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'तुम सुसाइड क्यों नहीं कर लेते...', क्या पत्नी निकिता की बातों ने अतुल सुभाष को फांसी लगाने पर मजबूर किया?

अतुल सुभाष इस दुनिया में नहीं हैं. उन्होंने सुसाइड कर अपनी जान दे दी है, लेकिन उससे पहले उनके द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट और 80 मिनट से ज्यादा वीडियो ने मामले को लोगों के सामने रख दिया. अतुल ने सुसाइड करने की वजह अपनी पत्नी और उसके परिवार को बताया है.

तुम सुसाइड क्यों नहीं कर लेते..., क्या पत्नी निकिता की बातों ने अतुल सुभाष को फांसी लगाने पर मजबूर किया?
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( Image Source:  X )

Atul Subhash Suicide Letter: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया. उन्होंने अपनी पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए. अतुल के 24 पन्नों के सुसाइड नोट में इस बात का जिक्र किया गया है कि उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया ने उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाया था.

कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान सुभाष से निकिता ने कहा था- तुम सुसाइड क्यों नहीं कर लेते. सुभाष ने अपने सुसाइट नोट में फैमिली कोर्ट में सुनवाई क दौरान हुई दो बातचीत का हवाला दिया है, जिससे वह काफी परेशान था. इसी वजह से उसने आत्महत्या करने का फैसला किया.

'पैसे के लिए भतीजे को परेशान किया जा रहा था'

अतुल के चाचा पवन कुमार के मुताबिक, उनके भतीजे को पैसे के लिए परेशान और प्रताड़ित किया जा रहा था. निकिता और जज ने उन्हें अपमानित किया. जो हुआ, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. वह केस हार रहा था. उसकी पत्नी लगातार उससे पैसे मांग रहे थे.

'जज की बात से अतुल को पहुंचा था दुख'

पवन कुमार ने बताया कि अतुल अपनी हैसियत के मुताबिक बच्चों के भरण पोषण के लिए पैसे दे रहा था. उसकी पत्नी ने उसे यहां तक कहा था कि अगर वह पैसे नहीं दे सकता है तो उसे आत्महत्या कर लेनी चाहिए. इस बात पर जज रीता कौशिक भी हंस पड़ीं थीं, जिससे अतुल को बहुत दुख पहुंचा.

21 मार्च और 10 अप्रैल को जौनपुर की कोर्ट में क्या हुआ था?

अपने सुसाइड नोट में अतुल ने 21 मार्च और 10 अप्रैल को जौनपुर की कोर्ट में हुई घटनाओं का जिक्र किया है. अतुल ने बताया कि 21 मार्च को फैमिली कोर्ट के जज ने सुनवाई से पहले अपने केबिन में मुझसे कहा था- क्या हुआ अगर निकिता ने आपके खिलाफ केस दर्ज कराया है. वह आपकी पत्नी है.

जज ने निकिता की मौजूदगी में अतुल से पूछा था कि वह मामले का निपटारा क्यों नहीं कर रहा है. सुसाइड नोट के अनुसार, अतुल ने जज से कहा था कि मैडम, ये लोग पहले 1 करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे, आपके अंतरिम भरण-पोषण आदेश के बाद 3 करोड़ रुपये की मांग कर रहे हैं. इस पर जज ने कहा- फिर होंगे तुम्हारे पास 3 करोड़. इसलिए मांग रहे हैं.

'पत्नी के आरोप निराधार हैं'

अतुल ने जज को पूरी स्थिति बताई और कहा कि तलाक की कार्यवाही के लिए उसे कई बार बेंगलुरु से जौनपुर आना पड़ा है. अतुल ने यह भी बताया कि पत्नी और उसके परिवार के आरोप निराधार हैं. उन्हें अपने चार साल के बेटे से मिलने नहीं दिया जाता है. पत्नी लगातार उनके परिवार को परेशान कर रही है. इस पर जज ने कहा- तो क्या हो गया केस डाल दिए तो. तुम्हारी पत्नी है.

इसके बाद सुभाष ने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला दिया, जिसमें बताया गया है कि इसी तरह के झूठे मामलों के कारण आत्महत्या करने वाले पुरुषों की मौत कैसे हुई. पत्र के अनुसार, यही वह पल था, जब उनकी पत्नी ने उनसे कहा- तो तुम भी सुसाइड क्यों नहीं कर लेते? इस पर जज हंस पड़ीं और उनकी पत्नी को केबिन से बाहर जाने को कहा. जज ने कथित तौर पर उनसे कहा कि ऐसे सभी मामले झूठे होते हैं. ऐसा ही होता है. तुम अपने और अपनी फैमिली के बारे में सोचो. या सुलह कर लो. हम तुम्हारी हेल्प करेंगे.

अतुल ने बताया कि इस पर जज ने मामले को निपटाने के लिए 5 लाख रुपये मांगे, जिसे उसने देने से मना कर दिया और जज से कहा- मैम मेरे पास इतने पैसे नहीं है. हमारे पास सारे सबूत हैं, मेरी पत्नी के क्रास एग्जामिनेशन में कितनी बातें निकल कर आई हैं. आप हमारा केस मेरिट पर सुनो. इस पर जज ने कहा- ठीक है. तुम्हारा केस मेरिट पर ही सुनेंगे. तुम बाहर जाओ.

'तुम अभी तक सुसाइड नहीं किए?'

सुभाष को भड़काने वाली दूसरी बातचीत अप्रैल में फैमिली कोर्ट के बाहर हुई थी. उन्होंने अपने पत्र में दावा किया कि सुनवाई के बाद जब वे न्यायालय से बाहर आए तो उनकी सास निशा सिंघानिया ने उन्हें भड़काने की कोशिश की. निशा ने कहा- अरे तुम अभी तक सुसाइड नहीं किए. मुझे लगा आज तुम्हारे सुसाइड की खबर आएगी. उस दिन जज को सुसाइड करोगे बोले थे तुम.

अतुल ने कहा- मैं मर गया तो तुम लोगों की पार्टी कैसे चलेगी? इस पर निशा ने हंसते हुए कहा- तब भी चलेगी. तुम्हारा बाप देगा पैसे. पति के मरने पर सब पत्नी का होता है. तेरे मरने के बाद तेरे मां बाप भी जल्दी मरेंगे फिर. उसमें भी बहू का हिस्सा होता है. पूरी जिंदगी तेरा पूरा खानदार कोर्ट के चक्कर काटेगा.

सुभाष ने अपने पत्र में कहा कि वह निराश और असहाय था. तब उसे समझ में आया कि वह सारी बुराइयों की जड़ है. अगर वह मर जाता है तो उसके परिवार की परेशानियां दूर हो जाएंगी. अतुल ने अपने पत्र में कहा कि मेरी लाचारी का मजाक उड़ाने से मेरा न्याय व्यवस्था में विश्वास खत्म हो गया है और मुझे सुसाइड करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. जितना अधिक मैं कड़ी मेहनत करूंगा और अपने काम में बेहतर होता जाऊंगा, उतना ही अधिक मुझे और मेरे परिवार को परेशान किया जाएगा और जबरन वसूली की जाएगी.

क्या है पूरा मामला ?

अतुल सुभाष का शव 9 दिसंबर को बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट इलाके में उनके घर पर लटका हुआ मिला था. उनके कमरे से 24 पन्नों का सुसाइट नोट मिला था. उन्होंने सुसाइड से पहले 80 मिनट से ज्यादा का वीडियो भी रिकॉर्ड किया था. इस वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'मुझे लगता है कि मुझे खुदकुशी कर लेनी चाहिए, क्योंकि मैं जो पैसा कमा रहा हूं, उससे मेरे दुश्मन और मजबूत हो रहे हैं. उसी पैसे का इस्तेमाल मुझे बर्बाद करने के लिए किया जाएगा और यह सिलसिला चलता रहेगा.'

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