'लोकतंत्र पर हमला करने वाले हों बेनकाब', USAID पर खुलासे से धनखड़ हैरान; बोले- इन्हें जड़ से खत्म करना जरूरी
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में जो खुलासा हुआ, उसे देखकर मैं दंग रह गया. ट्रंप ने पूरी जिम्मेदारी के साथ जो खुलासा किया है, वह यह है कि इस देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नियंत्रित करने, उसमें हेराफेरी करने की कोशिश की गई. हमारी चुनाव प्रणाली की पवित्रता को धूमिल करने और कलंकित करने की कोशिश की गई. मुझे यकीन है कि यह किसी सत्ताधारी व्यक्ति की ओर से है. हमें उन्हें बेनकाब करना चाहिए.

Jagdeep Dhankhar On USAID Controversy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद से भारत का सियासी पारा हाई है. ट्रंप ने दावा किया था कि यूएसएड ने भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर यानी 182 करोड़ रुपये का फंड दिया था, जिसका इस्तेमाल मोदी की जगह किसी और को चुनाव जिताने के लिए किया गया था. बीजेपी और कांग्रेस के बीच इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप भी देखने को मिला. अब इस पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने भारत की चुनावी प्रक्रिया में कथित विदेशी हस्तक्षेप की कड़ी निंदा करते हुए इसे 'लोकतंत्र पर क्रूर हमला' बताया और इसमें शामिल लोगों को बेनकाब करने के लिए गहन जांच का आग्रह किया है.
भारत मंडपम में मेडिटेशन लीडर्स के वैश्विक सम्मेलन में बोलते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने USAID फंड के आवंटन के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा हाल ही में किए गए खुलासे का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "हाल ही में, जो खुलासा हुआ है, उसे देखकर मैं दंग रह गया. अमेरिका के राष्ट्रपति ने पूरी जिम्मेदारी के साथ जो खुलासा किया है, वह यह है कि इस देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को संशोधित और हेरफेर करने की कोशिश की गई थी... हमारी चुनाव प्रणाली की पवित्रता को धूमिल करने और कलंकित करने की कोशिश की गई. मुझे यकीन है कि यह किसी सत्ताधारी व्यक्ति की ओर से किया गया है.''
'जड़ से खत्म कर देना चाहिए'
हालांकि, उपराष्ट्रपति ने किसी खास संस्था का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने फंडिंग के सोर्स का पता लगाने और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि यह किसी अधिकारी से निकला है. एक बात सही है, क्योंकि यह तथ्यात्मक है. राशि दी गई थी... और यह कोई छोटी राशि नहीं है. हमें चाणक्य की शिक्षाओं को अपनाना चाहिए, इसकी जड़ों तक जाना चाहिए और इसे जड़ से खत्म कर देना चाहिए.
'जवाबी कार्रवाई करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य'
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने जोर देकर कहा कि भारत को ऐसी ताकतों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए. इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका पर्दाफाश हो. उन्होंने कहा कि हमें पता लगाना चाहिए कि वे लोग कौन हैं, जिन्होंने इस तरह के आक्रमण को स्वीकार किया और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों पर क्रूर हमला किया. उन ताकतों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है. धनखड़ ने कहा कि हमें उनका पर्दाफाश करना चाहिए, क्योंकि तभी भारत उस शिखर पर पहुंच पाएगा, जिसकी हमने कल्पना की है, जो अब एक सपना नहीं बल्कि हमारा लक्ष्य है- एक विकसित भारत.