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'हम नहीं आएंगे, आप आ जाइए... ' फडणवीस के ऑफर के बाद मिलने पहुंचे उद्धव ठाकरे, क्या बदलने वाला है महाराष्ट्र का सियासी समीकरण?

महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल उस समय तेज हो गई, जब शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से विधान परिषद के सभापति राम शिंदे के कक्ष में मुलाकात की. इस मुलाकात में आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे. यह बैठक करीब आधे घंटे चली. यह भेंट ऐसे समय पर हुई, जब फडणवीस ने एक दिन पहले विपक्ष के नेता अंबादास दानवे की विदाई समारोह में हंसी-मजाक भरे अंदाज़ में उद्धव को सत्ता पक्ष में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था.

हम नहीं आएंगे, आप आ जाइए...  फडणवीस के ऑफर के बाद मिलने पहुंचे उद्धव ठाकरे, क्या बदलने वाला है महाराष्ट्र का सियासी समीकरण?
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( Image Source:  ANI )

Uddhav Thackeray Devendra Fadnavis meeting: महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तब और तेज़ हो गई, जब शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की. यह मुलाकात उस वक्त हुई जब एक दिन पहले ही फडणवीस ने अपने पुराने सहयोगी को चुटीले अंदाज़ में सत्ता पक्ष में आने का 'ऑफर' दिया था. उद्धव के साथ उनके बेटे और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे.

यह बैठक विधान परिषद के सभापति राम शिंदे के कक्ष में लगभग आधे घंटे तक चली. बैठक को लेकर दोनों पक्षों ने फिलहाल कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की, लेकिन राजनीतिक अटकलें ज़ोर पकड़ रही हैं.

क्या सत्ता में वापसी की तैयारी में हैं उद्धव ठाकरे?

यह मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब महाराष्ट्र पिछले पांच वर्षों में लगातार दल-बदल और राजनीतिक पुनर्गठन का गवाह बना है. बुधवार को विपक्ष के नेता अंबादास दानवे के लिए आयोजित विदाई समारोह में फडणवीस ने कहा था, "उद्धव जी, 2029 तक सरकार बदलने की कोई गुंजाइश नहीं है. हम विपक्ष में नहीं जा सकते, लेकिन आप चाहें तो यहां (सत्ता पक्ष) आ सकते हैं... इस पर विचार किया जा सकता है." इस बयान के बाद ठहाकों का माहौल बना, लेकिन इसके राजनीतिक संकेत गंभीर माने जा रहे हैं.

ठाकरे परिवार की राजनीतिक नज़दीकी का समय

2019 में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद के बाद शिवसेना ने भाजपा से नाता तोड़ लिया था. बाद में एकनाथ शिंदे ने पार्टी का बड़ा हिस्सा तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बना ली. शिंदे अब फडणवीस सरकार में डिप्टी सीएम हैं. ऐसे समय में फडणवीस का उद्धव को सत्ता पक्ष में आने का संकेत देना और फिर तुरंत दोनों नेताओं की मुलाकात होना, यह संकेत दे रहा है कि शिवसेना (UBT) भविष्य की रणनीति के तहत नये समीकरणों की संभावनाएं टटोल रही है.

गौरतलब है कि हाल ही में उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के बीच भी दो दशकों बाद सियासी मेल-मिलाप हुआ है, जिससे मुंबई नगर निगम चुनावों में नई राजनीतिक गठजोड़ की अटकलें पहले ही तेज़ थीं.

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