15 महीने की जांच, 113 गवाह-रेप का एक वीडियो और सबूत के तौर पर एक साड़ी... प्रज्वल रेवन्ना केस की पूरी कहानी
कर्नाटक के पूर्व सांसद और जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ चल रहे रेप और यौन उत्पीड़न के मामलों ने राजनीतिक हलकों में भूचाल ला दिया है. उन पर एक महिला घरेलू सहायिका ने यौन शोषण का आरोप लगाया था, जो इस हाई-प्रोफाइल सेक्स स्कैंडल का अहम हिस्सा बन गया. SIT जांच में चौंकाने वाले वीडियो और बयान सामने आए, जिनसे केस मजबूत हुआ. जन प्रतिनिधियों की विशेष अदालत ने 2 अगस्त को उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही, 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
Prajwal Revanna rape case : बेंगलुरु की विशेष अदालत (विशेष सांसद अदालत) ने प्रज्वल रेवन्ना को 47‑साल की घरेलू नौकरानी के साथ सामूहिक बलात्कार व यौन उत्पीड़न के आरोप में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही, उन पर 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. फैसले के समय अदालत में प्रज्वल भावुक हो उठे और रो पड़े, जिससे मामला और भी संवेदनशील बन गया.
रेवन्ना को यह सजा 15 महीने की जांच, 113 गवाहों के बयान, रेप का एक वीडियो और सबूत के तौर पर एक साड़ी पेश के बाद मिली. यह मामला उनके खिलाफ दर्ज चार गंभीर यौन अपराधों में से एक है, जिसमें 3 रेप और एक सेक्शुअल हैरेसमेंट का केस शामिल है.
क्या है पूरा मामला?
पीड़िता ने आरोप लगाया कि प्रज्वल ने उसे 2021 में कर्नाटक के गननकाडा फार्महाउस और बेंगलुरु आवास दोनों जगहों पर तीन बार बलात्कार किया और घटना की वीडियो भी बनाई. इस घटना की जांच एक SIT (विशेष जांच टीम) द्वारा की गई, जिसमें 1,600+ पन्नों की चार्जशीट, फोरेंसिक रिपोर्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक सबूत और 23‑26 गवाहों के बयान शामिल थे .
24 अप्रैल 2024 को स्टेडियम के रनिंग ट्रैक पर मिले कई पेन ड्राइव
बता दें कि 24 अप्रैल 2024 को हासन में स्टेडियम के रनिंग ट्रैक पर कई पेन ड्राइव बिखरे मिले. इनमें प्रज्वल रेवन्ना की 2970 सेक्स क्लिप थी. रेवन्ना ने दावा किया कि ये वीडियो एडिटेड हैं. उन्होंने अपने पूर्व ड्राइवर कार्तिक पर वीडियो सर्कुलेट करने का आरोप लगाया. सेक्स वीडियो में नजर आने वाली महिलाएं हासन, मैसुरु, होलेनरासीपुर और आसपास के इलाकों में रहती थीं.
वीडियो सामने आने के बाद रेवन्ना के खिलाफ 4 केस दर्ज किए गए. इसी बीच, उन्होंने 26 जुलाई को देश छोड़ दिया. जर्मनी से वापस लौटने पर 31 मई 2024 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. जब मामले की जांच शुरू हुई तो अचानक से एक के बाद एक 50 महिलाएं सामने आईं. उन्होंने रेवन्ना पर सेक्शुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया. 12 महिलाओं ने रेवन्ना पर रेप का आरोप लगाया. कुल 4 केस दर्ज किए गए.
राजनीतिक मायने और प्रभाव
प्रज्वल रेवन्ना, जो पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते और एच.डी. कुमारस्वामी के भतीजे हैं, के खिलाफ यह कार्रवाई उनके राजनीतिक करियर के लिए एक बड़ा झटका है. मीडिया में भारी चर्चा यह रही कि जब यौन उत्पीड़न वीडियो वायरल हुए, तो उन्होंने आलोचकों पर राजनीतिक साज़िश का आरोप लगाया, लेकिन अदालत ने तकनीकी विश्लेषण के बाद उनकी पहचान स्पष्ट कर दी थी.
यह पहला मामला है, जिसमें एक विशेष सांसद अदालत ने निर्वाचित प्रतिनिधि को रेप मामले में दोषी ठहराया है, जिससे कानून के प्रति निडर संदेश गया है. प्रज्वल रेवन्ना को रेप और यौन उत्पीड़न मामले में दोषी पाए जाने से स्पष्ट संदेश जाता है कि ऊंचे राजनीतिक पद देकर भी कोई अपराधी बच नहीं सकता. अदालत के फैसले ने महिला सुरक्षा, न्याय व्यवस्था और राजनीतिक जवाबदेही के सवालों को नए सिरे से समाज के सामने रखा है.





