"मारो छोकरा डूबी गयो...." वडोदरा पुल हादसे के बाद मां की चीखों ने लोगों को झकझोरा, वीडियो हो रहा वायरल
गुजरात के वडोदरा जिले में गम्भीरा पुल गिरने से कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. हादसे का एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया, जिसमें एक महिला अपने डूबते बच्चे को बचाने की गुहार लगा रही है. पुल से पांच वाहन नदी में गिर गए, जिनमें कई लोग फंसे रह गए. घटना के बाद प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मुआवजे का ऐलान किया और तकनीकी जांच के आदेश दिए हैं.

Vadodara bridge collapse: गुजरात के वडोदरा जिले में गम्भीरा पुल हादसे से एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक महिला पानी में डूबते अपने बच्चे को बचाने की गुहार लगाती दिख रही है. वह चीखते हुए कहती है, "मारो छोकरा डूबी गयो!" (मेरा बच्चा पानी में डूब गया है). यह हृदयविदारक दृश्य उस क्षण का है, जब पुल टूटने से अफरा-तफरी मच गई और कई लोगों की जान चली गई.
जानकारी के अनुसार, महिला अपने बेटे, बेटी, पति और दामाद के साथ बगदाना जा रही थी. वह कार के पिछले हिस्से में बैठी थी और कांच तोड़कर किसी तरह बाहर निकलने में सफल रही, लेकिन कार लॉक हो गई और बाकी परिवार उसमें ही फंस गया. वाहन सीधे महीसागर नदी में गिर गया.
बुधवार को हुआ हादसा
यह दुर्घटना बुधवार को हुई, जब वडोदरा और आनंद को जोड़ने वाला गम्भीरा पुल का एक बड़ा हिस्सा टूट गया. इसके चलते दो ट्रक, दो वैन और एक ऑटो रिक्शा नदी में गिर गए. हादसे में अब तक 12 लोगों की मौत होने की जानकारी सामने आ रही है.
टूटे हुए पुल से लटका नजर आया टैंकर
मौके से सामने आई तस्वीरों में एक टैंकर अब भी टूटे हुए पुल पर खतरनाक स्थिति में लटका हुआ दिख रहा है, जो हादसे के आठ घंटे बाद भी वहां फंसा रहा. उसका चालक तो किसी तरह भाग निकला, लेकिन तब से लापता है. राहत कार्य जारी है, जिसमें क्रेन और जेसीबी की मदद ली जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की सहायता राशि देने की घोषणा की है. वहीं, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृतकों के परिवार को ₹4 लाख की सहायता की घोषणा की है.
घटना की तकनीकी जांच के आदेश
राज्य सरकार ने घटना की तकनीकी जांच के आदेश दिए हैं. विशेषज्ञों और इंजीनियरों को मौके पर भेजा गया है. करीब 900 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण 1985 में हुआ था और इसकी सुरक्षा को लेकर पहले ही चिंताएं जताई गई थीं. तीन महीने पहले ही ₹212 करोड़ की लागत से एक नए पुल को मंजूरी दी गई थी.