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स्कूलों की असेंबली में गाएं ‘बांग्लार माटी’ गीत... पश्चिम बंगाल में ममता सरकार का नया फरमान, जानें क्या है बदलाव का उद्देश्य

West Bengal: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने स्कूलों के लिए नया आदेश जारी किया है. राज्य के सेकंड्री एजुकेशन बोर्ड ने नोटिफिकेशन में कहा, अब सभी स्कूलों में इस गीत को प्रार्थना के रूप में गाया जाएगा. इस बारे में पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने एक्स पोस्ट में जानकारी दी.

स्कूलों की असेंबली में गाएं ‘बांग्लार माटी’ गीत... पश्चिम बंगाल में ममता सरकार का नया फरमान, जानें क्या है बदलाव का उद्देश्य
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( Image Source:  ani )

Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री राज्य की जनता के लिए हमेशा नए-नए नियमों को लागू करती है. अब नागरिकों के लिए नया फरमान जारी किया गया है. ममता सरकार ने सभी सरकारी और ऐडेड स्कूलों को सुबह की प्रार्थना में राज्य गीत गाने का आदेश दिया है.

राज्य सेकंड्री एजुकेशन बोर्ड ने अपर प्राइमरी और सेकंड्री स्कूलों को इस संबंध में एक नोटिस जारी किया है, जिसमें लिखा है कि सुबह की सभा में बांग्लार माटी. बांग्लार जल गीत गाना अनिवार्य है. इसे भी रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा था.

स्कूलों ने लिए नया फरमान

बोर्ड ने नोटिफिकेशन में कहा, अब सभी स्कूलों में इस गीत को प्रार्थना के रूप में गाया जाएगा. इस बारे में पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने एक्स पोस्ट में जानकारी दी. गीत के साथ राष्ट्रगान भी गाया जाएगा.

कब लिखा गया था गीत?

राज्य शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य गीत के साथ राष्ट्र-गान (जन गण मन) भी रोजाना स्कूलों में गाया जाना सामाजिक और सांप्रदायिक समरसता को बढ़ावा देगा. उन्होंने बताया कि बंगाल के लिए रवींद्रनाथ टैगोर का लिखा गीत ‘बांग्लार माटी’ 1905 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन द्वारा बंगाल के विभाजन के फैसले के विरोध में आंदोलन की समर्थन के लिए लिखा गया था.

सरकार के फैसले पर स्कूलों का बयान

NBT के मुताबिक, ममता सरकार के इस आदेश पर स्कूल प्रशासन ने भी अपना रिएक्शन दिया है. जोधपुर पार्क बॉयज़ स्कूल के प्रिंसिपल अमित सेन मजूमदार ने कहा कि उनका स्कूल इस साल जनवरी से ही रोजाना सुबह की सभा में राज्य-गीत गा रहा है. उन्होंने कहा, नोटिस जारी होने से पहले ही उन्होंने अपने विद्यालय में इसे लागू कर रखा था और इसे राज्य प्रशासन के आदेश से पहले ही अपना लिया जाना गर्व की बात है.

वहीं हिंदू स्कूल के प्रिंसिपल सुभ्रजीत दत्ता का कहा कि उनका स्कूल मीड सेमेस्टर की परीक्षा के खत्म होने के तुरंत बाद नियमित कक्षाएं शुरू होते ही इस राज्य-आदेश को लागू कर देगा. उन्होंने बताया कि कुछ शिक्षक प्रतिदिन दो गीत गाने की प्रथा की आवश्यकता पर प्रश्न उठा रहे हैं. एक स्कूल के प्रधान ने सवाल किया कि क्या सभी विद्यार्थी राज्य-गीत के शब्द याद रख पाएंगे या नहीं. अब देखना यह होगा कि इस आदेश पर राजनीतिक दलों का क्या रिएक्शन आता है.

ममता बनर्जीIndia News
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