बीएलओ को पीटने की खुली धमकी देने वाले कांग्रेस विधायक सुदीप रॉय बर्मन कौन?
त्रिपुरा की राजनीति एक बार फिर गरमाई हुई है और इस बार वजह बने हैं कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सुदीप रॉय बर्मन, जिन्होंने बूथ लेवल अधिकारियों को खुले मंच से चेतावनी दी कि अगर उन्होंने वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़ा किया, तो उन्हें सार्वजनिक रूप से पीटा जा सकता है.
त्रिपुरा की राजनीति इन दिनों गरमाई हुई है. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) को खुले मंच से चेतावनी दी है कि अगर किसी ने वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की, तो उसे सरेआम पीटा भी जा सकता है. यह बयान जिस सख़्ती और गुस्से में आया, उसने पूरे राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी.
स्टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें
विधायक सुदीप का कहना है कि सत्ताधारी दल के दबाव में अगर किसी ने फर्जी वोटरों को शामिल करने की कोशिश की, तो विपक्ष चुप नहीं बैठेगा. यह कोई पहली बार नहीं है, जब विधायक सुदीप अपने बयान और हरकतों के चलते चर्चा में हों. चलिए ऐसे में जानते हैं कौन हैं सुदीप रॉय बर्मन?
फर्जीवाड़ा करने पर सरेआम जाएगा पीटा
इंद्रनगर में पार्टी ट्रेनिंग सत्र के दौरान सुदीप रॉय बर्मन ने साफ कहा कि कांग्रेस को उन नामों को हटाने पर कोई आपत्ति नहीं, जो अब जीवित नहीं हैं या विदेशी नागरिक हैं. लेकिन अगर फर्जी, डुप्लीकेट या ‘घोस्ट वोटर्स’ जोड़ने की कोशिश हुई, तो वे इसका कड़ा विरोध करेंगे. ऐसे बीएलो को सरेआम पीटा जा सकता है. उन्होंने चुनाव आयोग को भी याद दिलाया कि निष्पक्ष और सही वोटर लिस्ट तैयार करना उनका संवैधानिक कर्तव्य है, और वह किसी भी दबाव में आए बिना काम करें.
कौन हैं सुदीप रॉय बर्मन?
सुदीप रॉय बर्मन ट्रिपुरा के सबसे चर्चित और विवादित नेताओं में से एक हैं. वह 1998 से अगरतला सीट से चार बार लगातार कांग्रेस टिकट पर विधायक चुने गए. 2018 में उन्होंने भाजपा का दामन थामा और दोबारा जीत हासिल की. लेकिन 7 फरवरी 2022 को उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया और अगले ही दिन दिल्ली में कांग्रेस में वापसी कर ली. उसी साल जून में उन्होंने फिर से अगरतला सीट से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा और भाजपा उम्मीदवार को 3500 से अधिक वोटों से हराया.
विवादों से है पुराना नाता
सुदीप रॉय बर्मन सिर्फ जीतने के लिए ही नहीं, बल्कि अपने विवादित कदमों के लिए भी जाने जाते हैं. 2016 में उन्होंने विधानसभा में स्पीकर की चांदी की गदा छीनकर भागने की घटना से सबको चौंका दिया था. 2012 में वे अपने भाई के साथ मिलकर एक ऑन-ड्यूटी आर्मी ऑफिसर से मारपीट करने के आरोप में भी सुर्खियों में आए थे. उनकी राजनीतिक यात्रा जितनी मजबूत है, उतनी ही विस्फोटक भी.





