PM मोदी के दो आलोचक मंत्री मालदीव सरकार से बाहर, क्या चीन की पकड़ से आजाद होकर भारत की शरण में आएंगे मोइज्जू?
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने जब से अपना पद संभाला है तब से उनखा झुकाव चीन की तरफ रहा है। काफी विवादों में पड़ने के बाद अब उनकी भारत यात्रा काफी अहम मानी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले मालदीव के दो मंत्रियों ने मोइज्जू सरकार से इस्तीफा दे दिया है। वह पिछले कई महीने से निलंबित चल रहे थे।अब ये फैसला इसीलिए लिया गया है क्योंकि नवंबर में मोइज्जू भारत की यात्रा करने वाले हैं।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने जब से अपना पद संभाला है तब से उनखा झुकाव चीन की तरफ रहा है। काफी विवादों में पड़ने के बाद अब उनकी भारत यात्रा काफी अहम मानी जा रही है।
रिपोर्ट्स के अनुसार एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया कि दोनों ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है।
मोइज्जू कब करेंगे भारत की यात्रा
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू बहुत जल्द भारत की आधिकारिक यात्रा करेंगे। राष्ट्रपति कार्यालय की मुख्य प्रवक्ता हीना वलीद ने यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने कहा भी कि यात्रा की तारीख अभी तय नहीं हुई है। दोनों देश ऐसी तारीख पर चर्चा कर रहे हैं, जो पीएम मोदी और मोइज्जू के लिए सुविधाजनक हो। इससे पहले वह पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने आए थे।
कब हुई विवाद की शुरुआत?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जनवरी 2024 को लक्षद्वीप का दौरा किया था। पीएम मोदी ने जब इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया तो मालदीव के 'युवा अधिकारिता, सूचना और कला मंत्रालय' में डिप्टी मंत्री मरियम शिउना ने पीएम के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया।
इसके अलावा डिप्टी मंत्री मालशा शरीफ और महजूम माजिद ने भी भारत के होटलों की बुराई करते हुए ट्वीट किए। यही नहीं, सांसद जाहिद रमीज सहित मालदीव के अन्य अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर तस्वीरों के वायरल होने के बाद पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा का मजाक उड़ाया, कई लोगों ने इसकी तुलना मालदीव से की।
इन टिप्पणियों का असर ये हुआ कि लोगों ने सोशल मीडिया पर बायकॉट मालदीव चलाना शुरू कर दिया। जब विवाद बढ़ा तो मरियम शिउना ने ट्वीट डिलीट कर दिया।
इसका असर ये हुआ कि मालदीव सरकार ने अपने तीनों मंत्रियों मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महजूम माजिद को निलंबित कर दिया और खुद को विवाद से दूर कर लिया।
मालदीव सरकार ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ा कि ये टिप्पणियां व्यक्तिगत थीं और वे विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। मालदीव सरकार ने यह भी कहा था कि अधिकारी उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे, जिन्होंने पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा को लेकर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी किए थे।