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कौन हैं बंगाल के 'दबंग' DGP राजीव कुमार, जो एक गोली के बदले चार से जवाब देने की कर रहे बात?

राजीव कुमार ने यह बयान सिलीगुड़ी में दिया. दिनाजपुर के ग्वालपोखर में एक विचाराधीन कैदी ने दो पुलिसकर्मियों पर हमला किया और उन पर गोलियां चलाईं. इस घटना के समय पुलिसकर्मी कैदी को ले जा रहे थे. हमले में घायल सहायक उप-निरीक्षक देबेन बैश्य और कांस्टेबल नीलकांत सरकार का इलाज जारी है.

कौन हैं बंगाल के दबंग DGP राजीव कुमार, जो एक गोली के बदले चार से जवाब देने की कर रहे बात?
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नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 18 Jan 2025 3:14 PM

पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में दो पुलिसकर्मियों पर हुए हमले के बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार ने अपराधियों को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि अगर कोई पुलिस पर गोली चलाता है, तो हम चार गुना ताकत से जवाब देंगे.

राजीव कुमार ने यह बयान सिलीगुड़ी में दिया. दिनाजपुर के ग्वालपोखर में एक विचाराधीन कैदी ने दो पुलिसकर्मियों पर हमला किया और उन पर गोलियां चलाईं. इस घटना के समय पुलिसकर्मी कैदी को ले जा रहे थे. हमले में घायल सहायक उप-निरीक्षक देबेन बैश्य और कांस्टेबल नीलकांत सरकार का इलाज जारी है. आइये जानते हैं कि कौन हैं दबंग छवि रखने वाले डीजीपी राजीव कुमार?

आईआईटी रुड़की से की पढ़ाई

राजीव कुमार का जन्म जनवरी 1966 में उत्तर प्रदेश में हुआ था. उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई आईआईटी रुड़की से पूरी करने के बाद सिविल सेवा की तैयारी की और 1989 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में शामिल हुए. हालांकि, पश्चिम बंगाल कैडर में आने के बाद वे विशेष रूप से सुर्खियों में रहे.

माओवादियों के खिलाफ चलाया था अभियान

अपने करियर में राजीव कुमार ने कई अहम पदों पर काम किया है, जिनमें कोलकाता पुलिस के आयुक्त, संयुक्त आयुक्त और पुलिस महानिदेशक जैसे पद शामिल हैं. उनके नेतृत्व में कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने माओवादी विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण सफलता पाई. उन्होंने लालगढ़ आंदोलन के प्रमुख नेता छत्रधर महतो को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई थी. उन्हें आखिरी बार पश्चिम बंगाल सरकार में प्रमुख सचिव आईटी के पद पर नियुक्त किया गया था. यह पद आमतौर पर IAS अधिकारियों के लिए रिज़र्व होता है.

ममता बनर्जी के हैं करीबी

राजीव कुमार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है. 2019 में चिटफंड घोटाले की जांच के दौरान, जब सीबीआई की टीम उनसे पूछताछ करने पहुंची, तो ममता बनर्जी ने इसका विरोध करते हुए धरने पर बैठ गई थी. उनपर साक्ष्य मिटाने का आरोप लगा था. उस समय राजीव कुमार कोलकाता के पुलिस आयुक्त थे. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार विपक्ष के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.

चुनाव आयोग से है 36 का आंकड़ा

ECI ने मार्च 2024 में डीजीपी राजीव कुमार को तुरंत प्रभाव से पद से हटा दिया था और उन्हें गैर-चुनाव संबंधी पद पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था. उन्हें दिसंबर 2023 को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था. इस बदलाव के तहत, आईपीएस संजय मुखर्जी को नया डीजीपी बनाया गया था. यह पहली बार नहीं था जब चुनाव आयोग ने राजीव कुमार को चुनाव ड्यूटी से हटाया गया. 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्हें गैर-चुनाव संबंधी पद पर स्थानांतरित किया गया था.


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