राजनीति से संन्यास लेने के बाद क्या करेंगे अमित शाह? केंद्रीय गृह मंत्री ने खुद किया खुलासा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘सहकार संवाद’ कार्यक्रम में अपने रिटायरमेंट के बाद की योजनाओं का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि वे राजनीति से अलग होने के बाद प्राकृतिक खेती में पूरा ध्यान लगाना चाहते हैं और वैदिक ग्रंथों जैसे वेद और उपनिषद पढ़ने में समय बिताना चाहते हैं. उन्होंने प्राकृतिक खेती को स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए फायदेमंद बताया और बताया कि इससे उनकी खुद की खेती में 1.5 गुना अधिक उत्पादन हुआ है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजनीति से संन्यास लेने के बाद की अपनी योजना का खुलासा करते हुए कहा कि वे सार्वजनिक जीवन से अलग होने के बाद प्राकृतिक खेती (ऑर्गेनिक फार्मिंग) और हिंदू धर्मग्रंथों जैसे वेदों और उपनिषदों के अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं. वह अहमदाबाद में आयोजित ‘सहकार संवाद’ कार्यक्रम में बोल रहे थे.
अमित शाह ने प्राकृतिक खेती को एक वैज्ञानिक पद्धति बताया, जो न केवल स्वास्थ्य बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहद लाभकारी है. शाह ने कहा कि रासायनिक खाद से उगाए गए अनाज, जैसे गेहूं, खाने से रक्तचाप, डायबिटीज, थायरॉइड और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसके विपरीत, प्राकृतिक खेती शरीर को स्वस्थ रखती है और दवाओं की आवश्यकता को कम करती है.
'प्राकृतिक खेती से 1.5 गुना बढ़ गई फसल की पैदावार'
शाह ने अपनी व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब से उन्होंने अपने खेतों में प्राकृतिक खेती शुरू की है, तब से फसल की पैदावार 1.5 गुना बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि अब वह इस खेती पद्धति के प्रति पूरी तरह समर्पित होने के साथ-साथ वैदिक और उपनिषद जैसे ग्रंथों का अध्ययन भी करना चाहते हैं.
“पिछले 4.5 वर्षों में मुझे एक भी एलोपैथिक दवा लेने की जरूरत नहीं पड़ी”
इसके साथ ही शाह ने युवाओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया. उन्होंने अपने स्वास्थ्य परिवर्तन की चर्चा करते हुए कहा कि मई 2019 के बाद से उनकी सेहत में जबरदस्त सुधार आया है. उन्होंने इसका श्रेय सात घंटे की नींद, शुद्ध पानी, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम को दिया. शाह ने कहा, “पिछले 4.5 वर्षों में मुझे एक भी एलोपैथिक दवा लेने की जरूरत नहीं पड़ी.”
गृह मंत्री ने युवाओं को क्या सलाह दी?
युवाओं को सलाह देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि रोजाना कम से कम 2 घंटे शारीरिक व्यायाम करें और हर रात 6 घंटे की नींद ज़रूर लें. उन्होंने कहा कि इन आसान आदतों को अपनाकर युवा ना सिर्फ स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि आने वाले 40-50 सालों में देश के निर्माण में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.