआईडी में शामिल होने से पहले उन्होंने न्यूयॉर्क, लंदन और लॉस एंजिल्स में कॉर्पोरेट वकील के रूप में काम किया था.