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महाराष्ट्र के इन मंदिरों को आर्थिक नुकसान! नागपुर हिंसा से कम हुई श्रद्धालुओं की संख्या, प्रसाद बेचने वालों की कमाई में 70% की गिरावट

Chhatrapati Sambhajinagar Temple: नागपुर हिंसा के बाद मंदिरों में डर से लोग दर्शन करने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार गिरावट आई है. छत्रपति संभाजीनगर स्थित कई जिलों में भक्तों की संख्या कम होती जा रही है. पूजा सामग्री, फूल, प्रसाद और धार्मिक फोटो बेचने वाले विक्रेताओं ने बिक्री में 70 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है.

महाराष्ट्र के इन मंदिरों को आर्थिक नुकसान!  नागपुर हिंसा से कम हुई श्रद्धालुओं की संख्या, प्रसाद बेचने वालों की कमाई में 70% की गिरावट
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( Image Source:  @HindutvaItihas )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 20 March 2025 10:07 AM IST

Aurangzeb Tomb Row: महाराष्ट्र में इन दिनों औरंगजेब कब्र की हटाने के मुद्दे को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है. हाल ही में नागरपुर में इसे लेकर हिंसा भड़की, जिसमें कई लोग घायल हो गए. इस घटना के बाद लोगों में दहशत फैल गई है और वह घर से निकलने में डर रहे हैं वहीं मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या में भी कमी आई है.

इंडिया टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक, छत्रपति संभाजीनगर के खुल्दाबाद में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने के विरोध-प्रदर्शन किया गया. जो कि एक अफवाह के बाद हिंसक हो गया. अब तनाव की वजह से कई हिंदू मंदिरों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा रहा है. हिंसा के डर से लोग मंदिर में पूजा करने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं.

हिंसा से हो रहा नुकसाल

जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, भद्र मारुति, म्हैसमल के गिरिजा देवी मंदिर और सुलीभंजन में दत्त मंदिर सहित छत्रपति संभाजीनगर के मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई है. वहीं दौलताबाद किला में भी टूरिस्ट कम आ रहे हैं. इससे काफी आर्थिक हानि हो रही है.

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग का हाल

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है. इस मंदिर में दुनिया भर से भक्त भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. मंदिर के ट्रस्टी योगेश टोपरे ने कहा, सामान्य तौर मंदिर में एक दिन में 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं और सोमवार को यह आंकड़ा 40 हजार के पार पहुंच जाता है. हालांकि इस बार ऐसा नहीं हुआ, हिंसा के डर से भक्तों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई. उन्होंने कहा, 'पिछले तीन दिनों में केवल 18,000 से 20,000 श्रद्धालु ही मंदिर आए. नागपुर हिंसा के बाद मंगलवार को यह संख्या घटकर केवल 5,000 रह गई.'

प्राचीन हनुमान मंदिर में कम हुई भक्तों की संख्या

रिपोर्ट में बताया गया कि प्राचीन भद्र मारुति मंदिर में हनुमान जी की लेटी हुई प्रतिमा है, जिसके देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. नागपुर हिंसा के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखी गई है. रोजाना 15 हजार श्रद्धालु आते हैं, लेकिन कब्र विवाद के कारण संख्या में 40 प्रतिशत की गिरावट आई यानी 7 हजार श्रद्धालु ही मंदिर पहुंचे.

श्रद्धालुओं की संख्या में कमी होने से मंदिरों के आस-पास के व्यवसायों को भी भारी नुकसान हुआ है. पूजा सामग्री, फूल, प्रसाद और धार्मिक फोटो बेचने वाले विक्रेताओं ने बिक्री में 70 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है. वहीं मंदिर के ट्रस्टी मिथु पाटिल बरगल ने इंडिया टुडे टीवी को बताया, 'मौजूदा स्थिति ने हमारी आजीविका को बुरी तरह प्रभावित किया है.'

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