ChatGPT और DeepSeek को टक्कर देगा भारत का AI, जानें कब होगा लॉन्च ?
अभी तक भारत ChatGPT और DeepSeek जैसी बाहरी AI पर निर्भर है, लेकिन अब इस दिशा में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जल्द ही भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में कदम रखेगा. इसके लिए भारत ने 1.25 बिलियन डॉलर के एआई निवेश की घोषणा की है.

यह कहना गलत नहीं होगा कि AI ने लोगों का जीवन आसान बना दिया है. सिर्फ एक कमांड से घंटों का काम मिनटों में हो जाता है. हालांकि, अभी तक भारत के पास अपना AI नहीं है, लेकिन अब सरकार इस ओर कदम बड़ा रही है. अब इस पर
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि भारत चैटजीपीटी और डीपसीक की तरह ही अपना खुद का जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल डेवलप कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत का अपना एआई अगले 10 महीनों में तैयार होने की संभावना है.
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1.5 सालों से काम में जुटी टीम
अश्विनी ने बताया कि पिछले 1.5 सालों में हमारी टीमें स्टार्टअप, शोधकर्ताओं, प्रोफेसरों आदि के साथ मिलकर काम कर रही हैं. आज हम अपना खुद का आधारभूत मॉडल विकसित करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित कर रहे हैं.
कैसा होगा भारत का AI?
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत का AI हमारी भाषा और कल्चर पर आधारित होगा . साथ ही, इसमें किसी भी तरह का पक्षपात नहीं होगा. भारत ने मार्च में 1.25 बिलियन डॉलर के AI निवेश का एलान किया था. इसे IndiaAI मिशन कहा गया. इसमें AI स्टार्टअप के लिए फंडिंग और अपना खुद का AI इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना शामिल है.
भारत की स्थिति
इस मिशन के तहत अभी भारत के पास 18,693 GPU हैं. 15,000 हाई-एंड GPU खरीदे गए हैं, जिनमें 1,480 H200 GPU शामिल हैं. भारत सरकार की पहल का उद्देश्य देश भर के शोधकर्ताओं, स्टार्टअप और व्यवसायों को संसाधन प्रदान करना है. बता दें कि डीपसीक और चैटGPT जैसे मॉडल को 2,000 और 25,000 GPU का उपयोग करके बनाया गया है.
प्राइवेसी पर बोले अश्विनी
चीनी डीपसीक के लॉन्च के बाद चल रही प्राइवेसी से जुड़ी चिंताओं पर आईटी मिनिस्टर ने कहा कि भारतीय सर्वर नए चीनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म को होस्ट करेंगे. इसके आगे उन्होंने कहा कि डीपसीक ओपन सोर्स है और इसे जल्द ही भारतीय सर्वर पर होस्ट किया जाएगा. यह सीमा पार डेटा ट्रांसफर के बारे में गोपनीयता संबंधी चिंताओं को दूर करेगा.