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RCB की ऐतिहासिक जीत के बाद दर्ज हुआ सबसे काला पन्ना, चिन्नास्वामी स्टेडियम हादसे में अबतक क्या क्या हुआ? 10 Pointers

बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी के सम्मान समारोह के दौरान भगदड़ मचने से 11 लोगों की मौत हो गई और 47 घायल हुए. लाखों की भीड़ को लेकर प्रशासन की चूक उजागर हुई. मुख्यमंत्री ने मुआवजा और मजिस्ट्रेट जांच का ऐलान किया, जबकि विपक्ष सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है. हादसे ने आयोजन की तैयारी और जिम्मेदारी दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

RCB की ऐतिहासिक जीत के बाद दर्ज हुआ सबसे काला पन्ना, चिन्नास्वामी स्टेडियम हादसे में अबतक क्या क्या हुआ? 10 Pointers
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 5 Jun 2025 7:34 AM IST

बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी की ऐतिहासिक जीत का जश्न एक दर्दनाक हादसे में तब्दील हो गया. खिलाड़ियों के सम्मान समारोह के दौरान स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई और दर्जनों घायल हो गए. लाखों की संख्या में उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन पूरी तरह नाकाम रहा. जश्न के रंग में मातम की स्याही घुल गई और एक खुशहाल पल पूरे राज्य के लिए त्रासदी बन गया.

इस हादसे ने न सिर्फ राज्य सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए, बल्कि पुलिस प्रशासन और आयोजन समिति की लापरवाही भी उजागर कर दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने हादसे पर दुख जताया है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा देने और घायलों के मुफ्त इलाज का ऐलान किया है. मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं, लेकिन विपक्ष सरकार को सीधे तौर पर इस हादसे का जिम्मेदार ठहरा रहा है.

अब तक क्या-क्या हुआ?

  • कैसे हुआ हादसा: चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी के खिलाड़ियों के सम्मान समारोह के दौरान बाहर करीब 3 लाख लोग इकट्ठा हो गए जबकि स्टेडियम की क्षमता सिर्फ 35,000 थी. कार्यक्रम के दौरान लोगों ने जबरन गेट पर चढ़कर अंदर घुसने की कोशिश की, जिससे भगदड़ मच गई.
  • पुलिस का लाठीचार्ज बना वजह: जब पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया तो लोगों में अफरा-तफरी फैल गई. कुछ लोग गिर पड़े, जिन्हें बाकी भीड़ ने रौंद दिया. कई लोग बेहोश हो गए और मदद मिलने से पहले ही दम तोड़ बैठे.
  • मृतकों और घायलों का आंकड़ा: हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 47 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. घायलों को वैदेही सुपर स्पेशियलिटी, बॉरिंग और लेडी कर्जन अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. ओवैसी के मुताबिक, मरने वालों की संख्या 12 हो सकती है.
  • जश्न जारी रहा, बाहर मचा कोहराम: स्टेडियम के अंदर रंगारंग कार्यक्रम और खिलाड़ियों का सम्मान जारी रहा, जबकि बाहर लोग गिरते, कुचले जाते रहे. आयोजकों और सरकार को भीड़ की सही संख्या का अनुमान नहीं था, जिससे ये हादसा और भी भयावह बन गया.
  • प्रशासनिक चूक के संकेत: गेट नंबर 12 और 18 पर सबसे ज्यादा भीड़ थी. जब पुलिस ने लाठीचार्ज किया और गेट खोले गए तो लोग एकसाथ अंदर घुसने लगे. बैरिकेड्स टूटे और भगदड़ मच गई. इससे साफ हुआ कि पुलिस और आयोजकों के पास कोई स्पष्ट रणनीति नहीं थी.
  • राजनीतिक प्रतिक्रिया और आरोप: बीजेपी और एचडी कुमारस्वामी जैसे विपक्षी नेताओं ने कांग्रेस सरकार को आयोजन में जल्दबाज़ी और लापरवाही का दोषी बताया है. उनका कहना है कि राज्य सरकार ने भारी भीड़ के बावजूद बिना पर्याप्त इंतज़ामों के कार्यक्रम को हरी झंडी दी.
  • मुख्यमंत्री का बयान: सीएम सिद्धारमैया ने हादसे पर दुख जताया और ₹10 लाख की अनुग्रह राशि की घोषणा की. उन्होंने कहा कि ये आयोजन कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) द्वारा किया गया था, सरकार ने सिर्फ अनुमति दी थी. साथ ही मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए गए हैं.
  • सुरक्षा इंतज़ाम नाकाफी: इतनी बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने के बावजूद न तो स्टेडियम के बाहर सुरक्षा घेरा था और न ही आपातकालीन सेवाएं पूरी तरह से तैनात थीं. एंबुलेंस और मेडिकल टीमों को घटनास्थल तक पहुंचने में देर लगी, जिससे कई की जान नहीं बचाई जा सकी.
  • सरकार और KSCA के बीच जिम्मेदारी का टकराव: सरकार कह रही है कि आयोजन का जिम्मा KSCA का था, जबकि अनुमति और पुलिस तैनाती राज्य ने दी थी. इससे जिम्मेदारी को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है. विपक्ष इसी बिंदु पर सरकार को घेर रहा है.
  • जांच और आगे की कार्रवाई: मजिस्ट्रेट जांच के लिए बनाई गई कमेटी को 15 दिन में रिपोर्ट सौंपनी है. सरकार ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. लेकिन अब सवाल ये है कि क्या ये कदम उन परिवारों के आंसू पोछ पाएंगे जिन्होंने अपनों को इस जश्न में खो दिया?
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