कौन हैं ग्रुप कैप्टन Shubhanshu Shukla, जो बनेंगे ISS में तिरंगा लहराने वाले पहले भारतीय
Axiom Mission 4 या एक्स-4 मिशन पोलैंड और हंगरी के लिए ह्यूमन स्पेस एयरक्राफ्ट की वापसी को साकार करेगा, जो 40 से ज्यादा सालों में हर देश की पहली गवर्नमेंट स्पॉन्सर्ड उड़ान होगी. इसके लिए भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) के लिए एक्सिओम मिशन 4 का पायलट चुना गया है.

स्पेस में अब भारत अपनी ताकत मजबूत कर रहा है. अब इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जल्द ही फ्लोरिडा स्पेस स्टेशन से स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पर सवार होकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएंगे. यह यात्रा करने वाले वह पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनने जा रहे हैं. यह उड़ान 2025 के वसंत के बाद भरी जाएगी.
IAF ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने गुरुवार को कहा कि वह भारत के लोगों के साथ अपना एक्सपीरियंस शेयर करने के लिए एक्साइडेट हैं. इसके आगे उन्होंने कहा कि वह अपने स्पेस क्राफ्ट पर देश का रिप्रजेंट करने वाली चीजों को ले जाने का प्लान बना रहे हैं. शुभांशु Axiom Mission 4 के तहत यह यात्रा करेंगे. ऐसे में चलिए जानते हैं कौन हैं शुभांशु शुक्ला?इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में तिरंगा लहराने वाले कौन हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला.
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था. वह इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप प्रतिष्ठित पायलट हैं. सबसे पहले शुभांशु शुक्ला को जून 2006 में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विंग में शामिल किया गया था. एक कॉमबैट लीडर के तौर पर शुभांशु शुक्ला के पास Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 सहित अलग-अलग एयर क्राफ्ट पर 2,000 घंटे की उड़ान का एक्सपीरियंस है. इसके बाद साल 2024 में उनका प्रमोशन हुआ और उन्हें ग्रुप कैप्टन का पद मिला.
गगनयान मिशन के लिए चुने गए
शुभांशु शुक्ला भारत के ह्यूमन स्पेस फ्लाइट गगनयान मिशन के लिए भी चुना गया था. साल 2019 में शुभांशु शुक्ला को इसरो से एक कॉल आया था. इसके बाद उन्होंने एक साल तक रूस के मॉस्को के स्टार सिटी में यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग ली.
क्या है Axiom Mission 4?
भारत के अलावा एक्सिओम मिशन 4 या एक्स-4 मिशन पोलैंड और हंगरी के लिए भी मानव अंतरिक्ष उड़ान की वापसी को साकार करेगा, जो कि 40 से ज्यादा सालों में प्रत्येक देश की पहली सरकार प्रायोजित उड़ान होगी. Ax-4 पॉलैंड और हंगरी के इतिहास में दूसरा मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है. यह पहली बार होगा जब तीनों देश ISS पर एक मिशन को अंजाम देंगे.