आतंकी लखवी को जेल में मिली 'हनीमून' की छूट! ओवैसी ने खोला आतंकिस्तान का कच्चा चिट्ठा | Video
असदुद्दीन ओवैसी ने अल्जीरिया में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए खुलासा किया कि पाकिस्तान की जेल में बंद आतंकी जकीउर रहमान लखवी पिता बन गया. उन्होंने पाकिस्तान की आतंकवाद को लेकर दोहरी नीति की आलोचना की और FATF की ग्रे लिस्ट में उसे फिर शामिल करने की मांग की. ओवैसी ने ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया.

आतंकी लखवी को जेल में मिली 'हनीमून' छूट! ओवैसी ने खोला आतंकिस्तान का कच्चा चिट्ठा | Videoअल्जीरिया में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के आतंकवाद को लेकर दोहरे रवैये की पोल खोली. उन्होंने खुलासा किया कि मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और अंतरराष्ट्रीय आतंकी जकीउर रहमान लखवी, जब कथित रूप से पाकिस्तान की जेल में बंद था, उसी दौरान वह एक बच्चे का पिता बन गया. ओवैसी ने यह सवाल उठाया कि अगर कोई आतंकी जेल में है, तो वह पिता कैसे बन सकता है? इससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की जेलें आतंकियों के लिए जेल नहीं, बल्कि रिहायशी सुविधा केंद्र बन चुकी हैं.
ओवैसी ने कहा कि जब तक पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में था, तब तक लखवी जैसे आतंकियों पर कार्रवाई का दिखावा हुआ. लेकिन जैसे ही दबाव हटा, पुराना रवैया फिर लौट आया. उन्होंने याद दिलाया कि पाकिस्तान को जब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घेरा गया, तभी उसने मजबूरी में दिखावटी मुकदमे चलाए. भारत के अनुसार, यह सब सिर्फ दिखाने के लिए था ताकि वह वैश्विक मंचों पर खुद को आतंकवाद के खिलाफ खड़ा देश दिखा सके.
पूरी दुनिया पर खतरा
ओवैसी ने चेताया कि पाकिस्तान का आतंकी नेटवर्क अब सिर्फ भारत का मुद्दा नहीं रह गया है. उन्होंने कहा, "भारत आज चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. अगर पाकिस्तान जैसे देशों को वैश्विक मंचों पर जवाबदेह नहीं बनाया गया, तो दक्षिण एशिया से यह हिंसा यूरोप, अफ्रीका और अन्य जगहों तक फैल सकती है." उन्होंने दुनिया से अपील की कि पाकिस्तान को एक बार फिर FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जाए ताकि उसके आतंकी नेटवर्क को आर्थिक रूप से कमजोर किया जा सके.
विचारधारा और पैसा: आतंकवाद के दो मुख्य स्तंभ
अपने भाषण में ओवैसी ने कहा, "आतंकवाद दो चीजों पर टिका है- विचारधारा और धन." उन्होंने पाकिस्तान की भूमिका को रेखांकित करते हुए बताया कि किस तरह कट्टरपंथी विचारधारा को पोषित कर वह आतंकवाद को बढ़ावा देता है. उन्होंने अल्जीरिया के लोगों से भी सहमति जताई कि वे खुद भी तकफीरी हिंसा और चरमपंथ के दौर से गुजरे हैं. भारत और अल्जीरिया दोनों को वैश्विक स्तर पर मिलकर इस विचारधारा के खिलाफ खड़ा होना होगा.
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की निर्णायक कार्रवाई
7 मई को भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए ओवैसी ने बताया कि कैसे पाकिस्तान और PoK में फैले आतंकी ढांचे को भारतीय सेना ने निर्णायक रूप से ध्वस्त किया. इस ऑपरेशन में जैश, लश्कर और हिजबुल जैसे संगठनों के 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए. पाकिस्तान ने जवाब में सीमा पार से गोलाबारी और ड्रोन हमले किए, लेकिन भारत की जवाबी कार्रवाई में 11 पाकिस्तानी एयरबेस तबाह हो गए. यह साफ संकेत था कि भारत अब आतंकी हमलों का जवाब केवल बयानबाज़ी से नहीं, ठोस सैन्य कार्रवाई से देगा.
पाकिस्तान और अल-कायदा से कोई फर्क नहीं
ओवैसी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान की आतंकी सोच अब अल-कायदा जैसी वैश्विक आतंकी संस्थाओं से अलग नहीं रही. उसने कहा, "पाकिस्तान तकफीरी विचारधारा का गढ़ बन चुका है. वहां के आतंकी संगठनों को लगता है कि वे धर्म की आड़ में हिंसा कर सकते हैं. ये वही सोच है जो वैश्विक आतंकवाद को जन्म देती है और दुनिया को अस्थिर करती है." उन्होंने यह भी कहा कि भारत और विश्व समुदाय को पाकिस्तान की इस नीतिगत सोच को बेनकाब कर, उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करना होगा.