'जमानत और फिर मंत्री... यह क्या हो रहा है?', सेंथिल बालाजी को सुप्रीम कोर्ट ने क्यों लगाई फटकार?
Supreme Court to Senthil Balaji: तमिलनाडु के डीएमके नेता सेंथिल बालाजी को जून 2023 में कैश-फॉर-जॉब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के दूसरे दिन ही उनके मंत्री बनाए जने पर चिंता जाहिर की है.

Supreme Court to Senthil Balaji: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार यानी 2 दिसंबर 2024 को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) नेता सेंथिल बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले फटकार लगाई है. कोर्ट का कहना है कि जमानत दिए जाने के तुरंत बाद तमिलनाडु में एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें मंत्री बना दिया गया, जिसे लेकर कोर्ट ने आपत्ति जाहिर की है.
जस्टिस ए एस ओका और जस्टिस ए जी मसीह की पीठ ने जांच का आदेश दिया है कि क्या मंत्री रहने के कारण उनके खिलाफ गवाही देते समय गवाहों पर दबाव पड़ेगा? जस्टिस ओका ने पूछा, 'हम जमानत देते हैं और अगले दिन आप जाकर मंत्री बन जाते हैं? कोई भी यह सोचेगा कि अब वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री के रूप में आपके पद के कारण गवाहों पर दबाव होगा. यह क्या हो रहा है?'
गवाहों पर दबाव की होगी जांच
कोर्ट ने कहा कि वह जमानत देने वाले पूरे फैसले को वापस नहीं लेगी, लेकिन गवाहों के दबाव में आने की आशंका की जांच करेगी. कोर्ट ने कहा, 'आशंका यह है कि दूसरे प्रतिवादी के खिलाफ आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, गवाह कैबिनेट मंत्री के पद पर बैठे दूसरे प्रतिवादी के खिलाफ गवाही देने के मूड में नहीं हो सकते हैं.'
बालाजी के वकील ने मांगा समय
बालाजी के वकील ने इसके लिए समय मांगा, जिसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर, 2024 को तय की. कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें बालाजी को जमानत देने के 26 सितंबर, 2024 के आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस आधार पर जमानत दी थी कि मुकदमे के जल्द शुरू होने की कोई संभावना नहीं है. जमानत देने के तीन दिन बाद 29 सितंबर को बालाजी को एक बार फिर राज्य सरकार में मंत्री बनाया गया.