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रूस का SU-57 देगा अमेरिका के F-35 को कड़ी टक्‍कर, भारत के लिए कौन बेहतर?

भारत को पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान बेचने की होड़ सी लग गई है. रूस ने जहां भारत को SU-35 का ऑफर दिया है तो वहीं अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप में पीएम मोदी के साथ मुलाकात में भारत को F-35 देने की बात की है. दोनों ही विमान बेहतरीन हैं लेकिन भारत को फैसला करना है कि वह कौन सा विमान खरीदेगा.

रूस का SU-57 देगा अमेरिका के F-35 को कड़ी टक्‍कर, भारत के लिए कौन बेहतर?
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( Image Source:  ANI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 15 Feb 2025 3:00 PM IST

10 फरवरी से शुरू हुआ Aero India 2025 खत्‍म हो चुका है. लेकिन सबसे ज्‍यादा अगर इसकी चर्चा किसी बात के लिए हो रही है तो वो यह कि परंपरागत दुश्‍मन रूस और अमेरिका दोनों के ही पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान यहां एक ही जगह दिखे. न केवल दिखे बल्‍कि दोनों ने ही यहां अपनी अपनी क्षमताओं का खुलकर प्रदर्शन किया.

जी हां, बात हो रही है अमेरिकी F-35 और रूस के SU-57 की.

एक ओर जहां अमेरिका ने भारत को अपने F-35 लड़ाकू विमान की पेशकश की है तो वहीं रूस भी पीछे नहीं है और उसने भी SU-57 को लेकर तगड़ा ऑफर देगा. ऐसे में भारत के लिए इन दोनों में से किसी एक विमान को चुनना काफी मुश्किल होने जा रहा है. बता दें कि भारत 114 मसल्‍टीरोल फाइटर जेट्स खरीदने की प्रक्रिया में काफी लंबे समय से है लेकिन अब तक यह डील विभिन्‍न कारणों से हो नहीं पाई है. और रूस, अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों की नजर इसी कॉन्‍ट्रैक्‍ट पर है. इसी कड़ी में रूस ने भारत को SU-57 की पेशकश की है.

चीन और तुर्की के फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट को अगर छोड़ दें तो SU-57 दुनिया का सबसे नया फाइटर जेट कहना गलत नहीं होगा. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि चीन ने पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान बना भी लिया और तैनात भी कर लिया है लेकिन उसके बारे में बहुत ज्‍यादा जानकारी उपलब्‍ध नहीं है और न ही किसी जंग में उसका उपयोग हुआ है. चीन का दावा है कि उसने छठी पीढ़ी का विमान भी तैयार कर लिया है और उसका परीक्षण कर रहा है. वहीं तुर्की का विमान अभी परीक्षण के स्‍तर पर ही है. लेकिन रूस का दावा है कि उसने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के दौरान कई बड़े मिशन को SU-57 की मदद से अंजाम दिया है और इसके सभी मिशन 100 फीसदी सीटक रहे हैं.

भारत पर भी पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान खरीदने का दबाव है क्‍योंकि एक ओर जहां पड़ोसी चीन ऐसे विमानों का बड़े पैमाने पर उत्‍पादन कर रहा है तो दूसरी ओर पाकिस्‍तान जैसे देश को देने का भी एलान कर चुका है.

तो SU-57 में ऐसा क्‍या है जो इसे F-35 से अलग बनाता है.

सुखोई SU-57

सुखोई SU-57 रूस का अत्याधुनिक पांचवीं पीढ़ी का मल्‍टीरोल स्टील्थ लड़ाकू विमान है, जिसे रूसी एयरोस्पेस फोर्सेज के लिए विशेष रूप से बनाया गया है. यह विमान रूस की सुप्रसिद्ध एयरोस्पेस कंपनी "सुखोई" द्वारा डिज़ाइन किया गया है और इसे पहली बार 2010 में परीक्षण उड़ान के दौरान प्रदर्शित किया गया था. सुखोई SU-57 को स्टील्थ, सुपरसोनिक क्रूज़, उन्नत एवियोनिक्स और मल्टीरोल क्षमताओं के साथ डिज़ाइन किया गया है.

SU-57 में क्‍या है खास?

  • SU-57 एडवांस स्टील्थ तकनीक से लैस है, जिसकी वजह से इसे राडार से ट्रैक करना मुश्किल है.
  • यह विमान बिना आफ्टरबर्नर का इस्‍तेमाल किए सुपरसोनिक स्‍पीड से उड़ान भर सकता है. यह सुविधा इसे लंबी दूरी तक तेज़ गति से उड़ान भरने की क्षमता प्रदान करती है.
  • SU-57 के पास हवा से हवा, हवा से ज़मीन और हवा से पानी में मार करने वाले उन्नत हथियारों की पूरी सीरीज है. इसमें काइनेटिक, लेजर-गाइडेड मिसाइलें और एंटी-शिप मिसाइलें भी शामिल हैं.
  • इसमें उन्नत एवियोनिक्स (एविएशन इलेक्ट्रॉनिक्स) और सेंसर फ्यूज़न सिस्टम है, जो इसे तेज़ी से बदलते युद्धक्षेत्र में बेहतर सिचुएशनल अवेयरनेस (Situational Awareness) देते हैं.
  • SU-57 को 3D थ्रस्ट वेक्टरिंग तकनीक से लैस किया गया है, जिसकी वजह से यह अत्यंत जटिल और आक्रामक हवाई युद्धाभ्यास करने में सक्षम है.
  • SU-57 एक मल्‍टीरोल विमान है, जो वायु प्रभुत्व स्थापित करने, हवाई गश्त करने, ज़मीन और पानी पर टारगेट्स को निशाना बनाने और टोह लेने में सक्षम है.
  • डिज़ाइन, इंजन और परफॉर्मेंस

पांचवीं पीढ़ी के किसी भी अन्‍य लड़ाकू विमान की तरह SU-57 में भी एक स्लीक और एरोडायनामिक डिज़ाइन है, जो इसकी स्टील्थ क्षमताओं को बढ़ाता है. इसका कॉकपिट उन्नत एर्गोनॉमिक्स के साथ डिज़ाइन किया गया है, जो पायलट को बेहतर कंट्रोल देता है. इसके विंग्स और फ्यूलसेल डिज़ाइन इसे लंबी उड़ानों के दौरान भी स्थिरता और गति बनाए रखने में मदद करते हैं. SU-57 दो "Saturn AL-41F1" इंजन से लैस है, जो इसे अत्यधिक गति और ताकत प्रदान करते हैं. इसके भविष्य के संस्करण में नए जनरेशन इंजन "Izdeliye 30" का उपयोग किया जाएगा, जो और भी अधिक गति और कुशलता प्रदान करेगा.

रक्षा क्षमताएं

SU-57 में एडवांस डिफेंस काउंटरमेजर्स (Countermeasures) लगे हैं, जो इसे दुश्मन की मिसाइलों और राडार ट्रैकिंग से बचाने में सक्षम बनाते हैं. इसके अलावा, इसमें इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम भी है, जो दुश्मन के रडार और संचार को जाम कर सकता है. यह विमान न केवल हवा में दुश्मन के विमानों को नष्ट कर सकता है, बल्कि ज़मीन और समुद्र पर स्थित रणनीतिक ठिकानों को भी सटीकता से निशाना बना सकता है. इसकी बहुउद्देश्यीय क्षमताएं इसे हर तरह के युद्ध के लिए आदर्श बनाती हैं.

F-35 : दुश्मन के होश उड़ाने वाले F-35 विमान की खासियत

SU-57 का सीरियल उत्पादन 2019 में शुरू हुआ था, और यह अब रूसी वायुसेना में सेवा दे रहा है. इसके कई परीक्षण और युद्धाभ्यास के बाद, इसे भविष्य की सैन्य रणनीतियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार किया गया है. SU-57 का मुकाबला अमेरिका के F-22 रैप्टर और F-35 लाइटनिंग II से किया जाता है. हालांकि आकार में यह विमान थोड़ा बड़ा है.

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