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क्या है केंद्र सरकार की फैक्ट चेक यूनिट्स? बॉम्बे हाईकोर्ट ने IT नियम संशोधन 2023 को किया खारिज

Central Fact Check Units: कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन नियम 2023 संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 के खिलाफ है. ये केंद्र को ऑनलाइन फर्जी खबरों की पहचान करने के लिए फैक्ट चेक यूनिट्स (FCU) स्थापित करने का अधिकार देता है.

क्या है केंद्र सरकार की फैक्ट चेक यूनिट्स? बॉम्बे हाईकोर्ट ने IT नियम संशोधन 2023 को किया खारिज
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Bombay High Court
सचिन सिंह
By: सचिन सिंह

Updated on: 20 Sept 2024 7:14 PM IST

Central Fact Check Units: बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र की फैक्ट चेक यूनिट्स (FCU) को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने शुक्रवार को आईटी नियमों को रद्द कर दिया, जिसके तहत केंद्र सरकार को फैक्ट चेक यूनिट्स (FCU) स्थापित करने का अधिकार था. फैक्ट चेक यूनिट्स के जरिए केंद्र सरकार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी और भ्रामक जानकारी पहचान करता है.

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अतुल चंदुरकर की पीठ ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन नियम 2023 संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 के खिलाफ है, जो केंद्र को ऑनलाइन फर्जी खबरों की पहचान करने के लिए फैक्ट चेक यूनिट्स (FCU) स्थापित करने का अधिकार देता है.

'नियमों में कई शब्द स्पष्ट नहीं हैं' -जस्टिस चंदुरकर

जस्टिस चंदुरकर ने कहा, 'मैंने इस मामले पर गहनता से विचार किया है. विवादित नियम Central Fact Check Unitsभारत के संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और 19(1)(जी) (व्यवसाय की स्वतंत्रता और अधिकार) का उल्लंघन हैं.' उन्होंने कहा कि नियमों में नकली, झूठा और भ्रामक शब्द किसी परिभाषा के अभाव में अस्पष्ट और गलत है.

क्या है केंद्र सरकार की फैक्ट चेक यूनिट्स?

फैक्ट चेक इकाई का उद्देश्य, फर्जी समाचार और गलत सूचना प्रदान करने वाले रचनाकारों और प्रसारकों के लिए निवारक के रूप में कार्य करना और लोगों को भारत सरकार से संबंधित संदिग्ध और संदेहास्पद जानकारी की रिपोर्ट करने और तथ्यों की जांच कराने के लिए का एक आसान तरीका प्रदान करना है.

जनवरी 2024 में जस्टिस गौतम पटेल और नीला गोखले की खंडपीठ ने विभाजित फैसला सुनाया था. जस्टिस पटेल ने नियमों को खारिज कर दिया जबकि न्यायमूर्ति गोखले ने उन्हें बरकरार रखा. जस्टिस पटेल ने कहा था कि नियम सेंसरशिप के समान हैं लेकिन न्यायमूर्ति गोखले ने कहा था कि इनका अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कोई प्रभाव नहीं है. यह आज आया तीसरे जस्टिस का फैसला था.

सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी आपत्ति

सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2024 में केंद्र सरकार की उस अधिसूचना पर रोक लगा दी थी, जिसमें उसने अपनी आधिकारिक फैक्ट चेक यूनिट्स (FCU) की संचालन स्थिति की घोषणा की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब तक बॉम्बे हाई कोर्ट इस मामले की संवैधानिकता पर फैसला नहीं ले लेता, तब तक केंद्र आगे नहीं बढ़ सकता है.

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