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'हम सताए गए हैं...' त्रिपुरा में पकड़े गए 10 बांग्लादेशी हिंदू, वापस जाने के नाम से कांप गई रूह

शनिवार को त्रिपुरा पुलिस ने अगरतला से हिंदू समुदाय के 10 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया है. इन सभी को अशांति और तनाव के कारण अपने गांव से भागकर अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के आरोप में हिरासत में लिया. इनमें तीन पुरुष और छह महिलाएं और ये बांग्लादेश के किशोरगंज जिले के धनपुर गांव के रहने वाले हैं.

हम सताए गए हैं... त्रिपुरा में पकड़े गए 10 बांग्लादेशी हिंदू, वापस जाने के नाम से कांप गई रूह
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( Image Source:  @yespunjab )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 9 Dec 2024 10:11 AM IST

Agartala News: बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है. जिससे परेशान होकर वहां के नागरिक दूसरे देशों में भाग रहे हैं. शनिवार को त्रिपुरा पुलिस ने अगरतला से हिंदू समुदाय के 10 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया है. इन सभी को अशांति और तनाव के कारण अपने गांव से भागकर अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के आरोप में हिरासत में लिया.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दस बांग्लादेशी नागरिकों में 2 महिलाएं, 3 किशोर और 1 बुजुर्ग व्यक्ति शामिल हैं. इन्हें त्रिपुरा के अंबाला रेलवे स्टेशन से उस समय हिरासत में लिया गया, जब वे असम के सिलचर जाने वाली ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रहे थे.

बांग्लादेश से भागे 10 नागरिक

बांग्लादेश से 10 नागरिक भागकर भारत में आ गए. इनमें तीन पुरुष और छह महिलाएं और ये बांग्लादेश के किशोरगंज जिले के धनपुर गांव के रहने वाले हैं. वह रात के अंधेरे में घने जंगलों से बिना आराम किए पैदल यात्रा करते हुए एक बांग्लादेशी हिंदू परिवार के नौ सदस्य हाल ही में त्रिपुरा में घुसने में कामयाब हो गए. लेकिन उन्हें धलाई जिले के अंबासा रेलवे स्टेशन पर भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया.

तख्तापलट के बाद बिगड़े हालात

पुलिस से पूछताछ में बांग्लादेशी नागरिकों ने अपने देश छोड़ने के बारे में जानकारी दी. परिवार ने दावा किया कि अगस्त में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से देश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर बढ़ते अत्याचारों के कारण उन्हें सीमा पार करने के लिए मजबूर होना पड़ा. गिरफ्तार बांग्लादेशियों में से एक शंकर चंद्र सरकार ने कहा, "हम बांग्लादेश से आए हैं. हम भारत इसलिए आए क्योंकि हम वहां (बांग्लादेश में) अत्याचारों के कारण और नहीं रह सकते. मैं किशोरगंज जिले के धनपुर में ड्राइवर के तौर पर काम करता था. लोगों ने मुझ पर हमला करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि हमारी महिलाएं वहां सुरक्षित नहीं हैं.

हम वापस नहीं जाएंगे

शंकर चंद्र ने कहा कि मैं भारत से वापस नहीं जाऊंगा, भले ही मुझे जेल क्यों न जाना पड़े." पुलिस ने पूछा की सीमा पार करके भारत में कैसे एंट्री? इस पर व्यक्ति ने कहा कि "हमें अंधेरे और जंगलों का सहारा लेना पड़ा और पूरी रात पैदल चलना पड़ा। हम आखिरकार बांग्लादेश के श्रीमंगल इलाके से होते हुए भारत में घुसने में कामयाब हो गए। हमने शुक्रवार को यात्रा शुरू की और शनिवार को त्रिपुरा पहुँच गए." उन्होंने कमालपुर से अंबासा रेलवे स्टेशन पहुंचे और सिलचर जाने वाली ट्रेन को पकड़ने वाले थे.

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