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बंगाल में NRC को लेकर सियासी बवाल: डर से व्यक्ति ने की आत्महत्या, ममता बनर्जी ने BJP पर साधा निशाना- अमित मालवीय ने पलटवार किया

पश्चिम बंगाल में एनआरसी (NRC) को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है. पानिहाटी में एक व्यक्ति ने कथित रूप से NRC के डर से आत्महत्या कर ली. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर "डर और बंटवारे की राजनीति" करने का आरोप लगाया, वहीं बीजेपी के अमित मालवीय ने पलटवार करते हुए कहा कि "देश में कहीं भी NRC लागू नहीं है" और ममता जानबूझकर लोगों में दहशत फैला रही हैं.

बंगाल में NRC को लेकर सियासी बवाल: डर से व्यक्ति ने की आत्महत्या, ममता बनर्जी ने BJP पर साधा निशाना- अमित मालवीय ने पलटवार किया
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 28 Oct 2025 8:09 PM

पश्चिम बंगाल में NRC के डर से एक व्यक्ति की आत्महत्या के बाद सियासी माहौल गरम हो गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर “डर और बंटवारे की राजनीति” करने का आरोप लगाया है, वहीं बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने पलटवार करते हुए कहा कि “ममता जानबूझकर लोगों में डर फैला रही हैं” ताकि राजनीतिक लाभ उठा सकें. दरअसल, उत्तर 24 परगना जिले के पनिहाटी इलाके में रहने वाले 57 वर्षीय प्रदीप कर ने कथित तौर पर “NRC के डर” में आत्महत्या कर ली. पुलिस को उनके घर से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने लिखा कि वे NRC और SIR की घोषणा से तनाव में थे.

सुसाइड नोट में लिखा- 'NRC के डर से परेशान था'

बैरकपुर पुलिस कमिश्नर मुरलीधर शर्मा ने बताया कि प्रदीप कर मंगलवार सुबह अपने घर में फंदे से लटके मिले. 'उनके सुसाइड नोट में साफ लिखा है कि वे NRC को लेकर डिप्रेशन में थे और 12 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में SIR की घोषणा के बाद भारी तनाव में आ गए थे,' परिवार वालों के मुताबिक, प्रदीप कर लगातार यह कहते थे कि 'NRC के नाम पर उन्हें कहीं ले जाया जाएगा'. सोमवार रात उन्होंने खाना खाने के बाद अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लिया था. मंगलवार सुबह जब उन्होंने दरवाजा नहीं खोला तो परिजनों ने दरवाजा तोड़ा और शव को लटकता पाया.

ममता बनर्जी ने BJP पर बोला हमला

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट करते हुए बीजेपी पर हमला बोला, “बीजेपी डर और बंटवारे की राजनीति कर रही है. उनके झूठे प्रचार ने आम लोगों में दहशत फैला दी है. जो लोग दिल्ली में बैठकर राष्ट्रवाद की बातें करते हैं, उन्होंने भारतीयों को इतना डरा दिया कि वे अपने ही देश में विदेशी कहलाने के डर से मर रहे हैं.” ममता ने कहा कि उनकी सरकार पश्चिम बंगाल में NRC लागू नहीं होने देगी. उन्होंने बीजेपी पर “संवैधानिक लोकतंत्र को डर के मंच में बदलने” का आरोप लगाया.

अमित मालवीय का पलटवार - 'ममता झूठ फैला रही हैं'

बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर कड़ा पलटवार करते हुए कहा कि “देश में कहीं भी NRC लागू नहीं है. ममता बनर्जी जानबूझकर झूठ बोल रही हैं और लोगों में डर पैदा कर रही हैं ताकि राजनीतिक फायदा उठा सकें. इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए, आत्महत्या का कारण कानून के अनुसार तय होना चाहिए, न कि राजनीतिक बयानबाज़ी से.”

उन्होंने आगे कहा कि “SIR (Special Intensive Revision) शुरू होते ही ममता बनर्जी की राजनीति का पतन शुरू हो जाएगा. यह प्रक्रिया तृणमूल कांग्रेस के वोटबैंक में शामिल गैरकानूनी घुसपैठियों की पहचान करेगी, और यही वजह है कि ममता झूठ और नाटक का सहारा ले रही हैं.”

क्या है SIR और क्यों मचा विवाद

SIR यानी Summary Revision of Electoral Rolls, चुनाव आयोग की एक नियमित प्रक्रिया है जिसके तहत मतदाता सूची में नामों का सत्यापन, जोड़ना या हटाना किया जाता है. लेकिन तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि SIR को “छुपे हुए NRC” की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि वैध मतदाताओं के नाम हटाए जा सकें. हालांकि चुनाव आयोग का कहना है कि यह एक संवैधानिक और नियमित अभ्यास है, जो हर राज्य में होता है.

किन राज्यों में होगा दूसरा चरण का SIR

चुनाव आयोग द्वारा सोमवार को घोषित दूसरे चरण के SIR के तहत यह प्रक्रिया 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलेगी. यह अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुदुच्चेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में होगी. 9 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की जाएगी, जबकि 7 फरवरी 2026 को अंतिम सूची प्रकाशित होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त ग्यानेश कुमार ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के विरोध के बावजूद SIR प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के पूरी होगी.

‘कश्मीर से लेकर बंगाल तक डर फैलाने की राजनीति’

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बंगाल में NRC को लेकर फिर से “डर और राजनीति” का माहौल बन गया है. एक तरफ ममता बनर्जी इसे “जनता के अधिकारों की रक्षा की लड़ाई” बता रही हैं, वहीं बीजेपी इसे “गैरकानूनी मतदाताओं की पहचान का कदम” कह रही है.

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