धर्म की आड़ में पाखंड! पुजारी द्वारा महिला से बर्बरता का वीडियो वायरल, भड़के लोगों ने कहा- इसे तुरंत गिरफ्तार करो
एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक मंदिर के पुजारी पर महिलाओं के साथ धर्म की आड़ में बर्बरतापूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगा है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में पुजारी का अपमानजनक और हिंसात्मक रवैया साफ देखा जा सकता है. इस घटना ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है और महिला आयोग तथा स्थानीय पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है. अब पुजारी के खिलाफ महिला उत्पीड़न का केस दर्ज करने की मांग हो रही है.
Temple priest abuse women viral video: मंदिरों में प्रतिष्ठित पद पर रहकर महिलाओं के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार का आरोप बेहद गंभीर और चिंतनीय है. हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति ने स्थानीय मंदिर में एक पुजारी द्वारा महिलाओं के प्रति की गई शर्मनाक हरकतों का वर्णन किया है. पोस्ट में कहा गया है, “धर्म के नाम पर इस नालायक को महिलाओं के साथ इस तरह के अत्याचार की आजादी किसने दी?”
पोस्ट के अनुसार, यह पुजारी धर्म का ढोंग करते हुए महिलाओं को कथित रूप से मानहानि, छेड़खानी और धमकी देने तक के कार्यों में शामिल रहा. यह खबर अब फैल रही है और लोगों में गुस्सा और चिंता दोनों बढ़ा रही है.
लोगों में घटना को लेकर आक्रोश
लोगों में घटना को लेकर आक्रोश है. उनका कहना है कि पुजारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. इन लोगों को किसी महिला को मारने और आडम्बर फैलाने का अधिकार किसने दिया है. यह धर्म नहीं, अधर्म है. ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
पिछले कुछ वर्षों में हुए मंदिर संबंधित अपराधों के उदाहरण
सिर्फ एक महीने पहले मदुरै के परिया मरीअम्मन मंदिर में तीन पुजारियों को महिलाओं पर होली राख छिड़कने और अश्लील नौटंकी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इनमें एक वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद इन्हें आरोपी बनाया गया था. इसी तरह, बेंगलुरु की एक महिला ने केरल के एक मंदिर में यह आरोप लगाया कि वहां के ‘क्लर्क एडमिनिस्ट्रेटर’ ने उसे काला जादू निकालने का बहाना बनाकर बार-बार बलात्कार किया. साथ ही, वीडियो कॉल ब्लैकमेल और धमकी की भी शिकायत दर्ज हुई. इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि केवल धर्माभिमानी नहीं, बल्कि मंदिरों में आपराधिक व्यवहार भी लगातार बढ़ रहा है.
पवित्रता बनाम अपराध
धर्म के नाम पर किए गए अपराधों को आसानी से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. ऐसे मामलों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है ताकि मंदिरों में बदलाव आए और महिलाओं को भय के बजाय सम्मान मिले. धर्म की आड़ में महिलाओं के साथ की जाने वाली इस तरह की हरकतें ना केवल अपमानजनक हैं, बल्कि मानवाधिकारों का सीधा उल्लंघन हैं.
सार्वजनिक सुरक्षा और धार्मिक संस्थाओं की पवित्रता को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सख्त कार्रवाई की जाए. अगर पीड़ित या आने वाले अन्य लोग ऐसे अत्याचारों के सामना कर रहे हैं तो उन्हें अधिकारिक रूप से शिकायत दर्ज कराने का अधिकार है.





