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उजड़ गया पूरा परिवार, फिर एक्सिडेंट में गई मंगेतर की जान, वायनाड लैंडस्लाइड की शिकार श्रुति की कहानी

केरल के वायनाड में जुलाई 2024 में आए लैंडस्लाइड में 24 साल की महिला ने अपना परिवार खो दिया और एक महीने बाद रोड एक्सीडेंट में मंगेतर की भी मौत हो गई. अब वायनाड आपदा में प्रभावित श्रुति को सरकारी नौकरी मिल गई है. सोमवार को वह वायनाड कलेक्ट्रेट में राजस्व विभाग में क्लर्क के रूप में सरकारी सेवा में शामिल हो गईं.

उजड़ गया पूरा परिवार, फिर एक्सिडेंट में गई मंगेतर की जान, वायनाड लैंडस्लाइड की शिकार श्रुति की कहानी
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( Image Source:  @iprdkerala )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 10 Dec 2024 11:27 AM IST

Wayanad News: देश में बरसात के मौसम में लैंडस्लाइड घटनाएं बढ़ जाती हैं. कहीं लैंडस्लाइड तो कहीं बाढ़ से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. केरल के वायनाड में जुलाई 2024 में आए लैंडस्लाइड में ऐसा ही कुछ हुआ था. यहां 24 साल की महिला ने अपना परिवार खो दिया और एक महीने बाद रोड एक्सीडेंट में मंगेतर की भी मौत हो गई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वायनाड आपदा में प्रभावित श्रुति को सरकारी नौकरी मिल गई है. सोमवार को वह वायनाड कलेक्ट्रेट में राजस्व विभाग में क्लर्क के रूप में सरकारी सेवा में शामिल हो गईं. वह परिवार के मौत के बाद अकेले की जिंदगी गुजार रही हैं, उनके ऊपर मानो दुखों का पहाड़ा टूट गया. जिससे वह आज भी उभरने की कोशिश कर रही हैं.

श्रुति को मिली क्लर्क की नौकरी

श्रुति ने अपनी नई नौकरी को लेकर मीडिया से बात की. श्रुति ने कहा, "मुझे बहुत दुख है कि मेरे प्रियजन मेरे साथ नहीं हैं. मेरे माता-पिता और मंगेतर चाहते थे कि मैं खुशी से रहूं. हमें जीवन में आने वाली मुश्किलों से लड़ना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए." उन्होंने कहा कि यह नौकरी उनके भविष्य के लिए बहुत मददगार साबित होगी. बता दें कि महिला को यह नौकरी राज्य सरकार द्वारा दी गई थी क्योंकि उसके साथ लगातार कई घटनाएं घटी थीं. इससे पहले वह कोझिकोड में एक निजी फर्म में एकाउंटेंट के रूप में काम करती थीं.

परिवार के जाने से अकेले जी रही श्रुति

जानकारी के अनुसार श्रुति का परिवार लैंडस्लाइड की घटना में खत्म हो गया था. इसके बाद से वह अकेले ही जिंगदी गुजार रही हैं. घटना से एक महीने पहले श्रुति का परिवार चूरलमाला गांव में एक नए घर में चला गया था, जहां उसकी 24 वर्षीय जेन्सन के साथ उसकी सगाई हुई थी और पूरे परिवार ने धूमधाम से जश्न भी मनाया था. 30 जुलाई को चूरलमाला और मुंडक्कई गांवों को बहा ले जाने वाले लैंडस्लाइड में उसने अपने पिता शिवन्ना को खो दिया वह एक राजमिस्त्री थे. उसकी मां सबिता एक दुकान में काम करती थी और छोटी बहन श्रेया कॉलेज में पढ़ती थी.

लैंडस्लाइड में बह गए गहने

रिपोर्ट में बताया गया कि लैंडस्लाइड की इस घटना में श्रुति का नया घर, 15 सोना और 4 लाख रुपये कैश जो श्रुति की शादी के लिए अलग रखे थे वह भी बह गए. उसके मामा सिद्धराज, उनकी पत्नी दिव्या और उनके बेटे की भी मौत हो गई थी. श्रुति और जेन्सन स्कूल फ्रेंडस् थे और दोनों ही अलग-अलग धर्मों से थे. 11 सितंबर को एक एक्सीडेंट में जेन्सन की मौत हो गई थी. पहले परिवार फिर मंगेतर की मौत के बाद श्रुति इमोशनली रूप से पूरी तरह टूट गई.

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