Swami Chakrapani: मेरे लिए दाउद इब्राहिम गली का डरपोक गुंडा है, दिलेर होता तो पाकिस्तानी ‘बिल’ में न छिपता?
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी महाराज ने पाकिस्तान के मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी दाउद इब्राहिम को खुलेआम चुनौती दी है. स्वामी चक्रपाणी ने दाउद को मुंबई की गलियों के सड़क-छाप गुंडे से ज्यादा कुछ नहीं बताया और कहा कि वह भारत और खुद से क्यों डरेंगे. स्टेट मिरर हिंदी से बात करते हुए स्वामी चक्रपाणी ने राम मंदिर के निर्माण के लिए अपनी जिद और पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया.

अखिल भारत हिंदू महासभा (Akhil Bharat Hindu Mahasabha ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज (Swami Chakrapani Maharaj) के नाम और काम से भला देश-दुनिया में कौन परिचित नहीं होगा. खासकर उन स्वामी चक्रपाणि महाराज से जो हिंदुत्व को चुनौती देने की जुर्रत करने वाले, भारत के मोस्ट वॉन्टेड अंतरराष्ट्रीय भगोड़ा आतंकवादी दाउद इब्राहिम (Terrorist Dawood Ibrahim) से भी सीधे टकराने से नहीं हिचकिचाए. ऐसे अड़ियल-जिद्दी कहिए या फिर राष्ट्रभक्त स्वामी चक्रपाणि महाराज (Akhil Bharat Hindu Mahasabha), ने पाकिस्तानी (Pakistani Terrorist) मांद में छिपे पड़े दाउद इब्राहिम को फिर ललकारा है. यह कहते हुए कि ‘मेरे लिए दाउद इब्राहिम मुंबई की गलियों के सड़क-छाप गुंडे-मवाली से ज्यादा कुछ नहीं है. खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के लिए होगा वह (दाउद इब्राहिम) मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी.’
दाउद इब्राहिम को खुला चैलेंज दिया
साल 1993 में मुंबई में हुए 12-13 सीरियल बम ब्लास्ट के बाद से ही पाकिस्तान की मांद में छिपे पड़े दाउद इब्राहिम के संग, अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी महाराज के बीच तो, मानो कोई पूर्व जन्म की ज्यादती दुश्मनी पीछा करती हुई चली आ रही हो. अब से पहले यही चक्रपाणी महाराज दाउद की कार नीलामी में खरीद लाए और उस कार को, दाउद इब्राहिम को खुला चैलेंज करते हुए दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में आग लगाकर स्वाह कर दिया. कार जलाए जाने की तपिश ने दाउद इब्राहिम और उसके गुर्गों के बदल कुछ ऐसे झुलसाए कि उन्होंने, एक दिन स्वामी चक्रपाणी महाराज को ही हिटलिस्ट में शामिल कर लिया.
आतंकवादी दाउद है वह डरे भारत और मुझसे
बात यहीं तक सीमित नहीं रही. दाउद के राइटहैंड छोटा शकील ने तो बाकायदा स्वामी चक्रपाणी महाराज को जान से मारने की ही धमकी दे डाली. ऐसे स्वामी चक्रपाणी महाराज (Swami Chakrapani Maharaj) से स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर (क्राइम) ने, 20 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली स्थित अखिल भारत हिंदू महासभा मुख्यालय में करीब 2 घंटे लंबी और एक्सक्लूसिव बात की. पॉडकास्ट रिकॉर्डिंग के दौरान यूं तो तमाम मुद्दों पर बेबाक बात हुई. जिक्र जब दाउद इब्राहिम छेड़ा तो स्वामी चक्रपाणी महाराज बिफर पड़े. बोले, मुंबई की गलियों के गुंडे-भगोड़े-डरपोक दाउद इब्राहिम से मैं क्यों डरूं? भारत का दुश्मन और आतंकवादी दाउद इब्राहिम है (Dawood Ibrahim) तो वह डरे हमसे, भारत या चक्रपाणी महाराज काहे को डरें!
‘बाबर’ के वंशज मैंने ठिकाने ला दिये
यहां जिक्र करना जरूरी है कि यह वही स्वामी चक्रपाणी महाराज हैं जिन्होंने कानूनी रुप से, ‘राम-मंदिर’(Ram Mandir ) हासिल करने की जिद में अपनी जमीन-जायदाद तक बेच डाली. राम मंदिर निर्माण और रामलला (Ram Temple) की स्थापना की जिक्र आने पर स्वामी चक्रपाणी महाराज आवेश में आ जाते हैं. क्यों आवेश में आ गए? इस सवाल का जवाब आपको अगली किश्त में पढ़ने को मिलेगा. हां, वह इतना जरूर कहते हैं कि राम लला को लेकर देश की अदालतों में चल रहे मुकदमों से पहले ही मैंने, मुगल आक्रांता बाबर (Mughal Emperor Babar) के इस वक्त मौजूद वंशजों को जरूर मैं ठिकाने पर ले आया.
मुगल वंशजों ने ‘राम-खड़ाऊं’ सिर पर अयोध्या पहुंचाईं
ठिकाने का मतलब? पूछने पर बोले, हैदराबाद से बाबर के वंशज दिल्ली बुलाए. दिल्ली आते ही वो खुद ही बोलने लगे कि रामलला (Ram Mandir) के संग उनके पूर्वजों ने बुरा किया, जो नहीं होना चाहिए. इतना ही नहीं बाबर के वंशजों ने लिखित में माफी मांगी हाथ जोड़े, अपने पूर्वजों-पुरखों द्वारा रामलाला के संग की गई न-इंसाफी-बेइमानी के लिए. बाद में मैं उनके सिर पर रामलला (Ramlala) की खड़ाऊं रखवाकर/कान पकड़वा कर, उन्हें दिल्ली से अयोध्या (Ayodhya) तक ले गया. उन्होंने वहां रामलला के सामने खड़े होकर अपने पुरखों की बेजा करतूतों के लिए क्षमा मांगी.