पत्नी पति को मूर्ख न समझे... सुप्रीम कोर्ट ने कपल को दी सलाह, मतभेद खत्म करने के लिए निकाले बीच का रास्ता
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि पत्नी को अपने पति को लट्टू नहीं समझना चाहिए. कोर्ट ने साफ कहा कि ऐसा रास्ता निकालो जिससे दोनों को परेशानी न हो. बता दें कि कोर्ट में शादीशुदा कपल के झगड़ों के केस बढ़ते जा रहे हैं. महिला ने अपनी याचिका को ट्रांसफर करने की अपील की.

Supreme Court: पति-पत्नी के बीच झगड़े होना आम बात है, लेकिन कई बार बात ज्यादा बढ़ जाती है. यहां तक की मामला कोर्ट तक पहुंच जाता है. अब ऐसे ही एक मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि पत्नी को अपने पति को लट्टू नहीं समझना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (14 अक्टूबर) को इस मामले पर सुनवाई हुई. महिला ने अपनी याचिका को ट्रांसफर करने की अपील की. अदालत ने दोनों को बीच का रास्ता अपनाकर मामले को शांत करने की सलाह दी. यह शादीशुदा कपल के लिए अहम टिप्पणी मानी जा ही है.
क्या है मामला?
याचिकाकर्ता और उसके पति दोनों ही सरकारी कर्मचारी हैं. साल 2018 में उनकी शादी हुई थी. कपल की एक बेटी (5) और एक बेटा (3) है. वह साल 2023 से अलग रह रहे हैं. पति दिल्ली में है और महिला बच्चों के साथ पटना में रह रही है. पति का कहना है कि हर बार मेरा बच्चों से मिलने के लिए ससुराल में रुकना संभव नहीं.
उसने कहा कि वह पटना में ही अलग घर लेकर हफ्ते में एक बार बच्चों से मिलना चाहते हैं. पत्नी ने यह बात मामने से मना कर दिया. इसलिए शख्स को ही बार-बार पटना जाना पड़ रहा था. बता दें कि महिला की ससुराल वालों से नहीं बनती इसलिए वह दिल्ली पति के घर नहीं आती.
कोर्ट ने दी सलाह
पति-पत्नी दोनों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने बीच का रास्ता निकालने की सलाह दी. अदालत ने पति से कहा कि वह त्योहारों में बच्चों से मिलने के लिए एक हफ्ते पटना में रहने का इंतजाम कर दें. नहीं को अपने माता-पिता को किसी होटल में ले जाए, जिससे पत्नी बच्चों को लेकर दिल्ली अपने ससुराल आ सके.
जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि पत्नी को अपने पति को मूर्ख नहीं समझना चाहिए और उसका ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए. कोर्ट ने साफ कहा कि ऐसा रास्ता निकालो जिससे दोनों को परेशानी न हो. बता दें कि कोर्ट में शादीशुदा कपल के झगड़ों के केस बढ़ते जा रहे हैं. इस मामले में रिश्तों के महत्व को समझने पर जोर दिया गया. क्योंकि कुछ मतभेदों को समझदारी से दूर करना चाहिए.