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F-35 कोई फ्रिज नहीं है जिसे सिर्फ देखा और खरीद लाए, वायुसेना चीफ का बड़ा बयान

पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने भारत को पांचवीं पीढ़ी के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान F-35 देने की पेशकश की थी. लेकिन भारतीय वायुसेना प्रमुख का कहना है कि ऐसा कोई भी प्रस्‍ताव आधिकारिक रूप से अभी नहीं मिला है.

F-35 कोई फ्रिज नहीं है जिसे सिर्फ देखा और खरीद लाए, वायुसेना चीफ का बड़ा बयान
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( Image Source:  ANI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 8 March 2025 5:10 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत को F-35 स्टील्थ फाइटर जेट बेचने का प्रस्ताव देने के कुछ हफ्तों बाद, भारतीय वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने कहा है कि अमेरिका ने अभी तक इस विमान पर औपचारिक प्रस्ताव नहीं दिया है. इंडिया टुडे के कार्यक्रम में बोलते हुए, वायुसेना प्रमुख ने भारत की नई तकनीकों के साथ तालमेल बैठाने और पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट प्रोग्राम को तेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया.

एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा कि वायुसेना ने अभी तक F-35 जेट का विश्लेषण नहीं किया है और इसकी लागत को भी ध्यान में रखना होगा. लगभग 80 मिलियन डॉलर (करीब 660 करोड़ रुपये) की लागत वाला यह जेट बाज़ार में सबसे महंगे विकल्पों में से एक है और इसकी प्रदर्शन क्षमता पर भी अमेरिका की एक रिपोर्ट में सवाल उठाए गए हैं.

फ्रिज या वाशिंग मशीन की तरह नहीं जो सिर्फ लुक्स देखकर खरीद लें

वायुसेना प्रमुख ने कहा, "हमें इसे ध्यान से विश्लेषण करने की जरूरत है कि हमारी जरूरतें क्या हैं और इसके साथ क्या-क्‍या और आता है. कीमत का भी इसमें अहम रोल होगा. यह कोई वाशिंग मशीन या फ्रिज नहीं है जिसे केवल देखकर खरीद लिया जाए. अभी तक इस पर कोई विचार नहीं किया गया है और न ही हमें कोई प्रस्ताव दिया गया है."

रूस पर भारत की निर्भरता कम करना चाहता है अमेरिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में अमेरिका यात्रा के दौरान, ट्रंप ने भारत को F-35 स्टील्थ फाइटर जेट की पेशकश की थी. इस कदम को अमेरिका द्वारा भारत की रक्षा जरूरतों के लिए रूस पर निर्भरता कम करने की एक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है. अमेरिकी वाणिज्‍य सचिव भी यह बात कह चुके हैं कि भारत को रूस को छोड़ कर अमेरिका से हथियार खरीदने चाहिए.

हालांकि, वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने यह भी कहा कि जब चीन छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान प्रदर्शित कर चुका है, तब भारत को अपनी तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए ऑफ-द-शेल्फ (यानी पहले से उपलब्ध) फाइटर जेट्स की खरीद करनी पड़ सकती है. इसके विपरीत, भारत का पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट प्रोग्राम – एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) अभी विकास के चरण में है, और 2035 तक पहला जेट वायुसेना में शामिल हो सकता है.

उन्‍होंने कहा, "हमें तब तक स्वदेशी विकल्‍पों के साथ ऑफ-द-शेल्फ खरीदारी करनी पड़ सकती है जब तक AMCA पूरी तरह विकसित नहीं हो जाता, या फिर हमें AMCA के विकास की गति तेज करनी होगी.''

कमजोर हो रही भारतीय वायुसेना की ताकत?

वर्तमान में, भारतीय वायुसेना के पास 30 फाइटर स्क्वाड्रन हैं, जबकि इसकी स्वीकृत संख्या 42 स्क्वाड्रन है. एक फाइटर स्क्वाड्रन में 18 लड़ाकू विमान होते हैं.

चीन के छठी पीढ़ी के फाइटर जेट का परीक्षण करने और अमेरिका द्वारा पाकिस्तान के F-16 फ्लीट के मेंटेनेंस के लिए फंड जारी करने को लेकर सवालों के जवाब में, वायुसेना प्रमुख ने नवीनतम तकनीकों के साथ तेजी से आगे बढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्‍होंने कहा, "इससे उन्‍हें बढ़त जरूर मिलेगी. यह एक बिल्ली और चूहे का खेल है जो चलता रहेगा. फिलहाल हम नई तकनीकों के पीछे भाग रहे हैं. हमें उस स्तर तक पहुंचने की जरूरत है जब हम खुद ऐसी तकनीक दुनिया के सामने लाएं और उसे भारत में विकसित कराएं. हमें खुद को उस स्थिति में लाना होगा जहां दुनिया हमारे पीछे दौड़े.''

तेजस की डिलीवरी में देरी पर भी बोले वायुसेना प्रमुख

वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने हाल ही में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के अधिकारियों को तेजस फाइटर जेट की डिलीवरी में हो रही देरी को लेकर फटकार लगाते हुए वीडियो वायरल होने पर इसे "मित्रवत बातचीत" बताया. उन्‍होंने कहा, ''यह हास्यास्पद है क्योंकि किसी निजी चर्चा को लीक करना गलत है. मैं अपने HAL के सहयोगियों से बात कर रहा था. हम साथ में ट्रेनिंग कर चुके हैं. यह टेस्ट क्रू और इंजीनियरों के साथ एक दोस्ताना बातचीत थी, जिनके साथ मैंने काम किया है.''

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