Jyoti Malhotra की पहले गिरफ्तारी Pahalgam Attack बचा लेती? Ex RAW और Army Officer क्या बोले- INSIDE STORY
हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा समेत छह लोगों की गिरफ्तारी ने पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े कई सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या अगर इन्हें पहले ही दबोच लिया जाता, तो बैसरन घाटी का हमला रुक सकता था? और क्या भारत को 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसे जवाबी कार्रवाई की जरूरत ही नहीं पड़ती? स्टेट मिरर ने इस पर रॉ और फौजी अफसरों से खास बातचीत की.

हरियाणा पुलिस ने मशहूर यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra Youtuber Arrest) संग छह लोगों को पाकिस्तान (ISI Pakistan) के लिए भारत की जासूसी करने के आरोप में जबसे पकड़ा है, तभी से आमजन के जेहन में एक सवाल कौंध रहा है कि, क्या पहलगाम स्थित जम्मू-कश्मीर की बैसरन घाटी (Baisaran Velley Terror Attack) में हुए आतंकवादी हमले (Pakistani Terrorist) से पहले ही अगर पाकिस्तान के लिए भारत की जासूसी में संलिप्त, इन छह संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया होता तो क्या पहलगाम आतंकवादी हमला (Pahalgam Terror Attack) न होता?
और न ही पहलगाम के खूनी कांड का हिसाब बराबर करने के लिए भारत को 6-7 मई 2025 को आधी रात के बाद, पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी अड्डों को तबाह करने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) जैसे घातक चक्रव्यूह की ही रचना करनी पड़ती. इन्हीं सवालों के सटीक जवाब की उम्मीद में स्टेट मिरर हिंदी ने अंतरराष्ट्रीय भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) और भारतीय फौज के कुछ पूर्व अफसरों से बात की.
अभी किसी संभावना से इनकार करना ठीक नहीं
इस बारे में विशेष बातचीत के दौरान भारतीय थलसेना (Indian Army) के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल वी के चतुर्वेदी (Retired Lieutenant General V K Chaturvedi) बोले, “अभी किसी भी संभावना से इनकार करना या फिर किसी भी निष्कर्ष पर पहुंच जाना जल्दबाजी होगी. ज्योति मल्होत्रा और उसके साथ पकड़े गए संदिग्ध जासूसों से हासिल जानकारी को क्लब करके, हमारी खुफिया और जांच एजिंसियां किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगी. इस काम में वक्त लगता है. क्योंकि इस गैंग के पूरे नेटवर्क का नेस्तनाबूद होना तभी माना जाएगा, जब हमारी एजेंसियां कड़ी से कड़ी जोड़कर जड़ तक पहुंच सकेंगी. जहां तक सवाल है पहलगाम हमले से ठीक पहले ज्योति मल्होत्रा का पहलगाम घाटी में दिखाई देने की बात का तो उस पर अभी कुछ कह देना जल्दबाजी ही है.
ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी बड़ी सफलता है
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल वी के चतुर्वेदी ने कहा, ''ज्योति मल्होत्रा और उसके संदिग्ध जासूस साथियों की गिरफ्तारी भारत के लिए बड़ी अहम सफलता जरूर है. क्योंकि इसके तार सीधे पाकिस्तानी उच्चायोग से जुड़े मिले हैं. जो मैं खबरों में देख-सुन रहा हूं उसके मुताबिक इसकी चीन यात्रा, कई बार पाकिस्तान की यात्रा और नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी दूतावास के लोगों से इसकी करीबी की बातें, ज्योति मल्होत्रा और उसके साथ गिरफ्तार संदिग्धों को शक के दायरे में लाने के लिए काफी हैं. मुझे आशंका है कि अभी इस मामले में और भी कुछ गिरफ्तारियां हो सकती हैं.''
कहीं जासूसी से भी बड़ी गड़बड़ न कर डाली हो
अपनी बात पूरी करते हुए भारतीय फौज के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल वी के चतुर्वेदी कहते हैं, ''ज्योति मल्होत्रा और उसके 5 अन्य साथियों की गिरफ्तारी से एक बात तो साफ हो चुकी है कि, दाल में कुछ काला नहीं अपितु बहुत कुछ काला तो मौजूद है. इन सबने दाल में नमक नहीं खाया इन्होंने नमक में दाल मिलाकर खाने की कोशिश की. मेरे कहने का तात्पर्य है कि यह गैंग या ज्योति मल्होत्रा पाक-साफ तो नहीं हैं. और फिर चीन व पाकिस्तान की एक साथ इनकी यात्रा भी इनकी ओर संदेह की मजबूत रेखा खींचने को काफी हैं. दूसरी बात यह है कि अब तक ज्योति मल्होत्रा सिर्फ भारत के खुफिया स्थानों के कागजात ही, पाकिस्तान और उसकी एजेंसियों को मुहैया कराने तक सीमित नजर आ रही है. संभव यह भी है कि इन सबने भारत के खिलाफ कहीं इससे भी ज्यादा गड़बड़ न कर रखी हो.”
अकेली ज्योति मल्होत्रा नहीं, साथ में बड़ा नेटवर्क था
दो-तीन दिन पहले हरियाणा पुलिस द्वारा पकड़ी गई भारतीय महिला यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra Youtuber Arrested) अगर वक्त रहते गिरफ्तार कर ली गई होती तब, क्या पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हो चुका आतंकवादी हमला बचाया जा सकता था? सवाल के जवाब में और इन दिनों अमेरिका प्रवास पर मौजूद भारतीय थलसेना (Indian Army) के रिटायर्ड मेजर जनरल सुधाकर जी (Retired Major General Sudhakar Jee) बोले, “देखिए पहलगाम कांड में हमारी सभी एजेंसियां फेल साबित हो चुकी हैं. यह बात अब दुनिया में किसी से नहीं छिपी है. हां, जहां तक सवाल मशहूर यूट्यूबर और अब पाकिस्तान के लिए भारत की जासूसी में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा से पहलगाम हमले का कोई संबंध है, तो मेरी नजर में पहलगाम कांड को अंजाम दिलवाने में एक ज्योति मल्होत्रा ही तो शामिल नहीं रही होगी न! उसके साथ भारत की जासूसी करके अंदर की जानकारियां पाकिस्तान तक पहुंचाने वाले देशद्रोहियों का बड़ा और घना-घातक नेटवर्क काम कर रहा होगा.”
ज्योति मल्होत्रा मोहरा होगी ‘किंगपिन’ नहीं!
अपनी बात जारी रखते हुए रिटायर्ड मेजर जनरल सुधाकर जी कहते हैं, “देखिए पहलगाम कांड को अंजाम दिलाने के षडयंत्र में ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तान के लिए एक मोहरा तो भारत के खिलाफ हो सकती है. 40 साल भारतीय थलसेना के सेवाकाल के अनुभव से यह तथ्य मैं नहीं मानता कि ज्योति मल्होत्रा पहलगाम कांड हमले में किंगपिन के बतौर काम कर पा रही होगी. हालांकि मैं इस पर पुख्ता तौर से तो नहीं कह सकता हूं मगर, ज्योति मल्होत्रा कुछ हद तक पहलगाम से संबंधित जानकारियां तो दे सकती है. मगर यह कहना कि ज्योति मल्होत्रा पहलगाम कांड में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे षडयंत्र में मुख्य सूत्रधार बन सकने की हैसियत रखती है, यह बात मेरे गले आसानी से नहीं उतर रही है.”
ज्योति मल्होत्रा को हल्के में मत लीजिए
इस मुद्दे पर स्टेट मिरर हिंदी ने बात की 1974 बैच के पूर्व आईपीएस अधिकारी और, यूपी के रिटायर्ड पुलिस महानिदेशक डॉ. विक्रम सिंह (Ex IPS Retired DG UP Police Dr Vikram Singh) से. 1990 के दशक में उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) के महानिरीक्षक और दबंग एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे डॉ. विक्रम सिंह बोले, “जो ज्योति मल्होत्रा भारत की तमाम खुफिया एजेंसियों की आंख में धूल झोंककर देश की राजधानी नई दिल्ली में मौजूद पाकिस्तानी दूतावास में मौजूद पाकिस्तानी एजेंट दानिश से नजदीकी रिश्ते कायम करके, वहां अपने पांव जमा सकती है. वह भारत के लिए अव्वल दर्जे की घातक और देशद्रोही बनने में भला क्यों और कैसे चूक जाएगी?”
ज्योति मल्होत्रा जासूस गैंग बहुत घातक है
अपनी बात जारी रखते हुए उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड पुलिस महानिदेशक डॉ. विक्रम सिंह बोले, “अगर यह कहूं कि हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा और उसके साथ गिरफ्तार पांच अन्य कथित जासूसों नूह हरियाणा का अरमान, मलेरकोटला पंजाब की विधवा मुस्लिम महिला गजाला-यामीन मोहम्मद, कैथल हरियाणा का देविंदर सिंह ढिल्लों के ही गैंग ने ही, पहलगाम कांड के चक्रव्यूह में अंतिम कील ठोकी हो, तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. भले ही क्यों न भारत के इन छह देशद्रोहियों के पीछे पूरी पाकिस्तानी फौज, वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई, पाकिस्तानी आतंकवादियों की मजबूत चार-दीवारी खड़ी रही हो.”
शक की गुंजाईश नहीं बची- Ex RAW Officer
भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (Ex Raw Officer) के एक पूर्व सहायक निदेशक स्तर के अधिकारी ने स्टेट मिरर से कहा, “पहलगाम आतंकवादी हमले में हमारी एजेंसियों से हुई चूक का फायदा उठाने पाकिस्तान और उसके आतंकवादी पूरी तरह सफल रहे. इसमें तो शक की कोई गुंजाईश ही बाकी नहीं बची है. और फिर जब देश की हुकूमत ने ही पहलगाम कांड के तत्काल बाद पुराने राष्ट्रीय सुरक्षा बोर्ड (National Security Board) को ही मय मुखिया के बदल डाला हो तब फिर, ऐसे में अब यह कहने की जगह नहीं बचती है कि हमारी एजेंसियां सतर्क थीं उसके बाद भी पहलगाम हो गया.
पूरी पूछताछ के बाद ही ‘निष्कर्ष’ निकलेगा
हां, सवाल जहां तक अब एक दो दिन पहले हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के साथ पांच अन्य संदिग्धों का पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तारी और पहलगाम आतंकवादी हमले के बीच कोई संबंध होने का सवाल-जवाब है. तो इस बारे में अब जब ज्योति मल्होत्रा के साथ बाकी 5 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. तो इन सबसे अब आईबी, रॉ, भारत की मिलिट्री खुफिया, एनएसए और एनआईए की टीमें संयुक्त रूप से व अलग-अलग अपने अपने तरीके से पूछताछ में जुटी होंगी. इन सभी टीमों की पूछताछ से हाथ आए जवाबों को एक जगह सभी टीमें कम्पाइल करेंगी. तब इस अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचा जाएगा कि, पहलगाम कांड और ज्योति मल्होत्रा गैंग ने क्या और कितनी व कब-कब पाकिस्तान की मदद की है?”
पहलगाम से बड़े षडयंत्र का हिस्सा तो नहीं ज्योति!
लंबे समय तक भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए अमेरिका, लंदन, नेपाल, कुछ मुस्लिम देशों और कनाडा में काम कर चुके एक अन्य Ex Raw Officer कहते हैं, “अभी ज्योति मल्होत्रा को लेकर न खुश होने की जरूरत है. न ही दुखी होने की जरूरत है. उससे भारत की तमाम एजेसियों की संयुक्त पूछताछ का निचोड़ क्या निकलता है? उसकी गिरफ्तारी की सफलता-असफलता भारत के लिए इस पर निर्भर करेगी.
पूर्व रॉ अफसर- इस संभावना से भी इनकार नहीं
संभव है कि पाकिस्तानी एजेंसियों ने ज्योति मल्होत्रा को ऑपेरशन पहलगाम के लिए इस्तेमाल ही न किया हो. उसे पहलगाम आतंकवादी हमले से भी ज्यादा खतरनाक किसी षडयंत्र के लिए इस्तेमाल किया जा रहा हो. ज्योति मल्होत्रा चूंकि दिसंबर 2024 में और जनवरी 2025 में पहलगाम में देखे जाने भर से यह साबित नहीं हो जाता है कि, बैसरन घाटी के पर्यटन स्थल पर 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले में भी वह शामिल ही रही होगी.”