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बदजुबान मंत्री विजय शाह की माफ़ी नाकाफी, SIT गठित, SC बोला- मंत्रियों का आचरण आदर्श वाला हो - 10 बड़ी बातें
सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह की उस माफ़ी को खारिज कर दिया है जो उन्होंने सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी को लेकर दी थी. कोर्ट ने कहा कि मंत्री को अपने शब्दों की गंभीरता समझनी चाहिए थी, खासकर जब मामला भारतीय सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हो.

भारतीय सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कुंवर विजय शाह को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि वह मंत्री की माफी स्वीकार करने को तैयार नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान तल्ख लहजे में कहा, "आप एक सार्वजनिक व्यक्ति हैं, एक अनुभवी राजनेता. आपको बोलते समय अपने शब्दों का वजन समझना चाहिए. यह सेना से जुड़ा एक संवेदनशील मामला है. हम चाहें तो आपकी टिप्पणी का वीडियो यहां चला सकते हैं." पढ़िए सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई से जुड़ी 10 बड़ी बातें...
- मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने आर्मी ऑफिसर कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ विवादित बयान देने पर माफी मांगी, लेकिन कोर्ट ने कहा – "हम यह माफ़ी स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं."
- कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, "आप एक वरिष्ठ राजनेता हैं, आपको बोलने से पहले शब्दों का वजन समझना चाहिए. यह सेना से जुड़ा संवेदनशील मामला है."
- कर्नल सोफिया, जो ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया को जानकारी दे रही थीं, उनके खिलाफ मंत्री ने कथित रूप से “आतंकवादियों की बहन” जैसा बयान दिया था.
- मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज करने के आदेश दिए थे, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई.
- कोर्ट ने मामले की जांच के लिए 3 वरिष्ठ IPS अफसरों की एक Special Investigation Team (SIT) गठित की, जिसमें एक महिला अधिकारी भी शामिल हैं और सभी अफसर मध्य प्रदेश से बाहर के हैं.
- कोर्ट ने मंत्री विजय शाह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, लेकिन यह साफ कहा कि उन्हें SIT की जांच में पूरी तरह सहयोग देना होगा.
- सुप्रीम कोर्ट ने SIT को 28 मई तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है. उसी दिन अगली सुनवाई होगी.
- कोर्ट ने कहा, “आप जैसे सार्वजनिक व्यक्ति का यह व्यवहार स्वीकार नहीं किया जा सकता. सेना का मनोबल न टूटे, इसका ध्यान रखना हम सबकी ज़िम्मेदारी है.”
- मंत्री का बयान भारत के पाकिस्तान पर चले ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आया था, जिसमें भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानों को तबाह किया.
- यह केस अब राजनीतिक बयानों की जवाबदेही, विशेषकर सुरक्षा बलों पर की गई टिप्पणियों, को लेकर एक महत्वपूर्ण मिसाल बन सकता है.